पिछले दिनों प्रतिष्ठित औद्योगिक घराने, सिंहानिया परिवार के एक सदस्य डाकघर आए और उन्होने डाकघर पहचान पत्र बनाने के लिए अनुरोध किया। सुनकर आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता का अहसास हुआ कि यह योजना लोगों के बीच आज भी लोकप्रिय और प्रासंगिक है। यह योजना काफी पुराने समय में, जब पत्राचार पद्धति पर डाकघर का एकाधिकार था एवं देश की अधिकतर जनसंख्या सूचना प्रेषण एवं धन प्रेषण के लिए डाकघर पर आश्रित थी उस समय कम्पनियों एवं जनता के अन्य लोग जो सरकारी, अर्धसरकारी एवं निजी कार्यों के लिए बाहर जाते थे, उनको डाकपाल के द्वारा मंगाई जाने वाली डाक सामग्री प्राप्त करने में असुविधा से बचाने के लिए डाकघर पहचान पत्र जारी करने की योजना शुरू की गई थी। आज पहचान के तमाम अन्य साधन जैसे ड्राइविंग लाइसेन्स, पैन कार्ड, इलेक्शन कमीशन का कार्ड एवं अन्य प्रकार के पहचान पत्रों के समकक्ष ही डाकघर के पहचान पत्र ने भी अपनी पहचान, लोकप्रियता एवं प्रासंगिकता बना रखी है।
यह पहचान पत्र किसी भी शहर में वहाँ के प्रधान डाकघर से जारी किया जाता है। प्रधान डाकघर से निःशुल्क फार्म प्राप्त कर, इसे भरकर अपना एक पासपोर्ट साइज का फोटो चिपकाकर एवं एक फोटो साथ में लगाकर 10 रूपये का डाक टिकट लगाकर डाकघर में जमा किया जाता है। डाकघर के सक्षम अधिकारी के द्वारा पता एवं व्यक्ति की जांच की जाती है एवं इसके उपरान्त पहचान पत्र जारी कर दिया जाता है। इस पहचान पत्र में जन्मतिथि, ऊंचाई एवं पहचान चिन्ह भी अंकित होता है। इस कार्ड की वैधता तीन वर्ष की है। यह पहचान पत्र नगण्य शुल्क एवं सरल प्रक्रिया में जारी हो जाता है जो जन-साधारण के लिए बहुद्देशीय एवं सुगम्य है।
9 comments:
Behad sargarbhit jankari.
ये अच्छी बात बताई आपने. दो-तीन साल पहले मैंने भी यह पहचान पत्र बनवाया था. बड़े काम की चीज है.
वाह! एक कार्ड के इतने फायदे...लाजवाब.
Soch rahi hoon ki main bhi ek I-card banwa loon.
डाकिया बाबू, आप इस ब्लॉग पर नई-नई बातों से रु-ब-रु करते हैं...आभार.
Badi achhi bat batai apne.
जरुरी जानकारी के लिए आभार .........
ये तो पता ही नहीं था...
अब मैं भी बनवाऊंगा एक परिचय पत्र...
जानकारी के लिए शुक्रिया...
जानकारी के लिए शुक्रिया...
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