Monday, September 14, 2009

14 सितम्बर : संचयिका दिवस

14 सितंबर को संचयिका दिवस मनाया जाता है। संचयिका यानी स्कूली बच्चों की बचत बैंक योजना, जिसमें वे अपनी छोटी-छोटी बचतें करना सीखते हैं. कहते भी हैं-बूंद-बूंद से भरता सागर. बचत आदत नहीं संस्कार है, जो आजीवन काम आती है. पहले संचयिका योजना राष्ट्रीय बचत संगठन (कालांतर में राष्ट्रीय बचत संस्थान) के अधीन संचालित होती थी,वर्ष 2002 के आखिर में केंद्र सरकार ने इसे राज्य सरकारों को सौंप दिया। ..तो आइये हम भी इस दिन अपने बच्चों को बचत का क..ख..ग...सिखाएं व उनमें बचत की आदत विकसित करें. स्कूलों के माध्यम से खुले संचायिका खाते वाकई एक सुखद भविष्य की ओर इशारा करते हैं, बस इन्हें समझने की देरी है.

5 comments:

Akanksha Yadav said...

...Bahut khub. Aj bachhon men bachat ki adat viksit karne ki jarurat hai.

Akshitaa (Pakhi) said...

ये तो बहुत अच्छी बात बताई आपने...अब मैं भी खाता खोलूंगी.

Bhanwar Singh said...

यह हुई न ज्ञान की बात. आप लोगों को सचेत भी कर रहे हैं..सुन्दर प्रयास.

शरद कुमार said...

....यह जरुरी है कि इस पर लोग सोचें.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

तो आइये हम भी इस दिन अपने बच्चों को बचत का क..ख..ग...सिखाएं व उनमें बचत की आदत विकसित करें...लीजिये हम हाजिर हैं.