Thursday, September 30, 2021

Special Postal Cover on Banarasi Silk Saree to promote ODOP

In order to encourage 'One District, One Product', the  Postal Department issued special cover and special cancellation on ODOP product of all 75 districts of Uttar Pradesh. It was released by the Chief Minister of Uttar Pradesh, Shri Yogi Adityanath along with the Chief Postmaster General of Uttar Pradesh Circle, Mr. Kaushalendra Kumar Sinha during the program organized under 'Mission Shakti' campaign in Lucknow on 29 September, 2021. Appreciating the Department of Posts for this initiative, the Chief Minister said that this is the first time that such a number of special covers with special cancellations  are being issued at all district headquarters in any state simultaneously. Many of these products also have GI tags. These special covers and special cancellations were issued by organizing programs at all district headquarters.

In a function organized in the Commissioner ate Auditorium in the Parliamentary constituency of the Prime Minister, Varanasi, Mr. Krishna Kumar Yadav, the Postmaster General of Varanasi Region, released a special Postal cover and special cancellation on Varanasi's ODOP product 'Banarasi Silk Saree'. The special cover has been made even more beautiful by affixing the Varanasi Weaves stamp of the Indian fashion series with Banarasi silk saree. On this occasion, Joint Commissioner Industries Mr. Umesh Kumar Singh, Deputy Commissioner Industries Mr. Virendra Kumar, Senior Superintendent of Posts Offices, Varanasi East Division Mr. Rajan Rao and Assistant Superintendent of Posts Mr. Pankaj Shrivastava were present.

Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that the special cover released on Banarasi silk saree will give it a global recognition. Through this the culture, art, heritage of Varanasi will spread across the world. The silk of Varanasi are synonymous with splendor and regality across the world. The district offers a wide range of these products in different attractive looks, designs and patterns. Banarasi silk sarees are synonymous to regalia. This craft has been in practice for more than 500 years and today approximately 29,802 weavers are associated with it. These products are GI tagged.

Postmaster General Mr. Yadav told that in Varanasi Region, Department of Posts has issued special cover and special cancellation on ODOP products including Banarasi Silk Sarees in Varanasi, Carpet in Bhadohi, Zari Zardozi in Chandauli, Jute Wall Hangings in Ghazipur, Woolen Carpets in Jaunpur and Bindi (Tikuli) in Ballia. Out of this, there are many such products which were losing their identity and which are being revived by the life of modernity and expansion and the postal department has an important role in this.

Joint Commissioner Industries Mr. Umesh Kumar Singh said that the aim of the ambitious 'One District - One Product' program of the Government of Uttar Pradesh is to encourage these special crafts and products. The Department of Posts has given it a more unique identity by placing the Banarasi silk saree on a special cover.



Chief Minister of UP released a Special Postal Cover on 'Banarasi Silk Saree to promote ODOP'

Special Postal Cover on Banarasi silk saree will give it global recognition - Postmaster General Krishna Kumar Yadav


ODOP : वाराणसी के ओडीओपी उत्पाद 'बनारसी सिल्क साड़ी' पर भारतीय डाक विभाग ने जारी किया विशेष आवरण

'एक जनपद, एक उत्पाद' को प्रोत्साहित करने हेतु भारतीय डाक विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों के ओडीओपी उत्पाद पर आधारित विशेष आवरण एवं विशेष विरूपण जारी किया गया। लखनऊ में 'मिशन शक्ति' अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश परिमण्डल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल श्री कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा के साथ  29 सितंबर, 2021 को इसे जारी किया। मुख्यमंत्री ने इसके लिए डाक विभाग को बधाई देते हुए कहा कि, यह पहली बार हुआ है जब एक साथ किसी भी प्रदेश में इतनी संख्या में सभी जिला मुख्यालय पर विशेष आवरण एवं विशेष विरूपण जारी हुआ है। इसमें से कई उत्पादों को जीआई टैग भी प्राप्त हैं। इसी क्रम में विभिन्न जनपद मुख्यालयों पर भी कार्यक्रम आयोजित कर ये विशेष आवरण एवं विशेष विरूपण जारी किये गए।


