Thursday, February 29, 2024

Shri Hanuman Garhi Ayodhya Dham Prasad through Speed Post at door step

After the consecration of Ramlala in Ayodhya, the number of devotees is continuously increasing. There is a tradition of visiting Hanuman temple located at Hanumangarhi before going to Shri Ram temple in Ayodhya. In such a situation, everyone wishes to get the blessings of Lord Hanuman. But some devotees are not able to have darshan even if they want to. Now such devotees need not be disappointed. Through the speed post service of the Postal Department, people can receive the Prasad of Shri Hanuman Garhi Ayodhya Dham at their door step in any corner of the country. The above information was given by Postmaster General of Varanasi and Prayagraj Region Shri Krishna Kumar Yadav.

Postmaster General Shri Krishna Kumar Yadav said that under an agreement between the Postal Department and Sankatmochan Sena Trust of Shri Hanuman Garhi Ayodhya Dham, devotees living in any corner of the country can order Prasad of Shri Hanuman Garhi Temple through Speed Post. Under this, only e-money order of ₹ 251 or ₹ 551 will have to be sent from nearest Post Office in the name of Sub Postmaster, Ayodhyadham -224123. As soon as the e-money order is received, the Prasad will be sent by speed post to the given address immediately by the Postal Department.

 Contents of Shri Hanuman Garhi, Ayodhya Dham Prasad-

Postmaster General Shri Krishna Kumar Yadav said that 'Sankatmochak Prasad' worth ₹ 251 will include Laddu, picture of Hanuman ji, Mahaviri sandalwood, book on Ayodhya Darshan, while 'Mahavir Prasad' worth ₹ 551 will include Laddu, picture of Hanuman ji, Mahaviri sandalwood, book of Ayodhya Darshan, Tulsi Mala and Hanuman Yantra.

PMG Shri Krishna Kumar Yadav said that the Postal Department has also made arrangements that the devotees will get the speed post details on their mobile number through SMS. For this, it will be mandatory for them to write their complete address, pin code and mobile number in the e-money order.






Wednesday, February 28, 2024

अब घर बैठे स्पीड पोस्ट से मंगवाएं श्री हनुमान गढ़ी अयोध्याधाम का प्रसाद -पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। अयोध्या में श्री राम मंदिर जाने से पहले  हनुमानगढ़ी स्थित हनुमान मंदिर के दर्शन करने की परम्परा है। ऐसे में हर किसी की इच्छा होती है कि वह हनुमान जी का दर्शन और आशीर्वाद स्वरुप प्रसाद पा सके। परन्तु कुछ श्रद्धालु चाहकर भी दर्शन नहीं कर पाते। अब ऐसे श्रद्धालुओं को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। डाक विभाग की स्पीड पोस्ट सेवा के माध्यम से लोग देश के किसी भी कोने में घर बैठे श्री हनुमान गढ़ी अयोध्या धाम का प्रसाद प्राप्त कर सकते हैं। उक्त जानकारी वाराणसी एवं प्रयागराज परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग और श्री हनुमान गढ़ी अयोध्या धाम के संकटमोचन सेना ट्रस्ट के बीच हुये एक एग्रीमेण्ट के तहत देश के किसी भी कोने में रह रहे श्रद्धालु स्पीड पोस्ट से श्री हनुमान गढ़ी मंदिर का प्रसाद मँगा सकते हैं। इसके तहत अपने नजदीकी डाकघर से मात्र ₹ 251 अथवा ₹ 551 का ई-मनीआर्डर उप पोस्टमास्टर, अयोध्याधाम-224123 के नाम भेजना होगा। ई-मनीऑर्डर प्राप्त होते ही डाक विभाग द्वारा तत्काल दिए गए पते पर स्पीड पोस्ट द्वारा प्रसाद भेज दिया जाएगा।

