डाक-टिकट संग्रह (फिलैटली) को शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा में लाने और प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से डाक विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए "दीन दयाल स्पर्श योजना" (स्कॉलरशिप फॉर प्रमोशन ऑफ एप्टीट्यूड एंड रिसर्च इन स्टैम्प्स ऐज ए हॉबी) छात्रवृत्ति दी जाएगी। वर्ष 2017 से कक्षा 6 से 9 तक के बच्चों के लिए आरम्भ इस योजना में उन मेधावी छात्रों को 6000/- रूपये वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान करने का प्रस्ताव है, जिनका शैक्षणिक रिकार्ड अच्छा है और जिन्होंने शौक के तौर पर फिलैटली को अपनाया है। इस छात्रवृत्ति योजना में लाभार्थियों के चयन हेतु आयोजित होने वाली परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितम्बर, 2022 निर्धारित है।
इसके तहत अखिल भारतीय स्तर पर विद्यार्थियों को 920 छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाएंगी और प्रत्येक डाक परिमंडल कक्षा 6, 7, 8, और 9 के 10-10 विद्यार्थियों को, अधिकतम 40 छात्रवृत्तियाँ प्रदान करेगा। छात्रवृत्ति की राशि, 500/- रूपये प्रतिमाह की दर से 6000/- रूपये प्रतिवर्ष होगी, जो कि तिमाही आधार पर देय होगी। पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने कहा कि छात्रवृत्ति की अहर्ता हेतु भारत में मान्यता प्राप्त विद्यालय का विद्यार्थी होना चाहिए। संबंधित विद्यालय का फिलैटली क्लब होना चाहिए और उम्मीदवार क्लब का सदस्य होना चाहिए। यदि विद्यालय में फिलैटली क्लब नहीं है, तो उस विद्यालय के ऐसे विद्यार्थी जिसका अपना फिलैटली जमा खाता है, के नाम पर भी विचार किया जा सकता है। फिलैटली डिपोजिट खाता डाकघर में न्यूनतम 200 रुपये से खोला जा सकता है। छात्रवृत्ति देने लिए चयन करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि उम्मीदवार ने विगत अंतिम परीक्षा में कम से कम 60 प्रतिशत अंक अथवा समकक्ष ग्रेड/ग्रेड प्वांइट प्राप्त किए हों। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 5 प्रतिशत की छूट होगी।
छात्रवृत्ति हेतु चयन परिमण्डलों द्वारा आयोजित फिलैटली क्विज में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा, जिसमें 50 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके लिए परिमंडल स्तर पर डाक अधिकारी और प्रतिष्ठित फिलैटलीविदों की एक समिति भी गठित की जाएगी। चयनित विद्यार्थियों को, पोस्ट ऑफिस अथवा इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक में अपने अभिभावकों के साथ एक संयुक्त खाता खुलवाना होगा।
इस छात्रवृत्ति का उद्देश्य बच्चों में छोटी आयु से ही फिलैटली के शौक को इस प्रकार बढ़ावा देना है, ताकि यह रूचिकर कार्य, उन्हें सुकून भरा अनुभव और तनाव-मुक्त जीवन प्रदान करने के साथ-साथ उनके लिए शिक्षाप्रद भी सिद्ध हो।
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