पोस्टकार्ड का नाम सुनते ही मन में चिट्ठियां तैरने लगती हैं। इसे काम शब्दों में खुले संवाद के तौर पर देखा जाता है। आखिर, इस पोस्टकार्ड पर कितनी लाइनें लिखी जा सकती हैं। बमुश्किल 20, 25, या अधिक से अधिक 50। इन्हें पढ़ने में पांच, सात या फिर 10 मिनट से ज्यादा नहीं लगेंगे। पर यहाँ तो इसका एक अलग ही प्रयोग हुआ और एक महिला ने पोस्टकार्ड पर रामचरित मानस के पूरे सुंदरकांड को ही उकेर दिया । इतना ही नहीं फिर भी जगह बच गई तो हनुमान चालीसा, हनुमानाष्टक भी लिख डाला। यह अद्भुत कारनामा कर दिखाया है ज्ञानपुर (भदोही) स्थित देवनाथपुर की सुप्रिया ने। हालांकि विवाह के बाद गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम शामिल कराने की उसकी हसरत अभी अधूरी है।
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बकौल सुप्रिया, शुरू से ही कुछ अलग करने का जज्बा न जाने कहां से मिल गया था। लोगों ने प्रोत्साहित भी किया। सुंदरकांड पोस्टकार्ड पर लिखने का जज्बा लोगों के उत्साह बढ़ाने से ही मिला। अब समय नहीं मिल पाता है लेकिन इन सबके बीच कुछ अलग करने की ललक में कोई कमी नहीं है।
परिवार में व्यस्तता के कारण वर्ल्ड रिकार्ड में नाम शामिल कराने की उसकी ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी। सुप्रिया को अब बच्चों की पढ़ाई आदि कार्यो में ही अधिक समय लग जाता है। पोस्टकार्ड पर छोटे-छोटे अक्षरों में लिखने के लिए एकाग्र चित व समय चाहिए। ऐसे में जो माहौल पहले था वह अब नहीं मिल पा रहा है।
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