 श्री हनुमान गढ़ी, अयोध्या धाम प्रसाद में शामिल वस्तुएं-

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि ₹251 के 'संकटमोचक प्रसाद' में लड्डू, हनुमान जी की तस्वीर, महावीरी चन्दन, अयोध्या दर्शन की किताब शामिल होगी, वहीं ₹ 551 के 'महावीर प्रसाद' में लड्डू, हनुमान जी की तस्वीर, महावीरी चन्दन, अयोध्या दर्शन की किताब, तुलसी माला और हनुमान यंत्र शामिल होंगे।

श्री यादव ने कहा कि डाक विभाग ने इस बात के भी प्रबंध किए हैं कि, श्रद्धालुओं को मोबाइल नंबर पर स्पीड पोस्ट का विवरण एस.एम.एस के माध्यम से मिलेगा। इसके लिए उन्हें  ई-मनीऑर्डर में अपना पूरा पता, पिन कोड और मोबाइल नंबर लिखना अनिवार्य होगा।














Thursday, February 22, 2024

Sampoorna Sukanya Samriddhi Gram : 1,000 villages covered in Varanasi Region - Postmaster General Krishna Kumar Yadav

Post offices have been made multipurpose by providing maximum services under one roof. In the changing scenario, Postal Department is delivering citizen centric services of the government and its benefits to the people along with delivery of mails and parcel. In such a situation, universal accessibility of Post Offices is very important. Postmaster General of Varanasi Region Shri Krishna Kumar Yadav expressed the above views in a program organized at Mahmoorganj Sub Post Office in Varanasi on 21st February, 2024. On this occasion, after lighting the lamp, he distributed ‘Mahila Samman Savings Certificate’ to women and ‘Sukanya Samriddhi Account’ passbook to girls and wished them a bright future. Mr. Yadav told that Sukanya Samriddhi accounts of 3.40 lakh girls have been opened in the Varanasi Region, while accounts of all eligible girls up to 10 years of age in about 1,000 villages have been opened and covered as ‘Sampoorna Sukanya Samriddhi Gram'. For the convenience of the people, all the customer-oriented services like mails, money remittance, savings, insurance, IPPB, Aadhaar, CSC, Passport, Ganga Jal, QR code based digital payment are available in the post offices under one roof.

 Shri Vinay Kumar, Superintendent of Post Offices, Varanasi (West) Division said that Mahmoorganj Post Office was operating in the premises of Varanasi Cantt. Head Post Office since 2016. The customers here were facing problems. Once again, with the relocation of the post office to Mahmoorganj area, all the facilities will be available to the customers. Also, customers will not need to go far for mail delivery, account opening, IPPB, renewal/updation of Aadhaar etc. After a long time, there was great joy among the common people due to the re-shifting of the post office in Mahmoorganj area.

On this occasion, Assistant Director RK Chauhan, Assistant Superintendent Inderjit Pal, Postal Inspector Dilip Pandey, Manjeet Kumar, Postmaster Mahmoorganj Satish Kumar, SP Gupta and many officers, employees and local people were present.

1,000 villages covered as ‘Sampoorna Sukanya Samriddhi Gram' in Varanasi Region - Postmaster General Krishna Kumar Yadav

Public utility services available under one roof in Post Offices - Postmaster General Krishna Kumar Yadav

डाकघरों में एक ही छत के नीचे तमाम सेवाएं उपलब्ध कराकर उन्हें बहुद्देशीय बनाया गया है। बदलते दौर में डाक विभाग अब पत्र-पार्सल के साथ-साथ सरकार की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं और इनके लाभों को भी लोगों तक पहुँचा रहा है। ऐसे में डाकघरों की सर्वसुलभता बेहद जरुरी है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने वाराणसी में महमूरगंज उपडाकघर में 21 फरवरी, 2024 को आयोजित कार्यक्रम में उक्त विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर दीप प्रज्वलन पश्चात महिलाओं को महिला सम्मान बचत पत्र एवं बालिकाओं को सुकन्या समृद्धि खाते की पासबुक देते हुए उनके सुखद भविष्य की कामना की। 

