Wednesday, July 31, 2013

डाक-मुंशी के पुत्र रहे प्रेमचन्द ने लिखी साहित्य-जगत में नई इबारत


हिन्दी साहित्य के इतिहास में उपन्यास सम्राट के रूप में अपनी पहचान बना चुके प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था. वह एक कुशल लेखक, जिम्मेदार संपादक और संवेदशील रचनाकार थे. प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई, 1880 को वाराणसी से लगभग चार मील दूर लमही नामक ग्राम में हुआ था. इनका संबंध एक गरीब कायस्थ परिवार से था. इनकी माता का नाम आनन्दी देवी था. इनके पिता अजायब राय श्रीवास्तव डाकमुंशी के रूप में कार्य करते थे.ऐसे में प्रेमचंद का डाक-परिवार से अटूट सम्बन्ध था.
जब प्रेमचंद के पिता गोरखपुर में डाकमुंशी के पद पर कार्य कर रहे थे उसी समय गोरखपुर में रहते हुए ही उन्होंने अपनी पहली रचना लिखी. यह रचना एक अविवाहित मामा से सम्बंधित थी जिसका प्रेम एक छोटी जाति की स्त्री से हो गया था. वास्तव में कहानी के मामा कोई और नहीं प्रेमचंद के अपने मामा थे, जो प्रेमचंद को उपन्यासों पर समय बर्बाद करने के लिए निरन्तर डांटते रहते थे. मामा से बदला लेने के लिए ही प्रेमचंद ने उनकी प्रेम-कहानी को रचना में उतारा. हालांकि प्रेमचंद की यह प्रथम रचना उपलब्ध नहीं है, क्योंकि उनके मामा ने क्रुद्ध होकर पांडुलिपि को अग्नि को समर्पित कर दिया था.

प्रेमचंद बचपन से ही काफी खुद्दार रहे. 1920 का दौर... गाँधी जी के रूप में इस देश ने एक ऐसा नेतृत्व पा लिया था, जो सत्य के आग्रह पर जोर देकर स्वतन्त्रता हासिल करना चाहता था। ऐसे ही समय में गोरखपुर में एक अंग्रेज स्कूल इंस्पेक्टर जब जीप से गुजर रहा था तो अकस्मात एक घर के सामने आराम कुर्सी पर लेटे, अखबार पढ़ रहे एक अध्यापक को देखकर जीप रूकवा ली और बडे़ रौब से अपने अर्दली से उस अध्यापक को बुलाने को कहा । पास आने पर उसी रौब से उसने पूछा-‘‘तुम बडे़ मगरूर हो। तुम्हारा अफसर तुम्हारे दरवाजे के सामने से निकल जाता है और तुम उसे सलाम भी नहीं करते।’’ उस अध्यापक ने जवाब दिया-‘‘मैं जब स्कूल में रहता हूँ तब मैं नौकर हूँ, बाद में अपने घर का बादशाह हूँ।’’अपने घर का बादशाह यह शख्सियत कोई और नहीं, वरन् उपन्यास सम्राट प्रेमचंद थे, जो उस समय गोरखपुर में गवर्नमेन्ट नार्मल स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे।

प्रेमचंद बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार थे. उनकी रचनाओं में तत्कालीन इतिहास की झलक साफ दिखाई देती है. यद्यपि प्रेमचंद के कालखण्ड में भारत कई प्रकार की प्रथाओं और रिवाजों, जो समाज को छोटे-बड़े और ऊंच-नीच जैसे वर्गों में विभाजित करती है, से परिपूर्ण था इसीलिए उनकी रचनाओं में भी इनकी उपस्थिति प्रमुख रूप से शामिल होती है. प्रेमचंद का बचपन बेहद गरीबी और दयनीय हालातों में बीता. मां का चल बसना और सौतेली मां का बुरा व्यवहार उनके मन में बैठ गए थे. वह भावनाओं और पैसे के महत्व को समझते थे. इसीलिए कहीं ना कहीं उनकी रचनाएं इन्हीं मानवीय भावनाओं को आधार मे रखकर लिखे जाते थे. उन्होंने अपनी रचनाओं में जन साधारण की भावनाओं, परिस्थितियों और उनकी समस्याओं का मार्मिक चित्रण किया था. उनकी कृतियाँ भारत के सर्वाधिक विशाल और विस्तृत वर्ग की कृतियाँ हैं. इसके अलावा प्रेमचंद ने लियो टॉल्सटॉय जैसे प्रसिद्ध रचनाकारों के कृतियों का अनुवाद भी किया जो काफी लोकप्रिय रहा.


