Thursday, January 27, 2022

गणतंत्र दिवस परेड में डाक विभाग की झांकी में भारतीय डाक के आधुनिक रूप और महिला सशक्तीकरण को किया गया प्रदर्शित

डाक विभाग आम जन से जुड़ा हुआ है, ऐसे में गणतंत्र में इसकी भूमिका और भी अहम हो जाती है। 73वें गणतंत्र दिवस परेड में राजपथ पर विभिन्न राज्यों और सरकारी मंत्रालयों/विभागों की निकली झाँकियों (Tableau) में भारतीय डाक विभाग की झाँकी भी रही। इस झांकी का विषय “भारतीय डाक : संकल्‍प @75 - महिला सशक्‍तीकरण” रखा गया है। डाक विभाग की झांकी में भारतीय डाक की मजबूत पहुंच और आधुनिक रूप को प्रदर्शित किया। साथ ही इसमें लैंगिक समानता की दिशा में उठाए गए कदमों को प्रदर्शित करने के लिए महिला डाकघरों को भी दर्शाया गया।

डाक विभाग को गणतंत्र दिवस परेड में अपनी झांकी निकालने का अवसर 17 साल बाद प्राप्त हुआ है। इससे पहले डाक विभाग के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 2005 में डाक विभाग ने अपनी झांकी निकाली थी। तब से अब तक डाक विभाग का चेहरा-मोहरा काफी बदल चुका है। न सिर्फ डाक विभाग ने अपनी सेवाओं में काफी विस्तार किया है, बल्कि कोरोना काल में तो ग्रामीण डाक सेवकों के जरिए ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ योजनाओं के पैसे ग्रामीणों तक पहुंचाकर संकटकाल में उनका सबसे अच्छा साथी भी सिद्ध हुआ है।

आज जब देश अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो इस कड़ी में भारतीय डाक गणतंत्र दिवस की अपनी झांकी के माध्यम से महिला सशक्‍तीकरण व तकनीक के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता नजर आया।  इस झांकी के जरिए केवल महिला कार्मिकों द्वारा कंप्यूटर व डिजिटल सुविधाओं से संचालित डाकघरों के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की गई है कि विभाग किस प्रकार महिला सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। महिला डाकघरों में महिला कर्मचारियों को पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवा प्रदान करते हुए दिखाया गया। इसी के प्रतीक स्वरूप झांकी के अग्रभाग में एक महिला पोस्टमैन की प्रतिमा थी, जिसके एक हाथ में डिजिटल डिवाइस तो दूसरे हाथ में पोस्टमैन की पहचान उसका थैला था। यह प्रौद्योगिकी के साथ परंपरा के मेल को दर्शाता है। साथ ही, रैंप के माध्‍यम से दर्शाए गए ‘दिव्‍यांगजनों के लिए अनुकूल डाकघर’ भी विभाग की सामाजिक प्रतिबद्धता को दोहराते दिखाई दिए।

महिला पोस्टमैन के साथ ही हरकारे की उभरी हुई आकृति भी दर्शाई गई, जो पिछले कई दशकों के दौरान भारतीय डाक में हुए कायाकल्‍प का प्रतीक है। इन दोनों चित्रों को सबके जाने-पहचाने लेटर बाक्‍स के आगे दर्शाया गया। झांकी के मध्य  भाग में श्रीनगर का तैरता (फ्लोटिंग) डाकघर दिखाया गया। इसके माध्‍यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्‍वाकांक्षी कार्यक्रम ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत शुरू की गई ‘सुकन्‍या समृद्धि योजना’ पर बल दिया गया । गौरतलब है कि इंडिया पोस्‍ट पेमेंट्स बैंक के मामले में लगभग 50 प्रतिशत खाताधारक (2.24 करोड़) महिलाएं हैं, और ऐसे 98 प्रतिशत खाते उनके द्वार पर जाकर ही खोले गए हैं। झांकी के पिछले भाग में देश के सबसे पुराने जीपीओ, कोलकाता जीपीओ को दर्शाया गया, जोकि भारतीय डाक के गौरवशाली सफर का गवाह है, साथ ही देश की एक सुप्रसिद्ध इमारत भी है।

India Post tableau in Republic Day parade - India Post : 75 Years @ Resolve-Women Empowerment

The Department of Post's tableau at the Republic Day parade on 26th January, 2022 displayed the robust outreach and the modern face of India Post as well as all-women post offices to showcase the steps taken towards gender equality.