उन्होंने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र में 3.40 लाख बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं, वहीं लगभग 1,000 गाँवों में 10 साल तक की सभी योग्य बालिकाओं के खाते खोलते हुए उन्हें 'सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम' के रूप में आच्छादित किया जा चुका है।डाकघरों में लोगों की सुविधा हेतु एक ही छत के नीचे डाक, पार्सल मदों की बुकिंग के साथ बचत, बीमा, आईपीपीबी, आधार, कॉमन सर्विस सेंटर, पासपोर्ट, गंगाजल, क्यूआर कोड आधारित डिजिटल भुगतान जैसी तमाम जनोन्मुखी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

वाराणसी पश्चिमी मंडल के अधीक्षक डाकघर श्री विनय कुमार ने बताया कि महमूरगंज डाकघर 2016 से भवन की अनुपलब्धता के कारण वाराणसी कैंट प्रधान डाकघर के प्रांगण में संचालित हो रहा था। यहाँ के ग्राहकों को निरंतर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। पुनः महमूरगंज में डाकघर के विस्थापित होने से ग्राहकों को सभी सुविधाएं सुलभ हो सकेंगी। साथ ही डाक वितरण, खाता खुलवाने, आईपीपीबी, आधार के नवीनीकरण/अपडेशन इत्यादि कार्यों के लिए ग्राहकों को दूर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। एक लम्बे समय बाद महमूरगंज क्षेत्र में डाकघर पुन: शिफ्ट होने से आम जन में भी काफी हर्ष दिखा। 

इस अवसर पर अधीक्षक डाकघर विनय कुमार, सहायक निदेशक आर.के चौहान,  सहायक अधीक्षक इंद्रजीत पाल, डाक निरीक्षक दिलीप पांडेय, मंजीत कुमार, पोस्टमास्टर महमूरगंज सतीश कुमार, एस.पी गुप्ता सहित तमाम अधिकारी, कर्मचारी और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।












वाराणसी में महमूरगंज उपडाकघर नए भवन में हुआ शिफ्ट, लोगों को मिलेंगी क्षेत्र में ही डाकघर से संचालित सभी सुविधाएँ 

डाकघरों में एक ही छत के नीचे तमाम जनोपयोगी सेवाएँ उपलब्ध -पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

वाराणसी परिक्षेत्र में एक हज़ार गाँव बने ‘संपूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम’ - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव 




Monday, February 19, 2024

First airmail service in the world was introduced in Prayagraj on 18th February, 1911 - Postmaster General Krishna Kumar Yadav

डाक सेवाओं ने पूरी दुनिया में एक लम्बा सफर तय किया है। प्रयागराज को यह सौभाग्य प्राप्त है कि दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा यहीं से आरम्भ हुई। वाराणसी एवं प्रयागराज परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि यह ऐतिहासिक घटना 113 वर्ष पूर्व 18 फरवरी, 1911 को प्रयागराज में हुई थी। संयोग से उस साल कुंभ का मेला भी लगा था। उस दिन दिन  फ्रेंच पायलट मोनसियर हेनरी पिक्वेट ने एक नया इतिहास रचा था। वे अपने विमान में प्रयागराज से नैनी के लिए 6500 पत्रों को अपने साथ लेकर उड़े। विमान था हैवीलैंड एयरक्राफ्ट और इसने दुनिया की पहली सरकारी डाक ढोने का एक नया दौर शुरू किया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव के अनुसार प्रयागराज में उस दिन डाक की उड़ान देखने के लिए लगभग एक लाख लोग इकट्ठे हुए थे जब एक विशेष विमान ने शाम को साढ़े पांच बजे यमुना नदी के किनारों से उड़ान भरी और वह नदी को पार करता हुआ 15 किलोमीटर का सफर तय कर नैनी जंक्शन के नजदीक उतरा जो प्रयागराज के बाहरी इलाके में सेंट्रल जेल के नजदीक था। आयोजन स्थल एक कृषि एवं व्यापार मेला था जो नदी के किनारे लगा था और उसका नाम ‘यूपी एक्जीबिशन’ था। इस प्रदर्शनी में दो उड़ान मशीनों का प्रदर्शन किया गया था। विमान का आयात कुछ ब्रिटिश अधिकारियों ने किया था। इसके कलपुर्जे अलग अलग थे जिन्हें आम लोगों की मौजूदगी में प्रदर्शनी स्थल पर जोड़ा गया।  प्रयागराज से नैनी जंक्शन तक का हवाई सफ़र आज से 113  साल पहले मात्र  13 मिनट में पूरा हुआ था।


पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि हालांकि यह उड़ान महज छह मील की थी, पर इस घटना को लेकर प्रयागराज में ऐतिहासिक उत्सव सा वातावरण था। ब्रिटिश एवं कालोनियल एयरोप्लेन कंपनी ने जनवरी 1911 में प्रदर्शन के लिए अपना एक विमान भारत भेजा था जो संयोग से तब प्रयागराज आया जब कुम्भ का मेला भी चल रहा था। वह ऐसा दौर था जब जहाज देखना तो दूर लोगों ने उसके बारे में ठीक से सुना भी बहुत कम था। ऐसे में इस ऐतिहासिक मौके पर अपार भीड होना स्वाभाविक ही था। इस यात्रा में हेनरी ने इतिहास तो रचा ही पहली बार आसमान से दुनिया के सबसे बडे प्रयाग कुंभ का दर्शन भी किया।

 पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव के अनुसार कर्नल वाई विंधाम ने पहली बार हवाई मार्ग से कुछ मेल बैग भेजने के लिए डाक अधिकारियों से संपर्क किया जिस पर उस समय के डाक प्रमुख ने अपनी सहर्ष स्वीकृति दे दी। मेल बैग पर ‘पहली हवाई डाक’ और ‘उत्तर प्रदेश प्रदर्शनी, इलाहाबाद’ लिखा था। इस पर एक विमान का भी चित्र प्रकाशित किया गया था। इस पर पारंपरिक काली स्याही की जगह मैजेंटा स्याही का उपयोग किया गया था। आयोजक इसके वजन को लेकर बहुत चिंतित थे, जो आसानी से विमान में ले जाया जा सके। प्रत्येक पत्र के वजन को लेकर भी प्रतिबंध लगाया गया था और सावधानीपूर्वक की गई गणना के बाद सिर्फ 6,500 पत्रों को ले जाने की अनुमति दी गई थी। विमान को अपने गंतव्य तक पहुंचने में 13 मिनट का समय लगा।

 भारत में डाक सेवाओं पर तमाम लेख और एक पुस्तक 'इंडिया पोस्ट : 150 ग्लोरियस ईयर्ज़' लिख चुके श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया  कि इस पहली हवाई डाक सेवा का विशेष शुल्क छह आना रखा गया था और इससे होने वाली आय को आक्सफोर्ड एंड कैंब्रिज हॉस्टल, इलाहाबाद को दान में दिया गया। इस सेवा के लिए पहले से पत्रों के लिए खास व्यवस्था बनाई गई थी। 18 फरवरी को दोपहर तक इसके लिए पत्रों की बुकिंग की गई। पत्रों की बुकिंग के लिए ऑक्सफोर्ड कैंब्रिज हॉस्टल में ऐसी भीड लगी थी कि उसकी हालत मिनी जी.पी.ओ सरीखी हो गई थी। डाक विभाग ने यहाँ तीन-चार कर्मचारी भी तैनात किए थे। चंद रोज में हॉस्टल में हवाई सेवा के लिए 3000 पत्र पहुँच गए। एक पत्र में तो 25 रूपये का डाक टिकट लगा था। पत्र भेजने वालों में प्रयागराज की कई नामी गिरामी हस्तियाँ तो थी हीं, राजा महाराजे और राजकुमार भी थे।










18 फरवरी 1911 को प्रयागराज में आरम्भ हुई थी दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

एयरमेल सेवा ने पूरा किया 113 सालों का सफरनामा, प्रयागराज से हुई थी शुरुआत

Postal services have come a long way all over the world.  Prayagraj has the privilege that the world's first air mail service started from here.  Postmaster General of Varanasi and Prayagraj Region  Mr. Krishna Kumar Yadav said that this historic event took place 113 years ago on 18th February 1911 in Prayagraj. Incidentally, Kumbh Mela was also held that year.  On that day, French pilot Monsieur Henri Pequet created a new history.  He took 6,500 letters from Prayagraj to Naini with him in his plane. The aircraft was Heavy land Aircraft and launched a new round of the world's first official postal carriage.

