Thursday, November 29, 2018

भारतीय डाक सेवा के अधिकारी रहे अरविन्द सक्सेना बने संघ लोक सेवा आयोग के नए अध्यक्ष

भारतीय डाक सेवा के 1978 बैच के अधिकारी रहे श्री अरविंद सक्सेना को 28 नवंबर 2018 को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), नई दिल्ली का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।  यूपीएससी नौकरशाहों, राजनयिकों और पुलिस अधिकारियों के चयन के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। श्री सक्सेना का कार्यकाल 7 अगस्त 2020 तक होगा। वह वर्तमान में 20 जून से यूपीएससी के कार्यकारी प्रमुख के रूप में कार्य कर रहे थे।

कार्मिक मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने संघ लोक सेवा आयोग अध्यक्ष  के रूप में श्री अरविन्द सक्सेना की नियुक्ति को मंजूरी दी। श्री सक्सेना ने 8 मई 2015 को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सदस्य के रूप में जॉइन किया था। संघ लोक सेवा आयोग  आने से पहले वह उड्डयन शोध केंद्र में निदेशक के रूप में कार्य कर रहे थे। श्री सक्सेना ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से सिविल इंजीनियरिंग और आईआईटी से एमटेक किया है।


डीटीयू व आईआईटी दिल्ली के इंजीनियरिंग छात्र रहे हैं अरविंद सक्सेना 

दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (वर्तमान में दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय) से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और आईआईटी दिल्ली से एमटेक करने वाले श्री अरविन्द सक्सेना  भारतीय डाक सेवा में 1978 बैच के अधिकारी रहे हैं। भारतीय डाक सेवा में रहने के दौरान वे अलीगढ़ में स्टाम्प व सील फैक्ट्री के आधुनिकीकरण के लिए विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) रहे और प्रतिष्ठित माने जाने वाले डाक एवं तार प्रशिक्षण केंद्र (पीएंडटी ट्रेनिंग सेंटर), सहारनपुर  के प्रिंसिपल के तौर पर भी नियुक्त रहे। 

2015 में यूपीएससी सदस्य बनने वाले 32 साल में पहले रॉ अफसर बने थे

वर्ष 1988 में भारतीय डाक सेवा से रॉ में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले श्री अरविन्द सक्सेना को पड़ोसी देशों में रणनीतिक विकास के अध्ययन का विशेषज्ञ माना जाता है। इस दौरान वे जम्मू-कश्मीर में तैनात रहे और चीन, पाकिस्तान सहित 5 देशों में रॉ को अपनी सेवाएं दीं। वर्ष 2014 में उन्हें  को एविएशन रिसर्च सेंटर (एआरसी) में विशेष सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया, जो वायुसेना की विशेष फ्रंटियर फोर्स के कमांडो को ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराती है और देश के सीमावर्ती इलाकों में मानवरहित विमानों के जरिए निगरानी का काम करती है। वर्ष 2015 में उन्हें यूपीएससी में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया और तब से वे यहीं पर तैनात थे।


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