लखनऊ। लॉकडाउन क्या हुआ, मुनाफाखोरों ने दुकानों पर राशन महंगा कर दिया गया। ठेलों पर सब्जियां महंगी हो गईं। दवाइयां और जरूरत की लगभग हर वस्तु तय दरों से अधिक पर बेची जाने लगी। ऐसे में डाक विभाग के आला अधिकारी आगे आए। उन्होंने मोर्चा खोला। अपनी तनख्वाह का एक हिस्सा निकाला, उससे कोष बनाया। उधर डाक विभाग की मेल वैन्स की फिटनेस चेक की गई, फिर जुटाई गई धनराशि से आटा, चावल, दालें और जरूरी राशन खरीदा गया। मंडी से हरी व ताजी सब्जियां ली गईं और गाड़ी में लादकर बंटवाने का अभियान शुरू कर दिया गया। डाक विभाग का यह प्रयास शहर के अमूमन हर बड़े इलाके में पहुंच चुका है। हजरतगंज स्तिथ जीपीओ से लेकर गोमतीनगर, अलीगंज, इंदिरानगर, चौक, आलमबाग जैसे इलाकों में इस गाड़ी के जरिए सस्ता, किफायती और मार्केट रेट पर राशन व सब्जियां लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं।
लॉक डाउन के दौरान डाक विभाग के चीफ पोस्टमास्टर जनरल कौशलेंद्र कुमार सिन्हा, डाक निदेशक लखनऊ परिक्षेत्र कृष्ण कुमार यादव, राजीव उमराव निदेशक डाक सेवाएं (मुख्यालय), प्रवर डाकघर अधीक्षक आलोक ओझा और चीफ पोस्टमास्टर, लखनऊ जीपीओ आरएन यादव असली कोरोना फाइटर बनकर सामने आए हैं। जो डाकघरों में उपभोक्ताओं से जुड़े सेवाओं को भी बेहतर बना रहे हैं। यहां तक कि घर बैठे बैंकों से पैसे निकालने के लिए डाकियों को भेज रहे हैं।
लॉक डाउन के दौरान डाक विभाग के चीफ पोस्टमास्टर जनरल कौशलेंद्र कुमार सिन्हा, डाक निदेशक लखनऊ परिक्षेत्र कृष्ण कुमार यादव, राजीव उमराव निदेशक डाक सेवाएं (मुख्यालय), प्रवर डाकघर अधीक्षक आलोक ओझा और चीफ पोस्टमास्टर, लखनऊ जीपीओ आरएन यादव असली कोरोना फाइटर बनकर सामने आए हैं। जो डाकघरों में उपभोक्ताओं से जुड़े सेवाओं को भी बेहतर बना रहे हैं। यहां तक कि घर बैठे बैंकों से पैसे निकालने के लिए डाकियों को भेज रहे हैं।
बीमारों तक पहुंचवा रहे दवाएं-कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा, चीफ पोस्टमास्टर जनरल, उत्तर प्रदेश परिमंडल
कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है, ऐसे में भारत सरकार द्वारा डाकघरों को आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए सभी डाकघरों को खुलवाया गया है। ताकि लॉक डाउन के दौरान जो लोग घरों में हैं और उन्हें जरूरी सामानों से लेकर दवाओं की जरूरत है तो उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो। ऐसे में बीमारों को दवाओं के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है। ई कॉमर्स कंपनी नेटमेड्स से एग्रीमेंट किया गया है। पीएम केयर्स फण्ड में भी उत्तर प्रदेश के सभी डाककर्मियों से एक दिन का वेतन देने की अपील की है।
घर बैठे ही निकालिए खाते से पैसे -कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएं, लखनऊ परिक्षेत्र
लॉकडाउन के दौरान रोजाना इसी मुद्दे पर मंथन होता है कि जरूरतमंदों के लिए क्या कुछ किया जा सकता है। इसलिए लखनऊ में पोस्ट ऑफिस ऑन व्हील्स सेवा की शुरुआत की गई। इसमें लोग घर बैठे डाकघर की सेवाएं ले सकते हैं। इतना ही नहीं किसी भी बैंक खाते से पैसा घर बैठे निकाल सकते हैं। इसके लिए डाकिए घर-घर भेजे जा रहे हैं। कुल 2000 लोग अभी तक 48 लाख रुपये निकाल चुके हैं। एक बार में अधिकतम 10000 रुपये ही निकाले जा सकते हैं। इसके अलावा व्यक्तिगत स्तर पर भी कई बार जरूरतमंद लोगों को भोजन बंटवाया जा रहा है।
ताकि ताजी सब्जियों के लिए परेशान न हों लोग- राजीव उमराव, निदेशक डाक सेवाएं (मुख्यालय)
शहर से लेकर गांव तक लॉक डाउन में लोगों की मदद की जा रही है। लोगों के सामने राशन और सब्जियों का संकट न खड़ा हो, इसलिए डोर टू डोर डिलीवरी की जा रही है। यह काम पूरी तन्मयता से किया जा रहा है। आर्थिक रूप से पिछड़े और गरीबों को मुफ्त में भी भोजन के पैकेट्स वितरित किये जा रहे हैं। यह प्रयास यूं ही जारी रहेगा और लोगों की मदद का क्रम बना रहेगा।
हर मर्ज की है दवा-आलोक ओझा, प्रवर डाकघर अधीक्षक, लखनऊ मंडल
कोरोना महामारी से लड़ने हेतु इस समय दवाओं की आपूर्ति एक अहम कार्य है। लखनऊ डाक मंडल तमाम दवा कंपनियों से संपर्क में है, ताकि लोगों को घरों तक दवा का वितरण किया जा सके। फिलहाल, ई-कॉमर्स कंपनी नेट्मेड्स के द्वारा दवाओं के पैकेट्स की बुकिंग आरंभ की गई है, जो कि पूरे भारत में वितरित होगी । लखनऊ में बुकिंग के तत्काल बाद वितरण हमारी प्राथमिकता में शामिल है।
उपभोक्ताओं की सुरक्षा पर भी है फोकस -आरएन यादव, चीफ पोस्टमास्टर, लखनऊ जीपीओ
लखनऊ जीपीओ में डाक वितरण, मनी ऑर्डर बुकिंग, स्पीड पोस्ट बुकिंग, बचत जमा व निकासी, डाक जीवन बीमा, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के कार्य हो रहे हैं। इसमें ग्राहकों के साथ सभी कर्मचारियों की सुरक्षा पर विशेष फोकस है। सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन की जा रही है और फील्ड में जाने वाले डाकियों को मास्क व सेनेटाइजर भी दिया जा रहा है।
साभार : अमर उजाला, 5 अप्रैल, 2020 (कोरोना फाइटर्स, भारतीय डाक विभाग-लखनऊ)
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