Tuesday, March 15, 2016

अब डाकघरों के एटीएम को बैंकों के एटीएम से जोड़ने की पहल

देश के डाकघरों में भी अब एटीएम का संचालन बखूबी होगा। डाक विभाग जल्द ही रिजर्व बैंक से अपने एटीएम की वाणिज्यिक बैंकों के साथ इंटरऑपरेबिल्‍टी (पारस्परिकता) के लिए मंजूरी मांगने के लिए आवेदन करेगा। भारतीय डाक विभाग ने इस साल के अंत तक 10,000 एटीएम लगाने की योजना बनाई है। इंटरऑपरेबिल्‍टी की सुविधा से दूसरे बैंक के एटीएम कार्ड का प्रयोग अन्य  बैंक के एटीएम में संभाव होता है।

डाक विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि संचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विभाग से यह प्रस्ताव प्राथमिकता के आधार पर रिजर्व बैंक के पास ले जाने को कहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग को लोकप्रिय बनाने में मदद मिलेगी। अधिकारी ने कहा कि इस साल के अंत तक डाक विभाग देशभर में 10,000 एटीएम और 20,000 माइक्रो एटीएम लगाएगा। इंटरऑपरेबिल्‍टी से डाक विभाग के एटीएम से लोग अपने बैंक खाते का भी पैसा निकाल सकेंगे। अभी तक इस तरह के एटीएम का इस्तेमाल सिर्फ वही व्यक्ति कर सकते हैं जिनका डाक विभाग में खाता है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी अपने 2016-17 के बजट भाषण में कहा है कि विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं तक बेहतर पहुंच उपलब्ध कराने के लिए सरकार अगले तीन साल में डाकघरों में राष्ट्रीय स्तर पर एटीएम और माइक्रो एटीएम लगाएगी। डाक विभाग पहले ही मार्च, 2016  तक 1,000 एटीएम लगाने की योजना की घोषणा कर चुका है।

2017 तक आएगा पेमेंट बैंक

वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करने के लिए डाक विभाग मार्च, 2017 तक भुगतान बैंक भी स्थापित करने जा रहा है, जिसके लिए वह इस महीने के अंत तक सलाहकार के नाम को अंतिम रूप दे देगा। भुगतान बैंक ग्राहकों को भुगतान सेवाएं देने के साथ साथ एक ग्राहक से अधिकतम 1 लाख रुपए तक की जमा राशि भी प्राप्त कर सकते हैं। इतना ही नहीं ये इंटरनैट बैंकिंग, धन हस्तांतरण सुविधा और बीमा एवं म्यूचुअल फंड की बिक्री भी कर सकेंगे। वे एटीएम और डैबिट कार्ड जारी कर सकते हैं पर क्रेडिट कार्ड जारी करने की उन्हें छूट नहीं होगी।

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