Thursday, December 16, 2010

जिंदगी का लेटर बाक्स


इंतजार कर रहा हूँ
वर्षों से......
दोस्तों के खतों का
नाते-रिश्तेदारों के हाल-समाचार का
महसूसना चाहता हूँ फिर से
सजीव संबंधों की गर्माहट को

लेटर बाक्स से मिलता है सिर्फ
बिजली का बिल
काॅरपोरेशन का टैक्स
बैंक का स्टेटमेंट
या फिर
विज्ञापन के निर्जीव पर्चे !!

राज्यवर्धन
सचिव प्रलेस (पश्चिम बंगाल), एकता हाईट्स,

ब्लाक-2/11 ई0, 56,राजा एस. सी. मल्लिक रोड, कोलकाता-700032

11 comments:

Akshitaa (Pakhi) said...

कित्ता प्यारा लेटर बाक्स...

Akanksha Yadav said...

महसूसना चाहता हूँ फिर से
सजीव संबंधों की गर्माहट को

लेटर बाक्स से मिलता है सिर्फ
बिजली का बिल

...बेहतरीन कविता..राज्यवर्धन जी को बधाई.

मुकेश कुमार सिन्हा said...

kitna sach kaha aapne...........badhai..:)

संजय भास्‍कर said...

sunder letter box hai.

संजय भास्‍कर said...

राज्यवर्धन जी को बधाई.

Amit Kumar Yadav said...

इंतजार कर रहा हूँ
वर्षों से......
दोस्तों के खतों का
नाते-रिश्तेदारों के हाल-समाचार का
महसूसना चाहता हूँ फिर से
सजीव संबंधों की गर्माहट को

...खूबसूरत कविता..सुन्दर भाव...राज्यवर्धन जी को बधाई.

Amit Kumar Yadav said...

इंतजार कर रहा हूँ
वर्षों से......
दोस्तों के खतों का
नाते-रिश्तेदारों के हाल-समाचार का
महसूसना चाहता हूँ फिर से
सजीव संबंधों की गर्माहट को

...खूबसूरत कविता..सुन्दर भाव...राज्यवर्धन जी को बधाई.

KK Yadav said...

इस प्रस्तुति की सराहना के लिए आप सभी का आभार.

raghav said...

आज भी लेटर बाक्स लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ता है. सुन्दर कविता..बधाई.

raghav said...

के.के. सर जी,
जिस तरह से आप डाक विभाग से जुडी बातों और रचनाओं को यहाँ स्थान दे रहे हैं, आपकी सक्रियता को सिर्फ नमन ही कर सकता हूं

जयकृष्ण राय तुषार said...

सच्चाई को बयां करती सुन्दर कविता..बधाई.