प्रेमचंद जी के पिता अजायब राय डाक-कर्मचारी थे, अत: प्रेमचंद जी अपने ही परिवार के हुए। आज उनकी जयंती पर शत-शत नमन। डाक-परिवार अपने ऐसे सपूतों पर गर्व करता है व उनका पुनीत स्मरण करता है।प्रेमचंद की स्मृति में भारतीय डाक विभाग की ओर से 31 जुलाई, 1980 को उनकी जन्मशती के अवसर पर 30 पैसे मूल्य का एक डाक टिकट भी जारी किया गया !!

(मुंशी प्रेमचंद जी पर मेरा विस्तृत आलेख साहित्याशिल्पी पर पढ़ सकते हैं. इसके अलावा प्रेमचंद जी पर मेरा आलेख  आज 31 जुलाई, 2013  के 'जनसंदेश टाइम्स' में भी पढ़ सकते हैं !!)

Tuesday, July 30, 2013

चिट्ठियों से हुई चित्रा मुद्गल के लेखन की शुरूआत

हिंदी की जानी-मानी कथाकार चित्रा मुद्गल का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है पर बहुत कम लोगों को पता है कि चित्रा मुद्गल के लेखन की शुरूआत चिट्ठियों से हुई।

उनका जन्म उत्तर प्रदेश के एक सामंती परिवार में हुआ था। उनके पिता नेवी में एक अफसर थे। रुढि़वादी विचारधारा और एक सैनिक की ठसक, दोनों ने मिलकर उन्हें कठोर बना दिया था। स्त्रियां उनके आगे अपने मुँह खोलें, उनके लिए यह असहनीय बात थी। यहाँ तक कि चित्रा की माँ भी उनसे कोई बात नहीं कह पाती थीं।

 चित्रा उनके सामने विरोध प्रकट करने के लिए चिट्ठियों का सहारा लेती थीं। वे कहती हैं, ’’मैं चिट्ठियाँ लिखकर बप्पा के तकिए के नीचे रख देती थी। वे उन्हें पढ़ते, लेकिन उन्हें टुकड़े-टुकड़े करके फेंक भी देते। इतना ही नहीं, उन टुकड़ों को वे अपने जूतों से रौंदकर बाहर चले जाते। मेरे लिखने की शुरूआत यहीं से हुई। मेरी पहली कहानी डोमिन काकी स्कूल से प्रकाशित होने वाली पत्रिका में छपी थी। सफेद सेनारा मेरी पहली कहानी है, जो नवभारत टाइम्स में छपी थी। इस कहानी को खूब सराहा गया और पुरस्कृत भी हुई।’’



Tuesday, July 23, 2013

सावन में डाक से घर बैठे पायें काशी विश्वनाथ और महाकाल का प्रसाद

सावन के मौसम में शिव की आराधना के लिए तमाम तैयारियां हो रही हैं. कहीं उनका दरबार सज रहा है तो कहीं आनलाइन आरती का प्रबंध किया जा रहा है. पर अब देश के किसी भी कोने में बैठे शिवभक्त काशी विश्वनाथ मंदिरबनारस और महाकालेश्वर मंदिरउज्जैन का प्रसाद भी घर बैठे ग्रहण कर सकेंगें. डाक विभाग यह सौगात लेकर आया है.
यह जानकारी देते हुए इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के बीच हुए एक एग्रीमेण्ट के तहत काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद डाक द्वारा भी लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत साठ रूपये का मनीआर्डर प्रवर डाक अधीक्षकबनारस (पूर्वी) के नाम भेजना होता है और बदले में वहाँ से काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सौजन्य से मंदिर की भभूतिरूद्राक्षभगवान शिव की लेमिनेटेड फोटो और शिव चालीसा प्रेषक के पास प्रसाद रूप में भेज दिया जाता है।
निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा उज्जैन के प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का प्रसाद भी डाक द्वारा मंगाया जा सकता है। इसके लिए प्रशासकश्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्धन कमेटीउज्जैन को 151 रूपये का मनीआर्डर करना पड़ेगा और इसके बदले में वहाँ से स्पीड पोस्ट द्वारा प्रसाद भेज दिया जाता है। इस प्रसाद में 200 ग्राम ड्राई फ्रूट, 200 ग्राम लड्डूभभूति और भगवान श्री महाकालेश्वर जी का चित्र शामिल है। निदेशक श्री यादव ने बताया कि इस प्रसाद को प्रेषक के पास एक वाटर प्रूफ लिफाफे में स्पीड पोस्ट द्वारा भेजा जाता हैताकि पारगमन में यह सुरक्षित और शुद्ध बना रहे। 

