Thursday, September 14, 2017

फिलेटलिक सेमिनार : सभ्यता, संस्कृति एवं विरासत के संवाहक हैं डाक टिकट - डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव

फिलेटली सिर्फ डाक टिकटों का संग्रह ही नहीं, बल्कि इसका अध्ययन भी है।  हर डाक टिकट के पीछे एक कहानी छुपी हुई है और इस कहानी से आज की युवा पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है। डाक टिकट वास्तव में एक नन्हा राजदूत है, जो विभिन्न देशों का भ्रमण करता है एवम् उन्हें अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से अवगत कराता है। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने भारतीय डाक विभाग द्वारा  आयोजित फिलेटलिक सेमिनार का उद्घाटन करते हुए 13 अक्टूबर 2017  को मधुबन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जोधपुर  में बतौर मुख्य अतिथि अपने उद्बोधन में व्यक्त किये।  

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि फिलेटली का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान है। हर डाक टिकट के पीछे एक कहानी छुपी हुई है और इस कहानी से आज की युवा पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है। डाक टिकटों  के साथ जारी विवरणिका जहाँ सम्बन्धित विषयवस्तु के बारे में विस्तृत जानकारी देती है, वहीं हर डाक टिकट एक अहम एवं समकालीन विषय को उठाकर वर्तमान परिवेश से इसे जोड़ता है।
 श्री यादव ने कहा कि डाक टिकटों से देश-विदेश की धरोहर, प्रगति और समसामयिक घटनाओं का सचित्र दिग्दर्शन होता है। इससे युवाओं  और बच्चों को ज्ञान के साथ-साथ एक अच्छी हॉबी अपनाने की प्रेरणा भी मिलेगी। डाक टिकटों के संग्रहण की आदत शैक्षणिक उन्नयन के साथ -साथ कम खर्च में भी आने वाले समय में एक अच्छी आय का जरिया भी बन सकती है।


जोधपुर मंडल के प्रवर डाक अधीक्षक बी.आर. सुथार  ने कहा कि फिलेटली के क्षेत्र में तमाम नए कदम उठाये जा रहे हैं। अब लोग अपनी तस्वीर वाली डाक टिकट भी बनवा सकते हैं। डाकघरों में मात्र 200 रूपये में फिलेटलिक डिपाजिट एकाउंट खोलकर घर बैठे नई डाक टिकटें व अन्य सामग्री प्राप्त की जा सकती हैं।  

कार्यक्रम में सीनियर फिलेटलिस्ट श्री आर. के. भूतड़ा ने डाक टिकट संग्रहण के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि दुर्लभ टिकटों का संग्रहण बेशकीमती होता है। मधुबन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जोधपुर की प्रधानाचार्या डॉ. संतोष सोनी ने  कहा कि फिलेटली युवाओं में रचनात्मक अभिरुचि विकसित करने का आसान माध्यम है। मधुबन शिक्षण संस्थान के सचिव श्री राजेंद्र प्रसाद दाधीच ने कहा कि ऐसे सेमिनार निरंतर होते  रहने  चाहिये, ताकि अधिक से अधिक लोग फिलेटली के प्रति आकर्षित हो सकें।
इस अवसर पर डाक निरीक्षक पारसमल सुथार ने विद्यार्थियों पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से  फिलेटली के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। 

स्कूली बच्चों के लिए फिलेटलिक क्विज का आयोजन भी किया गया और विजेताओं को डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने पुरस्कृत किया। क्विज प्रतियोगिता में स्कूली बच्चों का उत्साह देखते बनता था।
कार्यक्र्म के आरंभ में डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव और अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर  विद्या की देवी सरस्वती माँ को पुष्पहार अर्पित किए ।
सीनियर पोस्टमास्टर शंकर लाल मीणा ने बताया कि इस अवसर पर डाक विभाग द्वारा स्टॉल भी लगाया गया, जहाँ 348  लोगों ने "माई स्टैम्प" बनवाई और 574  फिलेटलिक डिपाजिट एकाउंट खोले गए। 
इस अवसर पर डाक उपाधीक्षक आर. पी. कुशवाहा, सीनियर पोस्टमास्टर शंकर लाल मीणा, सहायक डाक अधीक्षक विनय खत्री, उदय शेजू, पाल सिंह सिद्धू, डाक निरीक्षक पारसमल सुथार, संदीप मोदी,  ओपी चन्दोरा, सहित डाक विभाग के तमाम अधिकारी-कर्मचारी, फिलेटिलिस्ट एवं विभिन्न स्कूलों से आये बच्चे व उनके अभिभावक व अध्यापक  उपस्थित रहे।









हर डाक टिकट के पीछे छुपी हुई एक कहानी-डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव 

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