Friday, July 31, 2020

Munshi Premchand Birth Anniversary : डाककर्मी के पुत्र मुंशी प्रेमचंद ने लिखी साहित्य की नई इबारत -डाक निदेशक केके यादव


हिन्दी साहित्य के इतिहास में उपन्यास सम्राट के रूप में प्रसिद्ध मुंशी प्रेमचंद के पिता अजायब राय श्रीवास्तव डाकमुंशी के रूप में कार्य करते थे। ऐसे में प्रेमचंद का डाक-परिवार से अटूट सम्बन्ध था। मुंशी प्रेमचंद को पढ़ते हुए पीढ़ियाँ बड़ी हो गईं। उनकी रचनाओं से बड़ी आत्मीयता महसूस होती है। ऐसा लगता है मानो इन रचनाओं के  पात्र हमारे आस-पास ही मौजूद हैं। प्रेमचंद जयंती (31 जुलाई) की पूर्व संध्या पर उक्त उद्गार चर्चित ब्लॉगर व साहित्यकार एवं लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र  के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने व्यक्त किये। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि लमही, वाराणसी में जन्मे डाककर्मी के पुत्र मुंशी प्रेमचंद ने साहित्य की नई इबारत  लिखी। आज भी तमाम साहित्यकार व् शोधार्थी लमही में उनकी जन्मस्थली की यात्रा कर प्रेरणा पाते हैं। हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936  तक के कालखंड को 'प्रेमचंद युग' कहा जाता है। प्रेमचंद साहित्य की वैचारिक यात्रा आदर्श से यथार्थ की ओर उन्मुख है। मुंशी प्रेमचंद स्वाधीनता संग्राम के भी सबसे बड़े कथाकार हैं। श्री यादव ने बताया कि, प्रेमचंद की स्मृति में भारतीय डाक विभाग की ओर से 30  जुलाई 1980 को उनकी जन्मशती के अवसर पर 30  पैसे मूल्य का एक डाक टिकट भी जारी किया जा चुका है।




डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, प्रेमचन्द के साहित्यिक और सामाजिक विमर्श आज भूमंडलीकरण के दौर में भी उतने ही प्रासंगिक हैं और उनकी रचनाओं के पात्र आज भी समाज में कहीं न कहीं जिन्दा हैं। प्रेमचंद ने साहित्य को सच्चाई के धरातल पर उतारा। प्रेमचन्द जब अपनी रचनाओं में समाज के उपेक्षित व शोषित वर्ग को प्रतिनिधित्व देते हैं तो निश्चिततः इस माध्यम से वे एक युद्ध लड़ते हैं और गहरी नींद सोये इस वर्ग को जगाने का उपक्रम करते हैं। श्री यादव ने कहा कि प्रेमचन्द ने अपने को किसी वाद से जोड़ने की बजाय तत्कालीन समाज में व्याप्त ज्वलंत मुद्दों से जोड़ा। उनका साहित्य शाश्वत है और यथार्थ के करीब रहकर वह समय से होड़ लेती नजर आती हैं।



















डाककर्मी के पुत्र मुंशी प्रेमचंद ने लिखी साहित्य की नई इबारत-कृष्ण कुमार यादव-निदेशक डाक सेवाएँ

आज भी प्रासंगिक हैं प्रेमचन्द के साहित्यिक व सामाजिक विमर्श - डाक निदेशक केके यादव 

Friday, July 24, 2020

Independence Day 2020-Stamp Design Photography Competition-Theme UNESCO World Heritage Sites in India (Cultural)

यदि आप फोटोग्राफी का शौक रखते हैं तो आप द्वारा लिया गया फोटो भी डाक टिकट पर स्थान पा सकता  है। डाक विभाग राष्ट्रीय स्तर पर इस वर्ष "यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स इन इण्डिया (कल्चरल)" थीम पर डाक टिकट डिजाइन फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है, जिस पर एक फोटोग्राफ खींचकर 'माईगव पोर्टल' पर अपलोड करना है। सर्वश्रेष्ठ चयनित प्रविष्टि को स्वतंत्रता दिवस-2020 पर डाक टिकट के रूप में जारी किया जायेगा। फोटो को 27 जुलाई, 2020 तक अपलोड किया जा सकता है।  उक्त जानकारी लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी।  
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इस प्रतियोगिता में भारत का कोई भी नागरिक भाग ले सकता है। यह प्रतियोगिता सभी आयु वर्ग  के लोगों के लिए खुली हुई है। सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा।  प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार क्रमश: 50 हजार, 25 हजार और 10 हजार राशि की है। इसके अलावा 5 हजार रूपये के पाँच प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिए जायेंगे।  डाक निदेशक श्री यादव ने बताया कि, इस प्रतियोगिता में सिर्फ मौलिक प्रविष्टि को ही स्वीकार किया जायेगा। प्रविष्टि के साथ ही हस्ताक्षरित अंडरटेकिंग भी देनी होगी कि यह फोटोग्राफ मौलिक है और इसमें कोई कॉपीराइट मुद्दा नहीं शामिल है। प्रविष्टि के साथ फोटोग्राफ के विषय में 50 से 60 शब्दों में संक्षिप्त जानकारी भी देनी होगी।