Heavy rush at Post Offices for police recruitment forms

ALLAHABAD: Heavy rush was witnessed at post offices in the city  as the process of selling of application forms for police recruitment examination began.
Aspirants had started gathering at the various post offices since morning to obtain form which is available in two formats. In the first category, there would be application forms in khaki envelopes to be given free of cost to candidates who had applied for UP Police Recruitment Examination 2011where the selection process was shelved by the state government. In the second category, application forms would be made available in white envelopes for Rs 200 to the candidates who are applying afresh. In order to obtain a free application form in khaki envelope, applicants would be required to submit an application and declaration in prescribed proforma submitting the last OMR application form number which is being pasted on the notice board of all identified post offices.
There would be an orange OMR application form and khaki return envelope inside the khaki application form to be distributed free of cost. The colour of the application form sold for Rs 200 would be white and that of OMR application form inside it would be magenta while the colour of return envelope would be white.
The counter assistants at different post offices would provide two acknowledgement receipts with date stamped along with the complete set of forms. These receipts will be required at the time of submission of forms by the applicant. Completed forms would be submitted only at the post office from where these have been purchased. Under no circumstances, application forms would be accepted by any other post office. Only one set of application forms would be given to a candidate.
At Allahabad region forms are available at the head post office ( HPO), Kutchehry post office, City post office and those at Handia, Karchana and Sirathu post office in Kaushmabi district.
A large crowd of applicants gathered at post offices  to buy forms of UP Police Recruitment. To tackle the huge crowd, Director, Postal Services Allahabad region, Krishna Kumar Yadav visited post offices and reviewed arrangements at counters and police security.
On Yadav's instructions eight counters were opened in Allahabad Head Post Office in place of three. While one counter was allocated for female applicants, five counters were for forms against payment and two for form to be sold free of cost. Similarly, in Kutchery Head Post Office four counters were opened.
Keeping in mind the increased number of applicants Yadav spoke with police officers and asked them to make necessary arrangements from 8am so that unwarranted events may be avoided.

Thursday, July 18, 2013

Post offices to sell police recruitment form from 18 July to 20 August in Uttar Pradesh

With the Uttar Pradesh state government announcing to hold recruitment process for vacant seats in the state police department, the postal department is gearing up to manage the logistics.The postal department will make available the application forms at 169 post offices in Uttar Pradesh from July 18 onwards. Sharing details of the exercise with TOI, director, postal services, Allahabad region, Krishna Kumar Yadav said that the application forms would be sold from July 18 to August 20 at 169 post offices in the state out of which 24 are in the Allahabad region.

Mr. Krishna Kumar Yadav,  Director Postal Services,  said that two different types of forms will be sold by the Post Offices. First category of application forms will be in khaki colored envelops, which will be distributed free of cost to those candidates who had applied for U. P. Police Recruitment Examination-2011. Whereas the second category of applications which will be made available in white envelope for Rs. 200/- for other candidates. Mr. Yadav said that to obtain free of cost application forms applicants will be required to submit an application and declaration in prescribed proforma regarding their last OMR application form number, which is being pasted on the Notice board of all identified Post Offices. There will be an orange colored OMR Application form and khaki colored return envelope inside the khaki application form to be distributed free of cost, whereas the color of form sold for Rs. 200/- will be white and color of OMR application form will be magenta and color of return envelope will also be white.

            Director Postal Services, Mr. Krishna Kumar Yadav added that the counter assistant will provide two acknowledgement receipts date stamped along with the complete set of form, these receipts will be required at the time of submission of forms by the applicant. Completed forms will be submitted only to that office from which the forms were purchased. Under no circumstances, will these forms will be accepted by any office other than the office from which they were purchased. Only one form will be given to a candidate.

            Mr. Krishna Kumar Yadav, Director Postal Services, Allahabad Region said that extensive arrangements have been made for sale of forms and separate counters will be established for both types of forms. He said that these forms will be sold at Allahabad Head Post Office, Allahabad Kutchery Post Office, Allahabad City SO, Handia, Karchana in Allahabad District; at Sirathu in Kaushambi district; Pratapgarh HO, Lalganj and Patti in Pratapgarh district; Ghazipur HO, Saidpur, Mohammadabad Yusufpur in Ghazipur District; Jaunpur HO and Mariyahun in Jaunpur District; BHU, Varanasi HO and Varanasi Cantt HO in Varanasi District etc. To ensure proper distribution and security of Police Recruitment forms Police officials have been requested to depute adequate Police force.