In its tableau, the department also displayed 'Divyang' friendly post offices. The front of the tableau featured a 'Post Woman', equipped with a digital device and a postman's bag, showcasing a perfect blend of technology and tradition with the the image of a 'Harkara' (foot Dak messenger) as side relief. The two images were set in the foreground of the ubiquitous red-letter box.

The middle part of the tableau featured the 'Floating Post Office' of Srinagar with girl child highlighting the Sukanya Samriddhi Yojna, a scheme under the "Beti Bachao-Beti Padhao" campaign of the Narendra Modi government.

The all-women post office showcased opportunities provided to women employees to serve shoulder-to-shoulder with men.

At the rear of the tableau was displayed Kolkata GPO, the oldest general post office at one of the iconic heritage buildings of India and a proud witness to the journey of India Post.

Adorning the tableau, there was a collage of stamps digitally printed on 'khadi', pertaining to the country's freedom struggle.

The Department of Post stands as a model employer of women, besides rendering financial inclusion services to women. Almost 50 per cent of account holders of the India Post payments bank, as well as the post office savings bank, are women.


Deccan Herald : Department of Post tableau showcases modern face of India Post, women empowerment

Republic Day Parade 2022: महिला सशक्तीकरण की झांकी प्रस्तुत करेगा भारतीय डाक विभाग

आजादी के पहले से गांव-गांव तक अपनी सेवाएं देता आ रहा भारतीय डाक विभाग इस बार गणतंत्र दिवस पर महिला सशक्तीकरण की झांकी प्रस्तुत करने जा रहा है। 26 जनवरी, 2022  को राजपथ पर निकलने वाली डाक विभाग की झांकी में एक युवा महिला पोस्टमैन हाथ में डिजिटल डिवाइस लिए हुए खड़ी दिखाई देगी। भारतीय डाक विभाग की ओर से इस झांकी के प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर की जिम्मेदारी निभा रहीं मुंबई क्षेत्र की पोस्टमास्टर जनरल (पीएमजी) स्वाती पांडे बताती हैं कि डाक विभाग को गणतंत्र दिवस परेड में अपनी झांकी निकालने का अवसर 17 साल बाद प्राप्त हुआ है। इससे पहले डाक विभाग के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 2005 में डाक विभाग ने अपनी झांकी निकाली थी। तब से अब तक डाक विभाग का चेहरा-मोहरा काफी बदल चुका है। न सिर्फ डाक विभाग ने अपनी सेवाओं में काफी विस्तार किया है, बल्कि कोरोना काल में तो ग्रामीण डाक सेवकों के जरिए ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ योजनाओं के पैसे ग्रामीणों तक पहुंचाकर संकटकाल में उनका सबसे अच्छा साथी भी सिद्ध हुआ है।


ये है झांकी का विषय

स्वाती पांडे बताती हैं कि आज जब देश अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो इस कड़ी में भारतीय डाक गणतंत्र दिवस की अपनी झांकी के माध्यम से महिला सशक्‍तीकरण व तकनीक के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने जा रहा है। इस झांकी के जरिए केवल महिला कार्मिकों द्वारा कंप्यूटर व डिजिटल सुविधाओं से संचालित डाकघरों के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की गई है कि विभाग किस प्रकार महिला सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस झांकी का विषय भी “भारतीय डाक : संकल्‍प@75 - महिला सशक्‍तीकरण” रखा गया है। इसी के प्रतीक स्वरूप झांकी के अग्रभाग में एक महिला पोस्टमैन की प्रतिमा होगी, जिसके एक हाथ में डिजिटल डिवाइस तो दूसरे हाथ में पोस्टमैन की पहचान उसका थैला होगा। यह प्रौद्योगिकी के साथ परंपरा के मेल को दर्शाएगा। साथ ही, रैंप के माध्‍यम से दर्शाए गए ‘दिव्‍यांगजनों के लिए अनुकूल डाकघर’ भी विभाग की सामाजिक प्रतिबद्धता को दोहराते दिखाई देंगे।