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि प्रत्येक प्रविष्टि के साथ नाम, उम्र, लिंग,राष्ट्रीयता, पिनकोड सहित पूर्ण आवासीय पता, फोन/मोबाईल नंबर,  ई-मेल, इमेज क्लिक की जाने की तारीख मय विवरण और कैमरा मॉडल भी अपलोड करना होगा।






भारतीय डाक विभाग द्वारा स्वतंत्रता दिवस-2020  डाक टिकट डिजाइन फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन 

डाक विभाग की अनूठी पहल : 'यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स इन इण्डिया (कल्चरल)' थीम पर कीजिये फोटोग्राफी, चयनित होने पर 'स्वतंत्रता  दिवस' पर जारी होने वाले डाक टिकट में मिलेगा स्थान 


Thursday, July 23, 2020

India Post introduced waterproof Designer Rakhi envelopes for Rakshabandhan Festival

Rakshabandhan, a festival of brother & sister's love, will be celebrated on August 3 between the Corona pandemic. Sisters have already started preparation for it. To help the sisters who are living far away from their brothers and sending the Rakhi through Post on Rakshabandhan is the only option, Department of Posts has come up with a novel idea - a waterproof designer Rakhi envelope. This information was shared by Mr. Krishna Kumar Yadav, Director Postal Services, Lucknow HQ Region.
Director Postal Services Mr. Krishna Kumar Yadav said that these designer rakhi envelopes are strong, safe and waterproof to protect the sacred thread inside the envelope from the rain and other damages. These envelopes are available in multicolour with a rakhi image and "Happy Rakhi" message embossed on it. The envelopes are perfect for Rakhi gifting. Glue is not required as special sticker has been provided to affix the envelope, said Mr. Yadav.
Cost for Rakhi envelope of 11 cm X 22 cm is only ₹ 10, which is in addition to the postage fee. Director Mr. Yadav said that being colourful and designer; it will be convenient in sorting these envelopes from the other mails and also to deliver them promptly before the Rakhi festival.

Chief Postmaster, Lucknow GPO, Mr. RN Yadav said that these Rakhi envelopes are being supplied from Lucknow GPO for sale at all Head Post offices of Uttar Pradesh. 

Niharika Gupta, a buyer of Rakhi envelopes at Lucknow GPO, said that she will now be able to send Rakhis through these designer rakhi envelopes to her brothers who are working in the distant cities even in this Covid-19 pandemic satisfactorily.


Initiative: Waterproof designer envelopes for sending Rakhi by Postal Department, Price only ₹ 10

During the pandemic of Corona, Postal Department has introduced waterproof Rakhi envelopes to make the difficulties of the sisters easy


Sunday, July 19, 2020

Waterproof Rakhi Envelopes by India Post : डाक विभाग द्वारा राखी भेजने हेतु वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे, मूल्य मात्र ₹10

कोरोना संक्रमण के बीच भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व 3 अगस्त, 2020 को मनाया जायेगा और इसके लिए बहनों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है।  ऐसे में बहनों द्वारा भाईयों की कलाइयों पर बँधने वाली राखी सुरक्षित रूप में व तीव्र गति से भेजी जा सके, इसके लिए डाक विभाग ने विशेष प्रबन्ध किये हैं। इस हेतु जीपीओ और प्रधान डाकघरों में विशेष रुप से निर्मित रंगीन डिजाइनर वाटरप्रूफ राखी लिफाफों की ब्रिकी आरम्भ कर दी गई है। उक्त जानकारी लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि ये डिजानइर राखी लिफाफे वाटर प्रूफ तथा सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत हैं, जिससे बारिश के मौसम में भी बहनों द्वारा भेजी गई राखियाँ सुदूर रहने वाले भाइयों तक सुरक्षित पहुँच सकें। राखी लिफाफों को चिपकाने हेतु इनमें विशेष स्टिकर का प्रयोग किया गया है जिससे इस हेतु गोंद की आवश्यकता नहीं होगी। 

11 सेमी X 22 सेमी आकार के इन राखी लिफाफों का मूल्य दस रुपया मात्र  है जो डाक शुल्क के अतिरिक्त है। वाटरप्रूफ लिफाफे के बाएं हिस्से के ऊपरी भाग में भारतीय डाक के लोगो के साथ अंग्रेजी में राखी लिफाफा और नीचे दाहिने तरफ 'हैप्पी राखी'  लिखा गया है। श्री यादव ने कहा  कि रंगीन और डिजाइनदार होने की वजह से इन्हें अन्य डाकों से अलग करने में समय की बचत और पर्व के पूर्व वितरण कराने में भी सहूलियत  होगी। 

लखनऊ जीपीओ के चीफ पोस्टमास्टर श्री आरएन यादव ने बताया कि जीपीओ से सभी प्रधान डाकघरों को बिक्री के लिए राखी लिफाफे भिजवाए जा रहे हैं। जीपीओ में राखी लिफाफे खरीदने आई निहारिका गुप्ता ने कहा कि कोविड 19 के संक्रमण दौर में दूर शहर में नौकरी करने वाले अपने भाईयों को अब इस डिजाइनर लिफाफे के माध्यम से डाक विभाग द्वारा राखी भेजकर निश्चिन्त हो सकेंगी।

















पहल : डाक विभाग द्वारा राखी भेजने हेतु वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे, मूल्य मात्र ₹10

कोरोना संक्रमण के दौर में डाक विभाग ने आसान की बहनों की मुश्किलें, अब वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे में भेजें राखी