डाकघरों से आज से मिलेंगे उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती फार्म

पुलिस भर्ती के आवेदन फार्म 18 जुलाई, 2013 से चयनित डाकघरों में मिलने शुरू हो जायेंगे। इस संबंध में जानकारी देते हुए इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 169 डाकघरों से फार्म मिलेंगे, जिनमें इलाहाबाद परिक्षेत्र के 24 डाकघर शामिल हैं। यह फार्म 18 जुलाई से 20 अगस्त, 2013 तक बिक्री किये जायेंगे।

इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघरों के द्वारा दो अलग-अलग तरह के फार्म बिक्री किये जायंेगे। प्रथम प्रकार के आवेदन-पत्र (खाकी रंग का लिफाफा) ऐसे अभ्यर्थियों को निःशुल्क वितरित किये जाएंगे जिन्होंने उ0प्र0 पुलिस भर्ती परीक्षा-2011 के लिए उस समय आवेदन किया था तथा दूसरे प्रकार के आवेदन-पत्र (सफेद रंग का लिफाफा) अन्य अभ्यर्थियों को रू 200/- शुल्क लेकर वितरित किये जायेंगे। श्री यादव ने यह भी कहा कि निःशुल्क आवेदन पत्र को प्राप्त करने हेतु आवेदक को एक अनुरोध-पत्र व घोषणा पत्र भी देना होगा, जिसका प्रारूप डाकघरों में नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दिया गया है। निशुल्क दिये जाने वाले खाकी रंग के लिफाफे के अन्दर नारंगी रंग का ओएमआर आवेदन पत्र होगा व खाकी रंग का वापसी लिफाफा होगा, जबकि सशुल्क आवेदन पत्र का लिफाफा सफेद रंग का होगा और लिफाफे के अन्दर ओएमआर आवेदन पत्र का रंग मजेन्टा होगा व वापसी लिफाफे का रंग सफेद होगा। 

डाक निदेशक श्री यादव ने बताया कि संबंधित काउंटर सहायक द्वारा फार्म के सेट के साथ पावती पर्ची की 2 प्रतियाँ डाकघर के नाम व तारीख की मोहर लगाकर अभ्यर्थी को दी जायंेगी, जिसका उपयोग फार्म को वापस करते समय अभ्यर्थी द्वारा किया जायेगा। फार्म भरकर उसी डाकघर में वापस किया जायेगा जहाँ से वह खरीदा गया है। किसी भी स्थिति में दूसरे डाकघर द्वारा फार्म स्वीकार नहीं किया जायेगा। एक अभ्यर्थी को केवल एक ही फार्म दिया जायेगा।

निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि फार्मों की बिक्री हेतु व्यापक प्रबन्ध किये गये हैं एवं सशुल्क व निशुल्क आवेदनों हेतु अलग-अलग काउंटर चलाये जायेंगे।  उन्होंने कहा कि वाराणसी के वाराणसी प्रधान डाकघर, वारणसी कैंट प्र0 डा0, बी एच यू उपडाकघर, संत रविदास नगर के भदोही मुख्य डाकघर, ज्ञानपुर उपडाकघर, चन्दौली मुख्य डाकघर, मिर्जापुर के मिर्जापुर प्रधान डाकघर, चुनार उपडाकघर, राबर्ट्सगंज उपडाकघर, शक्तिनगर उपडाकघर, गाजीपुर के गाजीपुर प्रधान डाकघर, मोहम्मदाबाद युसुफपुर उपडाकघर, सैदपुर उपडाकघर व जौनपुर के जौनपुर प्रधान डाकघर व मडि़याहूं मुख्य डाकघर के माध्यम से फार्मों की बिक्री की जायेगी। डाकघरों से पुलिस भर्ती फार्म के सुचारू वितरण एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यक पुलिस बल की तैनाती हेतु भी पुलिस अधिकारियों को लिखा गया है।

Friday, July 12, 2013

प्रोजेक्ट ऐरो मडि़याहूँ मुख्य डाकघर का सांसद तूफानी सरोज ने निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव संग किया लोकार्पण



जौनपुर डाक मंडल अन्तर्गत नवीनीकृत प्रोजेक्ट ऐरो मडि़याहूँ मुख्य डाकघर का लोकार्पण मछली शहर के सांसद श्री तूफानी सरोज द्वारा इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित एक कार्यक्रम में 11 जुलाई 2013 को शिलापट्ट के अनावरण द्वारा किया गया। इस अवसर पर सांसद श्री तूफानी सरोज एवं डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने डाकघर में उपलब्ध सेवाओं का अवलोकन किया एवं प्रतीकात्मक रूप में स्पीड पोस्ट बुक कराकर शुभारंभ भी किया। 