झांकी में दिखेगा यहां का डाकघर

महिला पोस्टमैन के साथ ही हरकारे की उभरी हुई आकृति दर्शाई गई है, जो पिछले कई दशकों के दौरान भारतीय डाक में हुए कायाकल्‍प का प्रतीक है। इन दोनों चित्रों को सबके जाने-पहचाने लेटर बाक्‍स के आगे दर्शाया गया है। झांकी के ट्रेलर भाग में श्रीनगर का तैरता (फ्लोटिंग) डाकघर दिखाया गया है। इसके माध्‍यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्‍वाकांक्षी कार्यक्रम ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत शुरू की गई ‘सुकन्‍या समृद्धि योजना’ पर बल दिया गया है। इंडिया पोस्‍ट पेमेंट्स बैंक के मामले में लगभग 50 प्रतिशत खाताधारक (2.24 करोड़) महिलाएं हैं, और ऐसे 98 प्रतिशत खाते उनके द्वार पर जाकर ही खोले गए हैं। झांकी के पिछले भाग में देश के सबसे पुराने जीपीओ, कोलकाता जीपीओ को दर्शाया गया है, जोकि भारतीय डाक के गौरवशाली सफर का गवाह है, साथ ही देश की एक सुप्रसिद्ध इमारत भी है।

साभार : जागरण  -Republic Day Parade 2022: महिला सशक्तीकरण की झांकी प्रस्तुत करेगा भारतीय डाक विभाग

डाक विभाग ने मनाया 73वां गणतंत्र दिवस, वाराणसी में पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज


डाक विभाग द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र में 26 जनवरी, 2022 को 73वां  गणतंत्र  दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने  कैंट प्रधान डाकघर कैम्पस स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और सराहनीय सेवाओं के लिए 20 डाककर्मियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित भी किया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग आम जन से जुड़ा हुआ है, ऐसे में गणतंत्र में इसकी भूमिका और भी अहम हो जाती है। इस बार 73वें गणतंत्र दिवस पर  राजपथ पर विभिन्न राज्यों और सरकारी मंत्रालयों/विभागों की निकली झाँकियों (Tableau) में 'आजादी का अमृत महोत्सव : भारतीय डाक' की झाँकी भी रही। महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित इस झाँकी में डाक सेवाओं में हुए तमाम बदलावों को भी प्रदर्शित किया गया।

 पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि संविधान हमारे देश की आत्मा है। भारतीय संविधान की उद्देशिका में निहित शब्दों और उनमें निहितार्थ भाव को अंगीकार करने की जरूरत है, जिसकी शुरुआत 'हम भारत के लोग' से हुई है। यही हमारे लोकतंत्र और गणतंत्र का मूल है। भारतीय डाक विभाग भी समाज के अंतिम व्यक्ति तक अपनी पहुँच सुनिश्चित कर लोक कल्याणकारी योजनाओं से लोगों को जोड़ता है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि आज ही के दिन हमने संविधान के तहत लोकतान्त्रिक व्यवस्था को अंगीकार कर देश के प्रत्येक नागरिक के कल्याण एवं सर्वोन्मुखी विकास का संकल्प लिया था। ऐसे में संविधान में प्रदत्त अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी विवेकपूर्ण अनुपालन आवश्यक है। एक जिम्मेदार नागरिक और सरकारी व्यवस्था के अंग दोनों रूप में, संविधान द्वारा स्थापित तंत्र की मजबूती हेतु कार्य करते हुए  हमारा दायित्व होना चाहिए कि सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाएं आम जन तक पहुंचें और इसके लिए हमें अधिक प्रभावी और प्रतिबद्ध रूप में कार्य करना होगा। गणतंत्र दिवस के दिन हम सभी को लोकतंत्र की उपलब्धियों का उत्सव मनाना चाहिए और एक शांतिपूर्ण, सौहार्दपूर्ण एवं प्रगतिशील भारत के निर्माण में स्वयं को समर्पित करने का संकल्प लेना चाहिए।

इस अवसर पर प्रवर डाक अधीक्षक राजन राव, डाक अधीक्षक संजय वर्मा, सहायक निदेशक राम मिलन, सहायक अधीक्षक आर के चौहान, अजय कुमार, डाक निरीक्षक श्रीकांत पाल, वीएन द्विवेदी, संतोषी राय, पोस्टमास्टर कैंट प्रधान डाकघर रमाशंकर वर्मा सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।  

