सुकन्या समृद्धि योजना में बेटियों के लिए खाता खोलना आसान हो गया है. केंद्र सरकार ने अब इस योजना में सालाना न्यूनतम जमा राशि 1,000 रुपये से घटाकर 250 रुपये कर दी है. सरकार के इस फैसले से इस योजना का लाभ उठाने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी. केंद्र सरकार ने 2015 में इस योजना की शुरुआत की थी. सरकार ने सुकन्या समृद्धि अकाउंट रूल्स, 2016 में संशोधन कर दिया है. इससे अब हर साल 250 रुपये जमा करके इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है.
2018-19 का बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सुकन्या समृद्धि योजना को मोदी सरकार की बड़ी सफलताओं में से एक बताया था. जेटली ने बजट में कहा था कि नवंबर 2017 तक इस स्कीम के तहत 1.26 करोड़ खाते खुलवाए गए हैं. इस खाते में 19,183 करोड़ रुपये जमा हुए हैं. पीपीएफ एवं अन्य छोटी बचत योजनाओं की तरह इस स्कीम की ब्याज दर भी तिमाही आधार पर तय होती है.
इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए इस स्कीम की ब्याज दर 8.1 फीसदी तय की गई है. स्कीम के मुताबिक, बेटी के 10 साल तक होने तक उसके कानूनी अभिभावक या माता-पिता उसके नाम पर अकाउंट खुलवा सकते हैं. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत किसी भी पोस्ट ऑफिस और सरकारी बैंक में अकाउंट खुलवाया जा सकता है.
सुकन्या समृद्धि खाते में जमा और परिपक्वता राशि पर आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. खाते में सालाना अधिकतम डेढ़ लाख रुपये जमा कराए जा सकते हैं. एक महीने या वित्त वर्ष में कितनी बार भी इस खाते में पैसा जमा कराया जा सकता है. योजना के तहत यह खाता खोलने की तारीख से 21 साल तक वैध रहेगा. उसके बाद यह परिपक्व होगा. खाता खोलने की तारीख से 14 साल तक इसमें राशि जमा कराई जा सकती है.
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