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कमिश्नरी सभागार में आयोजित समारोह में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने वाराणसी के ओडीओपी उत्पाद 'बनारसी सिल्क साड़ी' पर विशेष आवरण  एवं विशेष विरूपण जारी किया। विशेष आवरण में बनारसी सिल्क साड़ी के साथ भारतीय फैशन सीरीज में जारी वाराणसी वीव्स का डाक टिकट अंकित कर इसे और भी खूबसूरत बनाया गया है। इस अवसर पर संयुक्त आयुक्त उद्योग श्री उमेश कुमार सिंह, उपायुक्त उद्योग श्री वीरेंद्र कुमार, प्रवर डाक अधीक्षक वाराणसी मंडल श्री राजन राव, सहायक डाक अधीक्षक श्री पंकज श्रीवास्तव उपस्थित रहे।       

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि बनारसी सिल्क साड़ी पर जारी विशेष आवरण इसे वैश्विक पहचान देगा। इसके माध्यम से बनारस की संस्कृति, कला, धरोहर दुनिया भर में फैलेगी। वाराणसी का रेशम पूरी दुनिया में वैभव और राजशाही का पर्याय है। यहाँ विभिन्न आकार-प्रकार, आकर्षक रूप, डिजाइन व पैटर्न में इन उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला तैयार की जाती है। बनारसी सिल्क साड़ियाँ राजघरानों के पहनावे का पर्याय हैं। पाँच सदियों से चली आ रही इस कला से आज लगभग 29,802 बुनकर जुड़े हुए हैं। इन उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त है।


पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र के अधीन वाराणसी में बनारसी सिल्क साड़ी, भदोही में दरी, चन्दौली में जरी जरजोदी, गाजीपुर में जूट वाल हैंगिंग, जौनपुर में वूलेन कारपेट तथा बलिया में बिंदी (टिकुली) ओडीओपी उत्पादों पर विशेष आवरण व विरूपण डाक विभाग के माध्यम से जारी किये गए। इसमें से तमाम ऐसे उत्पाद हैं जो अपनी पहचान खो रहे थे तथा जिन्हें आधुनिकता तथा प्रसार रूपी संजीवनी द्वारा पुनर्जीवित किया जा रहा है और इसमें डाक विभाग की अहम भूमिका है।

संयुक्त आयुक्त उद्योग श्री उमेश कुमार सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी 'एक जनपद - एक उत्पाद' कार्यक्रम का उद्देश्य है कि इन विशिष्ट शिल्प कलाओं एवं उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाए। बनारसी सिल्क साड़ी को विशेष आवरण पर पर स्थान देकर डाक विभाग ने इसे और भी विशिष्ट पहचान दी है।










उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक जनपद-एक उत्पाद के तहत सभी 75 जिलों के ओडीओपी उत्पादों पर जारी किया विशेष डाक आवरण

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के ओडीओपी उत्पाद 'बनारसी सिल्क साड़ी' पर मुख्यमंत्री योगी ने जारी किया विशेष आवरण

बनारसी सिल्क साड़ी पर जारी विशेष डाक आवरण देगा इसे वैश्विक पहचान - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव


राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है हिंदी -पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

 हिंदी आज सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के तमाम देशों में परचम फहरा रही है। हिंदी भाषा में बात करने पर एक-दूसरे से सहज जुड़ाव का अनुभव होता है। साथ ही हिंदी में कार्य करने एवं बोलने में गर्व महसूस होता है। हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने में चिट्ठियों का बहुत बड़ा योगदान है। यदि डाकिया डाक वितरण करते समय लोगों से इस बात की अपील करे कि हस्ताक्षर हिंदी में ही करें, तो भी हिंदी को काफी प्रोत्साहन मिलेगा। 

उक्त उद्गार महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के महामना मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान के पूर्व निदेशक एवं पूर्व कुलपति, नेहरू ग्राम मानद विश्वविद्यालय, प्रो. राम मोहन पाठक ने प्रधान डाकघर वाराणसी में 29 सितंबर, 2021 को आयोजित 'हिंदी पखवाड़ा' के समापन समारोह में व्यक्त किये।


समारोह की अध्यक्षता करते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, संविधान में वर्णित सभी प्रांतीय भाषाओं का पूर्ण आदर करते हुए इस विशाल बहुभाषी राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने में भी हिन्दी की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। हिन्दी सिर्फ एक भाषा ही नहीं बल्कि हम सबकी पहचान है, यह हर हिंदुस्तानी का हृदय है। भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण रखने में हिंदी का बहुत बड़ा योगदान है। जरूरत इस बात की है कि हम इसके प्रचार-प्रसार और विकास के क्रम में आयोजनों से परे अपनी दैनिक दिनचर्या से भी जोड़ें।

 विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार श्री राम जी यादव ने कहा कि, हिंदी सहज एवं सरल भाषा होने के साथ एक-दूसरे को जोड़ने वाली है। हिंदी हमारी मातृभाषा के साथ ही राजभाषा भी है अतः इसके विकास के लिए हमें हिंदी को जीवन-चलन में उतारने की आवश्यकता है। उन्होंने हिंदी के विकास में व्यक्तिगत योगदान के साथ संस्थागत योगदान पर विशेष जोर देने का संकल्प दिलाया।

 इस कार्यक्रम में डाक विभाग से सेवानिवृत्त सुप्रतिष्ठित साहित्यकार एवं कवि श्री केशव शरण के हिंदी गजल संग्रह "दर्द के खेत में" के द्वितीय संस्करण का विमोचन भी किया गया। साथ ही उन्हें सम्मानित भी किया गया।

 प्रवर डाकघर अधीक्षक वाराणसी पूर्वी मंडल श्री राजन ने बताया कि डाक विभाग की ओर से 14 से 28 सितंबर तक आयोजित हिंदी पखवाडे़ में कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें सभी कर्मचारियों, अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और हिन्दी पखवाड़े को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

ये हुए सम्मानित

हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित कार्यक्रम के विजेताओं को भी इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव, प्रो. राम मोहन पाठक और रामजी यादव ने सम्मानित किया। हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रीति कुमारी, हरिशंकर यादव, अब्दुल कादिर, हिंदी टंकण प्रतियोगिता में प्रीति कुमारी, आशिष कुमार, हरिशंकर यादव, हिन्दी टिप्पण एवं आलेखन प्रतियोगिता में प्रतिमा कुमारी मौर्या, संतोष कुमार भाष्कर, अमित कुमार सिंह, हिंदी पत्र लेखन प्रतियोगिता में प्रतिमा कुमारी मौर्या, संतोष कुमार भाष्कर, अमित कुमार सिंह एवं हिंदी काव्य पाठ प्रतियोगिता में आशीष कुमार, वीरेन्द्र मिश्र, इंदु कुमारी को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 कार्यक्रम में प्रवर डाकघर अधीक्षक वाराणसी पूर्वी मंडल राजन, प्रवर डाकपाल वाराणसी प्रधान डाकघर सी.एस.सिंह बरुआ , सहायक अधीक्षक आर. के. चौहान, पंकज कुमार श्रीवास्तव , सुरेश चन्द्र, डाक निरीक्षक बलवीर सिंह, जाँच निरीक्षक श्रीकांत पाल, परिवाद निरीक्षक नरेश बारा, मुक्ता चटर्जी, राजेन्द्र यादव, दीपमणि तिवारी, हरिशंकर, जे.सी.सडेजा, सुशांत झा सहित तमाम विभागीय अधिकारी -कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गणेश गंभीर ने किया।




विदेशों में भी परचम फहरा रही है हिंदी-प्रो. राममोहन पाठक

राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है हिंदी -पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

वाराणसी प्रधान डाकघर में हुआ हिंदी पखवाड़े का समापन, पोस्टमास्टर जनरल ने विजेताओं को किया पुरस्कृत


Wednesday, September 29, 2021

Hindi is not only the language of literature but also of science and innovation - Postmaster General Krishna Kumar Yadav

Hindi is one of the leading languages of the world in terms of creation and expression. Hindi is the second largest spoken language in the world today due to its simplicity, intelligibility and scientificity. Hindi is not only language of literature but also the language of science, communication, information technology and innovation. Hindi is our mother tongue as well as official language, so for its development it is necessary that we give priority to Hindi language in practical activities as well as in official work. The above views were expressed by the Postmaster General of Varanasi Region, Mr. Krishna Kumar Yadav while presiding over the closing ceremony of 'Hindi Pakhwada' organized by the Department of Posts at Varanasi on 28th September. The Postmaster General along with Senior BHU Professor and renowned Hindi litterateur Dr. Sadanand Shahi also honoured the winners of various competitions organized during the Hindi Pakhwada.