उत्कृष्ट कार्य करने वाले डाककर्मियों का हुआ सम्मान 


पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सराहनीय सेवाओं हेतु विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले डाककर्मियों को सम्मानित किया। इनमें वाराणसी (पूर्वी) मण्डल से सिटी महिला डाकघर की पोस्टमास्टर सी. अनिथा, सन्नी कुमार गुप्ता, कुलभूषण तिवारी, रवीन्द्र पासवान, अनिल कुमार शर्मा, ग्रामीण डाक सेवक संदीप सरोज, पोस्टमैन राजेश सिंह पटेल, डायरेक्ट एजेंट राम आशीष सिंह, मेल ओवरसियर राम प्रसाद तो वाराणसी (पश्चिम) मंडल से डाक सहायक सिद्धार्थी, शिव शंकर राम, ग्रामीण डाक सेवक दीपू शर्मा, मिथिलेश सिंह, हाफिज़ अहमद, कमलेश कुमार, पोस्टमैन कुमारी नीलम, पवन कुमार, डायरेक्ट एजेंट नीलेश जायसवाल और क्षेत्रीय कार्यालय से एमटीएस नागेंद्र यादव, इंद्रजीत गौतम को सम्मानित  किया गया।

Live Vns : डाक विभाग ने वाराणसी परिक्षेत्र में मनाया 73वां गणतंत्र दिवस, पोस्टमास्टर जनरल ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले डाककर्मियों को किया सम्मानित

निष्पक्ष दस्तक : डाक विभाग ने मनाया 73वां गणतंत्र दिवस

Tuesday, January 25, 2022

National Girl Child Day observed by India Post, felicitated girls by opening Sukanya Samriddhi account in Varanasi

India is celebrating the Azadi Ka Amrit Mahotsav and girls have a significance importance in our country. Girls are the future of tomorrow. There is need to strengthen them financially and socially for their bright future. 'Sukanya Samriddhi Yojana' launched under 'Beti Bachao, Beti Padhao' is playing an important role in this. These thoughts were expressed by Mr. Krishna Kumar Yadav,  Postmaster General, Varanasi Region in a program organized to celebrate 'National Girl Child Day' in Varanasi Cantt Head Post Office. He also distributed Sukanya Samriddhi Yojana passbooks to girl child beneficiaries and felicitated them. Mr. Yadav told that 2.32 lakh girls have been opened Sukanya Samriddhi accounts in Varanasi Region so far, while 520 villages have been made Sampoorna Sukanya Samriddhi Grams by covering all eligible girl child in these villages.

Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that the family, society and ultimately the nation becomes strong by the empowerment of the girl child. Now the Aadhaar card of girls up to 5 years of age can be made through the Postal Department at doorstep. Under the 'My Stamp' service, stamps with girls picture can be made and given to them. Sukanya Samriddhi Yojana, which is opened in the Post Office for the girl child up to 10 years with only ₹ 250, is not only a medium of investment, but it is also linked to the bright and prosperous future of the girl child. The economic as well as social dimensions of this scheme are important. The amount deposited in this will be completely for the girl child, which will be useful in her education, career and marriage. This scheme will also promote women empowerment in future by empowering the girl child. He also appealed to the people to take a new initiative by opening Sukanya Samriddhi account for the girl child of poor and deprived family.


Assistant Director (Postal Services) Mr. Ram Milan informed about the importance of celebrating National Girl Child Day. Mr. Sanjay Kumar Verma, Superintendent of Post Office, Varanasi West Division, said that the interest rate in Sukanya Samriddhi Yojana is 7.6 percent and there is also income tax exemption on the amount deposited and the interest earned. A maximum of 1.5 lakh rupees can be deposited in this scheme in a financial year. Up to 50 percent of the deposit amount can be withdrawn after the girl child attains the age of 18 years or has passed class 10th. The maturity period of the account is 21 years from the date of opening of the account, however it can be closed at the time of marriage after the girl child attains the age of 18 years.

On this occasion, Superintendent Post Office Sanjay Kumar Verma, Assistant Director Ram Milan, Assistant Superintendent of Posts RK Chauhan, Postal Inspector Shrikant Pal, Postmaster RS Verma, Sriprakash Gupta, Rajendra Yadav, Abhilasha Gupta, Ajita Kumari etc. were present for the encouragement of the girl child.