    मुख्य अतिथि के रूप में सांसद श्री तूफानी सरोज ने कहा कि डाक विभाग एक लम्बे अरसे से लोगों की सेवा करते आ रहा है और अपने वृहद नेटवर्क के माध्यम से दूरदराज के ग्रामीण इलाकों को भी यह जोड़ता है। ऐसे में प्रोजेक्ट ऐरो के तहत डाकघरों के आधुनिकीकरण के लिए किये जा रहे प्रयास महत्वपूर्ण हैं। डाकघर के उन्नयन से नागरिकों को काफी सहूलियत होगी एवं उन्हें डाक विभाग की आधुनिक सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रोजेक्ट ऐरो डाक विभाग की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका लक्ष्य डाकघरों का चेहरा पूर्णरूप से बदलना है और इसके तहत अब मडि़याहूँ मुख्य डाकघर भी शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय डाक का मूलमंत्र है - डाक सेवा-जन सेवा और प्रोजेक्ट एरो में इसका पूरा ध्यान रखा गया है। श्री यादव ने कहा कि प्रोजेक्ट एरो के मूलतः दो भाग हैं- कार्यों का सम्यक रूप में सम्पादन एवं डाकघरों के लुक एवं फील को आधुनिक बनाना। प्रथम के अन्तर्गत डाक वितरण, पे्रषण, बचत बैंक एवं आफिस सर्विस में सुधार पर जोर है तो लुक एवं फील के अन्तर्गत डाकघरों की  ब्रांडिंग , आई0टी0 पर जोर, मानव संसाधन का सम्यक विकास एवं आधारभूत संसाधनों में सुधार अपेक्षित है। 

       डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि मडि़याहूँ मुख्य डाकघर के प्रोजेक्ट एरो के अन्तर्गत कायाकल्प होने के साथ ही दूर-दराज ग्रामीण अंचलों में इसके लेखान्तर्गत स्थित 20 शाखा डाकघरों की कार्यप्रणाली में भी काफी पारदर्शिता आयेगी। इसके तहत बैंकिंग, धन भेजना, सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुविधा एक ही खिड़की पर उपलब्ध होगी। बचत बैंक सेवाओं को पूर्णतया कम्प्यूटराइज्ड कर उनकी शतप्रतिशत डाटा फीडिंग और सिगनेचर स्कैनिंग भी कराई जा रही है, ताकि मैनुअली ढंग से कार्य संपादित करने पर होने वाली देरी से बचा जा सके। इस तरह आम आदमी की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

  डाक अधीक्षक जौनपुर श्री सी बी सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया एवं कहा कि मडि़याहूँ मुख्य डाकघर में जन सुविधाओं की उपलब्धता उनकी प्राथमिकता में शामिल है। इस अवसर पर सहायक डाक अधीक्षक पी सी यादव, पोस्टमास्टर श्री बिन्द कुमार यादव, डाक निरीक्षक अरूण कुमार शुक्ला, विपिन यादव, अर्जित सोनी, सहायक अभियन्ता लक्ष्मी शंकर मिश्रा सहित तमाम अधिकारी, कर्मचारी, जन प्रतिनिधि, मीडियाकर्मी, बचत अभिकर्ता व नागरिकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक डाक अधीक्षक श्री प्रभाकर त्रिपाठी व आभार ज्ञापन डाक निरीक्षक श्री एस पी राय द्वारा किया गया।

निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने प्रोजेक्ट ऐरो औराई व ज्ञानपुर डाकघरों का किया लोकार्पण


वाराणसी (पश्चिम) डाक मंडल अन्तर्गत नवीनीकृत प्रोजेक्ट ऐरो औराई व ज्ञानपुर उपडाकघर का लोकार्पण इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव द्वारा 11 जुलाई 2013 को शिलापट्ट के अनावरण द्वारा किया गया। इस अवसर पर डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने डाकघर में उपलब्ध सेवाओं का अवलोकन किया एवं प्रतीकात्मक रूप में स्पीड पोस्ट बुक कराकर शुभारंभ भी किया। 

    मुख्य अतिथि के रूप में निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रोजेक्ट ऐरो डाक विभाग की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका लक्ष्य डाकघरों का चेहरा पूर्णरूप से बदलना है। इसके तहत चयनित डाकघरों की कार्यप्रणाली को सभी क्षेत्रों में सुधार एवं उच्चीकृत करके पारदर्शी, सुस्पष्ट एवं उल्लेखनीय प्रदर्शन के आधार पर और आधुनिक बनाया जा रहा है। श्री यादव ने कहा कि डाक वितरण, डाकघरों के बीच धन प्रेषण, बचत बैंक सेवाओं और ग्राहकों की सुविधा पर जोर के साथ नवीनतम टेक्नोलाजी, मानव संसाधन के समुचित उपयोग एवं आधारभूत अवस्थापना में उन्नयन द्वारा विभाग अपनी ब्राण्डिंग पर भी ध्यान केन्द्रित कर रहा है। ये प्रयास न सिर्फ डाकघरों को उन्नत बनाएंगे बल्कि देश में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन लाने में भी डाक विभाग की भूमिका में अहम वृद्धि होगी। 

    डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि प्रोजेक्ट एरो के माध्यम से डाक विभाग अपनी मूल सेवा डाक वितरण पर विशेष रूप से जोर दे रहा है। डाक वितरण के तहत प्राप्ति के दिन ही सभी प्रकार की डाक चाहे वह साधारण, पंजीकृत, स्पीड पोस्ट या मनीआर्डर हो का उसी दिन शतप्रतिशत वितरण व डिस्पैच, लेटर बाक्सों की समुचित निकासी और डाक को उसी दिन की डाक में शामिल करना, डाक बीटों के पुनर्निर्धारण द्वारा वितरण को और प्रभावी बनाना एवं डाक वितरण की प्रतिदिन मानीटरिंग द्वारा इसे और भी प्रभावी बनाया जा रहा है। इसी प्रकार बचत बैंक सेवाआंे को पूर्णतया कम्प्यूटराइज्ड कर उनकी शतप्रतिशत डाटा फीडिंग और सिगनेचर स्कैनिंग भी कराई जा रही है, ताकि मैनुअली ढंग से कार्य संपादित करने पर होने वाली देरी से बचा जा सके। प्रोजेक्ट ऐरो के तहत बैंकिंग, धन भेजना, सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुविधा एक ही खिड़की पर उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि औराई व ज्ञानपुर उपडाकघर कोर बैंकिंग साल्यूशन के तहत फेज 1बी में शामिल किये गये हैं, तदनुसार कालान्तर में यहाँ भी आनलाइन बैंकिग सेवायें उपलब्ध हो सकेंगी। 

 निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने यह भी बताया कि प्रोजेक्ट ऐरो के अन्तर्गत लुक एंड फील में उत्तर प्रदेश में 189 डाकघर व इलाहाबाद परिक्षेत्र में 25 डाकघर नवीनीकृत हो चुके है। इनमें वाराणसी के वाराणसी प्रधान डाकघर, कैंट प्रधान डाकघर, बी एच यू डाकघर, मुगलसराय डाकघर, भदोही डाकघर, चन्दौली डाकघर, चकिया डाकघर के साथ-साथ अब  ज्ञानपुर व औराई उपडाकघर भी शामिल हंै।
     
डाक अधीक्षक वाराणसी (पश्चिम) श्री आर एन यादव ने अतिथियों का स्वागत किया एवं कहा कि औराई व ज्ञानपुर डाकघरों के उन्नयन से नागरिकों को काफी सहूलियत होगी एवं उन्हें डाक विभाग की आधुनिक सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। इन डाकघरों के प्रोजेक्ट एरो के अन्तर्गत कायाकल्प होने के साथ ही दूर-दराज ग्रामीण अंचलों में इसके लेखान्तर्गत स्थित शाखा डाकघरों की कार्यप्रणाली में भी काफी पारदर्शिता आयेगी।

  इस अवसर पर सहायक डाक अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव, आर के श्रीवास्तव, पोस्टमास्टर औराई श्री सुरेन्द्र प्रताप सिंह, पोस्टमास्टर ज्ञानपुर श्री डी के राय, डाक निरीक्षक श्री अर्जित सोनी, संजय सिंह, सहायक अभियन्ता लक्ष्मी शंकर मिश्रा, सिस्टम मैनेजर आर के श्रीवास्तव, सहित तमाम अधिकारी, कर्मचारी, जन प्रतिनिधि, मीडियाकर्मी, बचत अभिकर्ता व नागरिकगण उपस्थित थे। 

Glimpses : Project Arrow Post Office Gyanpur (Bhadohi) inaugurated by K K Yadav, Director Postal Services, Allahabad Region

प्रोजेक्ट एरो के तहत आधुनिकीकृत ज्ञानपुर डाकघर, भदोही का लोकार्पण करते कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, इलाहाबाद परिक्षेत्र (11 जुलाई, 2013).


Project Arrow Post Office Gyanpur (Bhadohi) inaugurated by K. K. Yadav, Director Postal Services, Allahabad Region on 11 July, 2013.




