भारतीय डाक सेवा ने देश में पहली बार ड्रोन से डाक पार्सल की डिलीवरी की है. यह डिलीवरी गुजरात के कच्छ में की गई है. ड्रोन ने 25 मिनट के समय में 47 किमी दूर पार्सल पहुंचाया है. बिना किसी परेशानी के ड्रोन के जरिए दो किलो का डाक पार्सल डिलीवर किया गया है.
अब तक ड्रोन का इस्तेमाल फोटोग्राफी के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसका इस्तेमाल डाक पार्सल को एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए किया जा रहा है. देश में सबसे बड़े और सीमावर्ती जिले कच्छ में डाक विभाग द्वारा 27 मई, 2022 को एक नया सफल प्रयोग किया गया है. यहां ड्रोन से दो किलो के पार्सल की सफल डिलीवरी की गई है.
25 मिनट में 47 किमी दूर पहुंचाया पार्सल
भारतीय डाक विभाग द्वारा ड्रोन द्वारा डाक सेवा शुरू करने के लिए एक परीक्षण किया गया था, जिसमें भुज तहसील के हबाय पोस्ट ऑफिस से भचाऊ तहसील के नेर गांव पोस्ट ऑफिस तक 47 किमी रूट का चयन किया गया था और दो किलो पार्सल ड्रोन में रखकर भेजा गया था. यह ड्रोन पार्सल महज 25 मिनट में 47 किमी की दूरी तक अपने निश्चित स्थान पर पहुंचा.
इस परीक्षण में ड्रोन में दवा पार्सल लोड किया था जो ड्रोन के जरिए सफलतापूर्वक 25 मिनट में हबाय गांव से नेर गांव तक 47 किमी की दूरी तय करते हुए उतारा गया. ट्रायल बेस के सत्यापन के बाद अब लग रहा है कि सरकार की ओर से आधिकारिक जानकारी देकर ड्रोन डाक सेवा शुरू की जा सकती है. स्थानीय डाक विभाग की अधिकारियों सहित एक उच्च स्तरीय टीम की मौजूदगी में यह परीक्षण किया गया. इस परीक्षण के लिए दिल्ली से 4 सदस्यीय टीम भी आई है. डोरस्टेप बैंकिंग के बाद डाक विभाग अब ड्रोन डिलीवरी जैसी आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है.
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भारतीय डाक विभाग (INDIA POST) ने पहली बार पायलट परियोजना के तहत गुजरात के कच्छ जिले में ड्रोन की मदद से डाक पहुंचाई। डाक पहुंचाने के लिए जिस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, उसे गुरुग्राम के स्टार्टअप टेकईगल ने बनाया था। कंपनी ने कहा कि इस तरह के काम के लिए ड्रोन की यह पहली उड़ान थी। ड्रोन ने 46 किलोमीटर की दूरी आधे घंटे से भी कम समय में तय की। टेकईगल ने पिछले महीने देश की सबसे तेज गति की हाइब्रिड इलेक्टिक वर्टिकल टेक-आफ एंड लैंडिंग (VTOL) सेवा ‘वर्टिप्लेन एक्स3’ शुरू की थी। इसकी रेंज 100 किलोमीटर है और यह तीन किलोग्राम तक वजन का पार्सल अधिकतम 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ले जा सकता है। यह पांच गुणा पांच मीटर एरिया में हेलीकाप्टर की तरह लैंड करने के साथ ही उड़ान भर सकता है।
कंपनी ने वर्टिप्लेन एक्स3 को हाल ही में हुए ड्रोन महोत्सव में भी प्रदर्शित किया था। कंपनी ने कहा कि इस पायलट परियोजना का उद्देश्य ड्रोन डिलीवरी की तकनीकी व्यवहार्यता का परीक्षण करना था। इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता से भविष्य में ड्रोन द्वारा डाक की डिलीवरी करना संभव होगा।
टेकईगल के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी विक्रम सिंह मीणा ने बताया कि 27 मई को कंपनी के ‘वर्टिप्लेन एक्स3’ ने भुज तालुका के हाबे गांव से भारतीय डाक विभाग की डाक कच्छ जिले के भाचानू तालुका के नेर गांव में पहुंचाई। उन्होंने बताया कि यह एक ही उड़ान में सबसे लंबी ड्रोन डिलीवरी रही है।
टेकईगल के संस्थापक और सीईओ विक्रम सिंह मीणा ने बताया कि 27 मई को TechEagle के Vertiplane X3 ड्रोन ने गुजरात के भुज तालुका स्थित हबाय गांव से नेर गांव तक भारतीय डाक पहुंचाया था। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का लक्ष्य देश के किसी भी हिस्से में, चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण, कम से कम समय में सामानों की डिलिवरी करना है।