National Girl Child Day observed (The Pioneer)


National Girl Child Day : 520 villages in Varanasi Region become Sampoorna Sukanya Samriddhi Grams (Hindustan Times)



'राष्ट्रीय बालिका दिवस' : डाक विभाग की पहल, वाराणसी परिक्षेत्र में 520 गाँव बने सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम

देश इस समय आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और हमारे देश में बालिकाओं का स्थान महत्वपूर्ण है। बालिकाएं आने वाले कल का भविष्य हैं। ऐसे में बालिकाओं के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें आर्थिक व सामाजिक रूप से सुदृढ़ करने की जरूरत है। इसमें 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के तहत आरंभ 'सुकन्या समृद्धि योजना' महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उक्त उद्गार 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' पर वाराणसी कैंट प्रधान डाकघर में आयोजित कार्यक्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने व्यक्त किये। 

उन्होंने विभिन्न बालिकाओं को सुकन्या समृद्धि योजना से जोड़ते हुए उन्हें सम्मानित भी किया। श्री यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक 2.32 लाख बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं, वहीं 520 गाँवों को सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम बनाया जा चुका है। इस दिवस पर डाक विभाग द्वारा वाराणसी, भदोही, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया जनपदों में अभियान चलाकर विभिन्न बालिकाओं को सम्मानित किया गया और उनके सुकन्या समृद्धि खाते भी खुलवाए गए।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि बालिकाओं के सुदृढ़ीकरण से परिवार, समाज और अंतत: राष्ट्र भी मजबूत बनता है। अब 5 साल तक की बालिकाओं का घर बैठे डाक विभाग के माध्यम से आधार कार्ड बनवाया जा सकता है। 'माई स्टैम्प' सेवा के तहत उनके चित्र वाली डाक टिकट बनाकर उन्हें दी जा सकती है। 10 साल तक की बालिकाओं का मात्र ₹ 250 से डाकघर में खुलने वाला सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का ही एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुड़ा हुआ है। इस योजना के आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक आयाम भी महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बालिकाओं के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर एवं विवाह में उपयोगी होगी। यह योजना बालिकाओं के सशक्तिकरण के द्वारा भविष्य में नारी सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देगी। उन्होंने लोगों से अपील भी की कि गरीब व वंचित परिवार की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाकर नई पहल करें। 

सहायक निदेशक राम मिलन ने राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाये जाने की पृष्ठिभूमि के बारे में जानकारी दी। वाराणसी पश्चिमी मंडल के अधीक्षक डाकघर संजय वर्मा ने बताया कि, सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज दर 7.6 प्रतिशत है और जमा धनराशि व अर्जित ब्याज पर आयकर छूट भी है। इस योजना में एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम डेढ़ लाख रूपये जमा किये जा सकते हैं। बालिका के 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने अथवा 10वीं कक्षा पास कर लेने के उपरांत जमा राशि का 50 प्रतिशत तक निकाला जा सकता है। खाते की परिपक्वता अवधि खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष है, तथापि बालिका द्वारा 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने के बाद विवाह के समय बंद किया जा सकता है।

इस अवसर पर अधीक्षक डाकघर संजय कुमार वर्मा, सहायक निदेशक राम मिलन, सहायक डाक अधीक्षक आरके चौहान, डाक निरीक्षक श्रीकांत पाल, पोस्टमास्टर रमाशंकर वर्मा और श्रीप्रकाश गुप्ता, राजेन्द्र यादव, अभिलाषा गुप्ता, अजिता कुमारी इत्यादि लोग बालिकाओं के उत्साहवर्धन के लिए मौजूद रहे।





देश के स्वतंत्रता आंदोलन में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का अहम स्थान -पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी में मनाई गई। इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उनके अवदान को याद किया।  