                                                                   Glimpses of Counters

झलकियाँ : मडियाहूँ मुख्य डाकघर, जौनपुर का प्रोजेक्ट एरो के तहत लोकार्पण

Modernized Project Arrow Post Office Madiyahun (Jaunpur) inaugurated by Member of Parliament Mr. Tufani Saroj in the gracious presence of Mr. K. K. Yadav, Director Postal Services, Allahabad Region on 11th July, 2013.










Thursday, July 11, 2013

Glimpses of Project Arrow Post Office Aurai (Bhadohi) inaugurated by KK Yadav, Director Postal Services, Allahabad Region


प्रोजेक्ट एरो के तहत आधुनिकीकृत औराई डाकघर, भदोही का लोकार्पण करते कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, इलाहाबाद परिक्षेत्र (11 जुलाई, 2013).


Project Arrow Post Office Aurai (Bhadohi) inaugurated by K. K. Yadav, Director Postal Services, Allahabad Region on 11 July, 2013. 


Modernized Project Arrow Post Office Aurai (Bhadohi) प्रोजेक्ट एरो के तहत आधुनिकीकृत औराई डाकघर



Ribbon-Cut by by KK Yadav, Director Postal Services, Allahabad Region

Inauguration Function of Modernized Project Arrow Post Office Aurai (Bhadohi) 
Mr Prabhakar Tripathi, KK yadav, RN Yadav 


Flower Buquet to K. K. Yadav, Director Postal Services, Allahabad Region 

Address by K. K. Yadav, Director Postal Services, Allahabad Region 

Address by K. K. Yadav, Director Postal Services, Allahabad Region 


Visit of Modernized Project Arrow Post Office Aurai (Bhadohi) 


Monday, July 8, 2013

सांसद पकौड़ी लाल एवं डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने किया नवीनीकृत प्रोजेक्ट ऐरो चकिया उपडाकघर का लोकार्पण



वाराणसी (पूर्वी) डाक मंडल अन्तर्गत नवीनीकृत प्रोजेक्ट ऐरो चन्दौली जनपद के चकिया उपडाकघर का लोकार्पण राबर्ट्सगंज के सांसद पकौड़ी लाल द्वारा इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में शनिवार को शिलापट्ट के अनावरण द्वारा किया गया। इस अवसर पर सांसद पकौड़ी लाल एवं डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने डाकघर में उपलब्ध सेवाओं का अवलोकन किया एवं प्रतीकात्मक रूप में स्पीड पोस्ट बुक कराकर शुभारंभ भी किया।
मुख्य अतिथि के रूप में सांसद पकौड़ी लाल ने कहा कि डाक विभाग एक लम्बे अरसे से लोगों की सेवा करते आ रहा है और अपने वृहद नेटवर्क के माध्यम से दूरदराज के ग्रामीण इलाकों को भी यह जोड़ता है। ऐसे में प्रोजेक्ट ऐरो के तहत डाकघरों के आधुनकीकरण के लिए किये जा रहे प्रयास महत्वपूर्ण हैं और ये न सिर्फ डाकघरों को उन्नत बनाएंगे बल्कि देश में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन लाने में भी डाक विभाग की भूमिका में अहम वृद्धि होगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रोजेक्ट ऐरो डाक विभाग की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका लक्ष्य डाकघरों का चेहरा पूर्णरूप से बदलना है और इसके तहत अब चकिया डाकघर भी शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय डाक का मूलमंत्र है – डाक सेवा-जन सेवा और प्रोजेक्ट एरो में इसका पूरा ध्यान रखा गया है। श्री यादव ने कहा कि इसके तहत चयनित डाकघरों की कार्यप्रणाली को सभी क्षेत्रों में सुधार एवं उच्चीकृत करके पारदर्शी, सुस्पष्ट एवं उल्लेखनीय प्रदर्शन के आधार पर और आधुनिक बनाया जा रहा है। डाक वितरण, डाकघरों के बीच धन प्रेषण, बचत बैंक सेवाओं और ग्राहकों की सुविधा पर जोर के साथ नवीनतम टेक्नोलाजी, मानव संसाधन के समुचित उपयोग एवं आधारभूत अवस्थापना में उन्नयन द्वारा विभाग अपनी ब्राण्डिंग पर भी ध्यान केन्द्रित कर रहा है। डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इसके तहत बैंकिंग, धन भेजना, सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुविधा एक ही खिड़की पर उपलब्ध होगी। बचत बैंक सेवाओं को पूर्णतया कम्प्यूटराइज्ड कर उनकी शतप्रतिशत डाटा फीडिंग और सिगनेचर स्कैनिंग भी कराई जा रही है, ताकि मैनुअली ढंग से कार्य संपादित करने पर होने वाली देरी से बचा जा सके। इस तरह आम आदमी की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
गौरतलब है कि प्रोजेक्ट ऐरो के अन्तर्गत लुक एंड फील में उत्तर प्रदेश में 189 डाकघर व इलाहाबाद परिक्षेत्र में 25 डाकघर नवीनीकृत हो चुके है। इनमें वाराणसी के वाराणसी प्रधान डाकघर, कैंट प्रधान डाकघर, बी एच यू डाकघर, मुगलसराय डाकघर, भदोही डाकघर, चन्दौली डाकघर, चकिया डाकघर, ज्ञानपुर डाकघर व औराई डाकघर शामिल हैं।
प्रवर डाक अधीक्षक वाराणसी (पूर्व) शिव सहाय मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया एवं कहा कि चकिया डाकघर में जन सुविधाओं की उपलब्धता उनकी प्राथमिकता में शामिल है। चकिया डाकघर के प्रोजेक्ट एरो के अन्तर्गत कायाकल्प होने के साथ ही दूर-दराज ग्रामीण अंचलों में इसके लेखान्तर्गत स्थित 16 शाखा डाकघरों की कार्यप्रणाली में भी काफी पारदर्शिता आयेगी। इस अवसर पर सहायक डाक अधीक्षक आर सी राम, पोस्टमास्टर राम लाल, डाक निरीक्षक प्रवीण, दीपक कुमार, सहायक अभियन्ता लक्ष्मी शंकर मिश्रा सहित तमाम अधिकारी, कर्मचारी, जन प्रतिनिधि, मीडियाकर्मी, बचत अभिकर्ता व नागरिकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अनिल सिंह ने व आभार ज्ञापन सहायक अधीक्षक बी पी सिंह द्वारा किया गया।