 Chief guest Professor Sadanand Shahi, said that Hindi played an important role in uniting this vast multilingual nation with full respect for all the provincial languages mentioned in the Constitution. In such a situation, we should feel proud of the use of Hindi language. The simplicity of Hindi language easily attracts everyone towards it. It is such a language, through which every section of the society can easily convey their feelings and thoughts to each other.

Assistant Director (Official Language) Shri Ram Milan informed that many competitions were organized by the Department of Posts during the Hindi Pakhwada from  14th to 28th September, in which all the employees and officers enthusiastically participated and contributed in making Hindi Pakhwada a grand success.

The winners of the program organized during Hindi Pakhwada were also felicitated on the occasion. K. Abhilasha Rajan, Shri Prakash Gupta, Shambhu Kumar in Hindi essay competition, Kumari Ajita, Lalit Kumar, Vijay Kumar in Hindi typing competition, Shambhu Kumar, Manish Kumar, Rahul Kumar in Hindi noting and drafting competition, Shri Prakash Gupta, Mr. Shambhu Prasad Gupta, Shravan Kumar Singh in Hindi letter writing competition, Shambhu Prasad Gupta, Kumari Ajita, Mohd. Naushad in Hindi poetry recitation competition and Prashant Pandey,  Nagendra Kumar in Hindi dictation competition. All the above were awarded first, second and third prize respectively Hindi competitions.

In the program, Senior Superintendent of Post Office, Varanasi East Division Rajan, Superintendent of Post Office, Varanasi West Division Krishna Chandra, Assistant Director (Official Language) Ram Milan, Accounts Officer M.P. Verma, Assistant Superintendent Ajay Kumar, Assistant Accounts Officer Santoshi Rai, Postal Inspector VN Dwivedi, Shrikant Pal, Pramod Kumar, Rajendra Yadav, Ramchandra, Bhupendra, Narendra, Pankaj Kumar along with other departmental employees were present.

Postal Department concludes Hindi Pakhwada at office of Postmaster General, Varanasi

हिंदी के विकास में डाक विभाग की अहम भूमिका - प्रो. सदानंद शाही

हिंदी एक ऐसी भाषा है, जिसके माध्यम से समाज का हर वर्ग आसानी से अपनी भावनाओं व विचारों को एक दूसरे तक पहुँचा सकता है। हिंदी को बढ़ाने में डाक विभाग की अहम भूमिका है। जिस प्रकार से डाक विभाग देश भर के लोगों को जोड़ने का कार्य करता है, उसी प्रकार हिंदी भी संवाद के वाहक के रूप में 135 करोड़ लोगों को जोड़ने का कार्य करती है। इस प्रकार डाक विभाग हिंदी का जुड़वाँ भाई है। डाक विभाग और हिंदी भाषा दोनों की भूमि  भावनात्मक है। पत्र-लेखन के माध्यम से डाक विभाग ने हिंदी साहित्य को नए आयाम दिए। उक्त उद्गार मुख्य अतिथि के रूप में बनारस हिन्दू विश्विद्यालय में हिंदी के प्रोफ़ेसर एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सदानंद शाही ने पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय, वाराणसी द्वारा 28 सितंबर को आयोजित 'हिंदी पखवाड़ा' के समापन समारोह में व्यक्त किये।


समारोह की अध्यक्षता करते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, हिन्दी सिर्फ साहित्य ही नहीं बल्कि विज्ञान से लेकर संचार-क्रांति, सूचना - प्रौद्योगिकी और नवाचार की भाषा भी है। हिंदी हमारी मातृभाषा के साथ-साथ राजभाषा भी है, ऐसे में इसके विकास के लिए जरुरी है कि हम हिंदी भाषा को व्यवहारिक क्रियाकलापों के साथ-साथ राजकीय कार्य में भी प्राथमिकता दें। सृजन एवं अभिव्यक्ति की दृष्टि से हिंदी दुनिया की अग्रणी भाषाओं में से एक है। हिन्दी अपनी सरलता, सुबोधता, वैज्ञानिकता के कारण ही आज विश्व में दूसरी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा है।