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, देश के स्वतंत्रता आंदोलन में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का अहम स्थान रहा है। साहस और पराक्रम के परिचायक, देशभक्ति की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले, आजाद हिंद फौज के संस्थापक, स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस सदैव युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे। 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा' का आह्वान करके नेताजी ने आजादी को नए आयाम दिए। महात्मा गांधी जी को पहली बार राष्ट्रपिता के नाम से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने ही संबोधित किया था। मातृभूमि के लिए उनका अद्वितीय त्याग, तप, एवं संघर्ष समस्त देशवासियों का सदैव मार्गदर्शन करता रहेगा।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के क्रम में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। आम लोगों में देशभक्ति की भावना को जगाने के लिए सभी डाकघरों में 22 से 27 जनवरी तक भारतीय राष्ट्रीय सेना के देशभक्ति गीत बजाये जायेंगे, ताकि डाकघर आने वाले ग्राहक भी इस गतिविधि का हिस्सा बन सकें। सभी पोस्टमास्टरों को इस गतिविधि को स्वैच्छिक आधार पर और राष्ट्रीय विकास में योगदान देने वाली सामुदायिक सेवा के रूप में संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।

इस अवसर पर वाराणसी (पश्चिमी) मंडल के अधीक्षक डाकघर संजय वर्मा, सहायक निदेशक राम मिलन, पोस्टमास्टर वाराणसी कैंट आर एस वर्मा, डाक निरीक्षक वी एन द्विवेदी, श्रीकांत पाल, राजेंद्र यादव सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।





Friday, January 14, 2022

वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों में अब तक हुआ 8.60 लाख से ज्यादा लोगों का आधार नामांकन व संशोधन - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग द्वारा नया आधार कार्ड बनवाने या फिर उसमें संशोधन कराने के लिए वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों  में  13 जनवरी,  दिन गुरुवार को विशेष अभियान चलाया गया। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इस अभियान के दौरान एक दिन में ही लगभग ढाई हजार लोगों का आधार नामांकन और अपडेशन किया गया। यह अभियान वाराणसी, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर व बलिया के 129 डाकघरों में चला, जिसे लोगों ने भरपूर सराहा। लोगों की भीड़ के चलते अधिकतर डाकघरों में देर शाम तक आधार का कार्य हुआ, ताकि लोगों को निराश न लौटना पड़े। डाककर्मी लोगों को कोविड प्रोटोकॉल के तहत मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने हेतु लगातार अनुरोध करते रहे।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पोस्ट ऑफिस में आधार सेवाओं का लाभ कोई भी ले सकता है। वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक लगभग 8.60 लाख से ज्यादा लोगों का आधार नामांकन व संशोधन किया जा चुका है। वर्ष 2021 में 3.33 लाख लोगों का आधार नामांकन व अपडेशन किया गया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघरों में नया आधार पूर्णतया नि:शुल्क बनाया जाता है।  डेमोग्राफिक संशोधन (नाम, जन्म तिथि, लिंग, पता, मोबाइल व ईमेल) हेतु ₹50/- और बायोमेट्रिक संशोधन (फिंगरप्रिंट, आईरिस व फोटो) हेतु ₹100/- शुल्क देना होता हैI यह अभियान वाराणसी के 46, गाजीपुर के 19, जौनपुर के 27, बलिया के 22, भदोही के 5 व चंदौली जनपद के 10 डाकघरों में चला।





डाक विभाग द्वारा विशेष अभियान में एक दिन में ढाई हजार से ज्यादा लोगों का आधार नामांकन व अपडेशन का हुआ कार्य

Monday, January 10, 2022

World Hindi Day: Postmaster General's family is engaged in the development of Hindi with three generations

'World Hindi Day' is celebrated every year on 10th January. Its purpose is to create awareness for the promotion of Hindi in the world and to present Hindi as an international language. Many institutions, government departments and scholars are working at their level to enrich Hindi. Among these, there is also a unique family in UP, whose three generations are striving to enrich Hindi and being honored in many countries at the international level.

In the family of Krishna Kumar Yadav, Postmaster General of Varanasi Region, his father Ram Shiv Murti Yadav, wife Akanksha Yadav and both daughters Akshitaa and Apurva are continuously giving new dimensions to Hindi through their writings and blogging. Apart from publication in various magazines and journals 7 books of Krishna Kumar Yadav and 3 books of Akanksha have been published. The name of this family is also leading internationally in the field of Hindi blogging.

 Yadav couple, who have been honored with the 'Best Blogger Couple of the Decade' , have received  other awards including 'Parikalpana Blogging SAARC Summit award' in the 'International Hindi Blogger Conference' held in Nepal, Bhutan and Sri Lanka. Akanksha Yadav's blog 'Shabd Shikhar' has also been honored as the most popular Hindi blog in the 'People's Choice Award' category during the Global Media Forum (2015) in Bonn, Germany.

 Both their daughters Akshitaa (Pakhi) and Apurva, studying in Sunbeam School, Varuna, Varanasi, are also following the same path and are creative in Hindi despite studying in English medium.  Akshitaa has been honored with the 'National Child Award' by the Government of India for her blog 'Pakhi Ki Duniya', while 'Parikalpana SAARC Junio Blogger Award' in International Hindi Blogger Conference, Sri Lanka (2015). Apurva also alerted people with her poems during the Corona epidemic.

 Postmaster General Krishna Kumar Yadav says that Hindi is one of the leading languages of the world in terms of creation and expression.  In this era of digital revolution, Hindi has the potential to become a world language.  At the same time, Akanksha Yadav believes that Hindi language is a medium of expression of Indian culture as well as a powerful medium to strengthen the emotional unity of India. If you speak Hindi anywhere in the world, you will be recognized as an Indian.

World Hindi Day: Postmaster General's family is engaged in the development of Hindi with three generations

विश्व हिंदी दिवस : तीन पीढ़ियों संग हिंदी के विकास में तत्पर पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव का परिवार


 'विश्व हिन्दी दिवस' प्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना व हिन्दी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। हिंदी को लेकर तमाम संस्थाएँ, सरकारी विभाग व विद्वान अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं। इन सबके बीच उत्तर प्रदेश में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव का अनूठा परिवार ऐसा भी है, जिसकी तीन पीढ़ियाँ हिंदी की अभिवृद्धि के लिए  न सिर्फ प्रयासरत हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी कई देशों में सम्मानित हैं।

वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव के परिवार में उनके पिता श्री राम शिव मूर्ति यादव के साथ-साथ पत्नी सुश्री आकांक्षा यादव और दोनों बेटियाँ अक्षिता व अपूर्वा भी हिंदी को अपने लेखन से लगातार नए आयाम दे रही हैं। देश-दुनिया की तमाम पत्रिकाओं में प्रकाशन के साथ श्री कृष्ण कुमार यादव की 7 और पत्नी आकांक्षा की 3 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। हिंदी ब्लॉगिंग के क्षेत्र में इस परिवार का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अग्रणी है।

'दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दम्पति' सम्मान से विभूषित यादव दम्पति को नेपाल, भूटान और श्रीलंका में आयोजित 'अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ब्लॉगर सम्मेलन' में 'परिकल्पना ब्लॉगिंग सार्क शिखर सम्मान' सहित अन्य सम्मानों से नवाजा जा चुका है। जर्मनी के बॉन शहर में ग्लोबल मीडिया फोरम (2015) के दौरान 'पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड' श्रेणी में सुश्री आकांक्षा यादव के ब्लॉग 'शब्द-शिखर' को हिंदी के सबसे लोकप्रिय ब्लॉग के रूप में भी सम्मानित किया जा चुका है।

सनबीम स्कूल, वरुणा, वाराणसी में अध्ययनरत इनकी दोनों बेटियाँ अक्षिता (पाखी) और अपूर्वा भी इसी राह पर चलते हुए अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई के बावजूद हिंदी में सृजनरत हैं। अपने ब्लॉग 'पाखी की दुनिया' हेतु अक्षिता को भारत सरकार द्वारा सबसे कम उम्र में 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' से सम्मानित किया जा चुका है, वहीं अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ब्लॉगर सम्मेलन, श्रीलंका (2015) में भी अक्षिता को “परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान” से सम्मानित किया गया। अपूर्वा ने भी कोरोना महामारी के दौर में अपनी कविताओं से लोगों को सचेत किया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव का कहना है कि, सृजन एवं अभिव्यक्ति की दृष्टि से हिंदी दुनिया की अग्रणी भाषाओं में से एक है। डिजिटल क्रान्ति के इस युग में हिन्दी में विश्व भाषा बनने की क्षमता है। वहीं, सुश्री आकांक्षा यादव का मानना है कि हिन्दी भाषा भारतीय संस्कृति की अभिव्यक्ति का माध्यम होने के साथ-साथ भारत की भावनात्मक एकता को मजबूत करने का सशक्त माध्यम है। आप विश्व में कहीं भी हिन्दी बोलेगें तो आप एक भारतीय के रूप में ही पहचाने जायेंगे।