 According to Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav, about one lakh people gathered at Prayagraj to see the Postal flight that day when a special aircraft took off from the banks of river Yamuna at around 5.30 PM, crossed the river after travelling for 15 kilometres and landed near Naini Junction which was near the Central Jail on the outskirts of Prayagraj. The venue of the event was an agricultural and trade fair which was on the banks of the river and was named 'UP Exhibition'. Two flying machines were on display at this exhibition.  The aircraft was imported by some British officers.  It's parts were unassembled which were assembled at the exhibition site in the presence of common people.  The air journey from Prayagraj to Naini Junction was completed 113 years ago in just 13 minutes.

 Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that although this flight was just six miles, there was a historic festive atmosphere in Prayagraj.  In January 1911, the British and Colonial Aeroplane Company sent one of its aircraft to India, which incidentally came to Prayagraj when the Kumbh Mela was also going on.  It was such a time when people hardly heard about aeroplane.  In such situation, it was natural to be overcrouded on this historic occasion.  In this journey, Henry created history and for the first time, he also saw the world's largest Prayag Kumbh from the sky.

  According to Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav, Colonel Y. Wyndham approached the postal authorities for sending some mail bags by air, to which the then Postal head gave his approval. The mail bag had 'First Air Mail' and 'Uttar Pradesh Exhibition, Allahabad' written on it.  A picture of an aircraft was also published on it.  Magenta ink was used instead of traditional black ink.  The organizers were very concerned about its weight, which could be easily carried in the aircraft.  Restrictions were also placed on the weight of each letter and only 6,500 papers were allowed to be carried after careful calculations.  It took the aircraft 13 minutes to reach its destination.

  Mr. Krishna Kumar Yadav, who has written several articles and a book 'India Post: 150 Glorious Years' on postal services in India, said that the special duty of this first air mail service was kept at six ana and the income from this was donated to Oxford and Cambridge hostels, Allahabad.  A special arrangement was made for this service in advance.  Letters were booked for this till noon on 18 February.  The Oxford Cambridge hostel was so crowded for booking of letters that its condition had become like mini GPO.  The postal department also deployed three-four employees here.  3000 letters for air service reached the hostel within a few days.  Among the letters, a letter was having postage stamp of Rs 25.  There were many famous celebrities of Prayagraj, Raja Maharaja and Rajkumar among those who sent letters.

In February 1911, the first airmail service in the world was started in Prayagraj - Postmaster General Krishna Kumar Yadav

Airmail service completed 113 years of journey, started in Prayagraj



Sunday, February 18, 2024

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने सुल्तानपुर में डाक सेवाओं की प्रगति का लिया जायजा, लक्ष्यों की प्राप्ति पर दिया जोर