सहायक निदेशक (राजभाषा) श्री राम मिलन ने बताया कि डाक विभाग की ओर से 14 से 28 सितंबर तक आयोजित हिंदी पखवाडे़ में कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें सभी कर्मचारियों, अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और हिन्दी पखवाड़े को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित कार्यक्रम के विजेताओं को भी इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव और प्रो. सदानंद शाही ने सम्मानित किय। हिंदी निबंध प्रतियोगिता में कु.अभिलाषा राजन, श्री प्रकाश गुप्ता, शम्भू कुमार, हिंदी टंकण प्रतियोगिता में  कुमारी अजिता, ललित कुमार, विजय कुमार, हिन्दी टिप्पण एवं आलेखन प्रतियोगिता में शम्भू कुमार, मनीष कुमार, राहुल कुमार, हिंदी पत्र लेखन प्रतियोगिता में श्री प्रकाश गुप्ता,  शम्भू प्रसाद गुप्ता, श्रवण कुमार सिंह, काव्य पाठ प्रतियोगिता में  शम्भू प्रसाद गुप्ता, कुमारी अजिता, मो. नौशाद एवं हिंदी श्रुतलेखन प्रतियोगिता में प्रशांत पाण्डेय,  नागेन्द्र कुमार को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रवर डाकघर अधीक्षक वाराणसी पूर्वी मंडल राजन, डाकघर अधीक्षक वाराणसी पश्चिमी मंडल कृष्ण चन्द्र, सहायक निदेशक (राजभाषा) राम मिलन, लेखा अधिकारी एमपी वर्मा, सहायक अधीक्षक अजय कुमार, सहायक लेखा अधिकारी संतोषी राय, डाक निरीक्षक विश्वम्भर नाथ द्विवेदी, श्रीकांत पाल, प्रमोद कुमार, राजेन्द्र यादव, रामचंद्र, भूपेंद्र, नरेंद्र, पंकज कुमार सहित तमाम विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गणेश गंभीर ने किया।








हिंदी को बढ़ाने में डाक विभाग की अहम भूमिका - प्रो. सदानंद शाही

हिन्दी सिर्फ साहित्य नहीं बल्कि विज्ञान व नवाचार की भी भाषा - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग द्वारा पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय वाराणसी में हुआ हिंदी पखवाड़े का समापन, विजेताओं को किया गया पुरस्कृत



Saturday, September 25, 2021

Dak Adalat in Varanasi : डाक विभाग द्वारा वाराणसी में 'डाक अदालत' का आयोजन, पोस्टमास्टर जनरल के के यादव ने लम्बित मामलों में त्वरित कार्यवाही के दिये निर्देश


डाक सेवाओं के उपभोक्ताओं की समस्याओं और शिकायतों के त्वरित निस्तारण हेतु वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव की अध्यक्षता में 24 सितम्बर, 2021 को डाक अदालत का आयोजन क्षेत्रीय कार्यालय में किया गया। इस डाक अदालत हेतु वाराणसी, चंदौली, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया जिले में डाक सेवाओं से संबंधित समस्याएं या शिकायतें लोगों से 21 सितम्बर तक पूर्ण विवरण के साथ उपलब्ध कराने को कहा गया था। इसमें सिर्फ वही मामले लिए जा सकते हैं, जिनका मंडल स्तर पर निस्तारण नहीं हुआ हो। इस क्रम में डाक अदालत में कुल 4 लोगों के आवेदन प्राप्त हुए, जिनका निस्तारण किया गया।

डाक अदालत में प्रथम मामला श्री पुरुषोत्तम कुमार द्वारा उनके टीडीएस भुगतान से संबंधित था, जो कि 1 सितंबर को फाइल कर दिया गया है। अन्य तीन मामले वाराणसी कैंट प्रधान डाकघर में गबन से संबंधित थे, जिसमें श्री सिद्धार्थ पांडेय, श्री ओम प्रकाश पांडेय व श्रीमती पुष्पा पांडेय के 13 खाते शामिल हैं। इनमें  से 1 खाते का भुगतान हेतु ज्ञापन जारी किया जा चुका है, वहीं 4 खाते रिस्टोरेशन हेतु सेंटर फॉर एक्सेलेंस इन पोस्टल टेक्नोलॉजी, चेन्नई को भेजे जा चुके हैं। 2 खातों में हस्ताक्षर में भिन्नता होने के कारण फोरेंसिक लैब में भेजने के निर्देश दिए गए हैं तथा 6 खातों में भुगतान की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने प्रक्रियाधीन मामलों में त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। डाक अदालत के दौरान सहायक निदेशक (सतर्कता) राममिलन, जाँच निरीक्षक श्रीकान्त पाल तथा कार्यालय सहायक अजिता कुमारी ने समन्वय एवं सहयोग किया।