Saturday, July 6, 2013

डाक विभाग द्वारा उत्तराखण्ड हेतु डाक शुल्क मुक्त भेजी जायेगी राहत सामग्री

उत्तराखण्ड में प्राकृतिक आपदा पीड़ितों के मददेनजर भारतीय डाक विभाग एक अनूठी कल्याणकारी योजना के तहत आगे आया है, जिसमें उत्तराखण्ड राज्य हेतु राहत सामग्री भेजने वालों से कोई डाक शुल्क नहीं लिया जायेगा । इस संबंध में जानकारी देते हुए इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पूरे देश में स्थित प्रधान डाकघरों के माध्यम से उत्तराखण्ड राज्य को सामान्य जनता, संस्थाओं, एजेन्सियों व एन जी ओ द्वारा राहत सामग्री भेजी जा सकती है और यह सुविधा डाक शुल्क मुक्त रहेगी। श्री यादव ने बताया कि इसके तहत 35 किलोग्राम वजन तक के पैकेट भेजे जा सकते हैं और यह सेवा 20 जुलाई 2013 तक प्रभावी रहेगी।  डाक निदेशक श्री यादव ने बताया कि राहत सामग्री के तहत कपड़े, कम्बल, ऊनी कपड़े, प्लास्टिक शीट, त्रिपाल, टार्च के साथ साथ दवायें, बर्तन और लंबे समय तक खराब न होने वाले खाद्य पदार्थ भी भेजी जा सकती है। इसके तहत द्रव पदार्थ, टूटने-फूटने वाले सामान या अन्य ऐसी सामग्री जो डाक द्वारा भेजे जाने के लिए अनुमन्य नहीं है, को प्रेषित नहीं किया जा सकता ।  
डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने यह भी बताया कि इन राहत सामग्रियों को अन्य डाक से अलग दिखने हेतु डाक विभाग विशेष तरह की रसीद छपवा रहा है, जिसमें शीर्ष पर ‘‘उत्तराखण्ड बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री‘‘ अंकित होगा। रसीद की मुख्य प्रति राहत सामग्री प्रेषक को दी जायेगी  एवं उसकी कार्बन कापी अभिलेख में सुरक्षित रखी  जायेगी। राहत सामग्री भेजने वालों को भेजे जाने वाले पैकेट के ऊपर लिफाफे पर ‘‘सीनियर पोस्टमास्टर, देहरादून जी पी ओ 248001‘‘ अंकित करना होगा। सीनियर पोस्टमास्टर देहरादून जी पी ओ द्वारा उक्त राहत सामग्री को ‘‘सेंटर फार कलेक्शन एण्ड डिस्ट्रीब्यूशन आफ रिलीफ मैटेरियल, महाराणा प्रताप स्पोर्टस कालेज, रायपुर रोड, देहरादून‘‘ को पावती लेकर स्थानान्तरित किया जायेगा।