डाक सेवाएं नवीनतम टेक्नोलॉजी अपनाते हुए नित्य नए आयाम रच रही हैं।  भारत सरकार की तमाम अग्रणी योजनाओं को डाकघरों के माध्यम से प्रमुखता से लागू किया गया है। डाक विभाग 'डिजिटल इण्डिया' और 'वित्तीय समावेशन' संकल्पना को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। देश के हर कोने में, हर दरवाजे पर डाक विभाग की पहुँच है और वह लोगों के सुख-दुःख में बराबर रूप से जुड़ा हुआ है। उक्त उद्गार प्रयागराज परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने 16 फरवरी, 2024 को सुल्तानपुर प्रधान डाकघर के वीक्षण के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने सुल्तानपुर प्रधान डाकघर के वीक्षण के दौरान डाक सेवाओं की प्रगति का जायजा लिया और सभी डाक अधिकारियों व कर्मचारियों से लोगों के प्रति अच्छे व्यवहार और विभिन्न सेवाओं में आवंटित लक्ष्यों की प्राप्ति पर जोर दिया। डाक अधीक्षक श्री एम. एम. हुसैन ने पोस्टमास्टर जनरल का स्वागत करते हुए सुल्तानपुर में डाक सेवाओं की प्रगति के बारे में विस्तृत जानकारी दी एवं मंडल में विभिन्न डाक सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार द्वारा लक्ष्य प्राप्ति के प्रति पोस्टमास्टर जनरल को आश्वस्त किया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने डाक अधीक्षक कार्यालय में बैठक कर चालू वित्तीय वर्ष में सुलतानपुर में डाक सेवाओं की विस्तृत समीक्षा की। डाकघरों में हर वर्ग और उम्र के हर पड़ाव के लिए अलग-अलग बचत और बीमा योजनाएँ हैं और इनमें लोग पीढ़ी दर पीढ़ी पैसे जमा करते हैं। सुलतानपुर मंडल में वर्तमान में कुल 5.28 लाख बचत खाते, 1.80 लाख इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाते, 82 हज़ार सुकन्या समृद्धि खाते एवं 1,144 महिला सम्मान बचत पत्र  खाते खोले गए हैं। 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' एवं 'महिला सशक्तिकरण' को बढ़ावा देते हुए सुलतानपुर में अभी तक 22 गाँवों को 'सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम' बनाया जा चुका है। 43 गाँवों को 'सम्पूर्ण बीमा ग्राम' और 27 गाँवों को फाइव स्टार विलेज भी बनाया जा चुका है। प्रधान डाकघर में संचालित पासपोर्ट सेवा केंद्र के माध्यम से सुलतानपुर में इस वित्तीय वर्ष में 7,865 लोगों ने पासपोर्ट बनवाया।  40 हजार लोगों ने डाकघर के माध्यम से नया आधार बनवाया या अपडेट किया, वहीं  1.45 लाख लोगों ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से सीईएलसी के अंतर्गत इसका लाभ उठाया। 26 हजार से ज्यादा लोगों को घर बैठे आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के माध्यम से 9.75 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।

श्री यादव ने कहा कि ई-कामर्स को बढ़ावा देने हेतु कैश ऑन डिलीवरी, लेटर बाक्स से नियमित डाक निकालने हेतु नन्यथा मोबाईल एप, डाकियों द्वारा एण्ड्रोयड बेस्ड स्मार्ट फोन आधारित डिलीवरी, सुलतानपुर के सभी शाखा डाकघरों को दर्पण प्रोजेक्ट के तहत हाइटेक बनाने जैसे तमाम कदम विभाग की 'डिजिटल इण्डिया' के तहत की गई पहल हैं। प्रधान डाकघर सुल्तानपुर में ‘डाकघर निर्यात केंद्र’ स्थापित होने से घर बैठे उद्यमियों को विदेशों हेतु पार्सल बुकिंग व कस्टम क्लियरेंस की सुविधा प्रदान की जा रही है। 

इस अवसर पर अधीक्षक डाकघर सुलतानपुर मंडल एम.एम.हुसैन, आई.पी.बी.मैनेजर शाखा सुलतानपुर पंकज तिवारी, सहायक डाक अधीक्षक ज्ञानेंद्र कुमार, परिवाद निरीक्षक शैलेश शर्मा एवं पोस्टमास्टर सुल्तानपुर प्रधान डाकघर शेख अब्दुल अजीज सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।



पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने डाक सेवाओं की प्रगति का लिया जायजा, लक्ष्यों की प्राप्ति पर दिया जोर

डाक विभाग नित नवाचार के साथ अपनी सेवाओं को बना रहा व्यापक - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव 

भारत सरकार की अग्रणी योजनाओं को लागू करने में डाक विभाग की अहम भूमिका -पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव