Department of Posts is one of the oldest departments of the country which plays an important role in the socio-economic development of the country. It is an organization that helps us to reach not only within the country but also other countries outside the borders of the country. World Postal Day is celebrated all over the world on 9 October. This time its theme is 'Post for Planet'. While providing above information Shri Krishna Kumar Yadav, Postmaster General, Varanasi Region said that In this sequence, 'National Postal Week' will be celebrated from 9-13 October and every day will be focused on a particular product or service-
9 October - World Post Day
10 October – Vittiya Sashaktikaran Diwas
11 October - Philately Day: Celebration of Azadi Ka Amrit Mahotsav
12 October - Mails and Parcels Day
13 October - Antyodya Diwas
Postmaster General, Shri Krishna Kumar Yadav said that The objective of World Post Day is to spread awareness about the role of Postal services in daily life, business and social and economic development of the people across the world. To realize the concept of 'One World - One Postal System', 'Universal Postal Union' was established on 9 October 1874 in Bern, Switzerland, so that uniform postal system could be implemented across the world. India was the first Asian nation, which became its member on 1 July 1876. Later in 1969, at the Universal Postal Union Congress held in Tokyo, Japan, this foundation day was declared to be celebrated as 'World Post Day'.
Postmaster General, Shri Yadav said that During the National Postal Week, emphasis would be laid on wide publicity of Postal services and increase its customer base. On the other hand, school children visit post offices to understand the working of Postal Services, Philately Quiz, Stamp Design and Dhai Aakhar letter writing competition, Seminars, Workshops, felicitation of Postal employees for excellence, Customer Meet, Saving Bank Services, Postal Life Insurance, Financial empowerment camps will be organized in every district regarding Sukanya Samriddhi Yojana and India Post Payments Bank products etc.
Postal Services in Varanasi
Varanasi has a long history of postal services. Postal services have influenced the socio-economic environment even before independence. Varanasi, Chandauli, Bhadohi, Ghazipur, Jaunpur and Ballia districts are established under Varanasi Postal Region under Postmaster General, Varanasi Region. There are total 1,716 Post Offices in Varanasi Region, out of which there are 6 Head Post Offices, 268 Sub Post Offices and 1,442 Branch Post Offices under 6 districts. There are total 252 Post offices in Varanasi District alone. Even today, the Varanasi Head Post Office (built in the year 1920) and the Varanasi City Post Office (built in the year 1898) operate in British-era buildings. Varanasi City Post Office is functioning as Sampoorna Mahila Post Office which is a fine example of women empowerment.
Even today, the pre-independence letter box is installed in the Varanasi Head Post Office at Visheshwarganj as a heritage, while the spears used by the postmen for distributing mail have also been kept safe. Philatelic Bureau located in the Head Post Office is a major destination for stamp collecting enthusiasts, where all new and old postage stamps are displayed. Many celebrities have also had a relationship with the Department of Post. The father of Munshi Premchand, popularly known as the novel emperor, also worked in the Postal department.
World Post Day on 9 October, National Postal Week organized from 9-13 October
Postal Deptt. is playing a vital role in the socio-economic development of the country
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डाक विभाग देश के सबसे पुराने विभागों में से एक है जो कि देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक ऐसा संगठन है जो न केवल देश के भीतर बल्कि देश की सीमाओं से बाहर अन्य देशों तक पहुँचने में भी हमारी मदद करता है। पूरे विश्व में 9 अक्टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय डाक दिवस' मनाया जाता है। इस बार इसकी थीम 'पोस्ट फॉर प्लेनेट' है। उक्त जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इसी क्रम में 9-13 अक्टूबर तक भारत में 'राष्ट्रीय डाक सप्ताह' मनाया जाएगा और हर दिन को एक उत्पाद या सेवा विशेष पर फोकस किया जायेगा-
9 अक्टूबर - विश्व डाक दिवस
10 अक्टूबर - वित्तीय सशक्तिकरण दिवस
11 अक्टूबर - फिलेटली दिवस : आज़ादी का अमृत महोत्सव सेलिब्रेशन
12 अक्टूबर - मेल एवं पार्सल दिवस
13 अक्टूबर - अंत्योदय दिवस
इसलिए मनाया जाता है विश्व डाक दिवस
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि विश्व डाक दिवस का उद्देश्य विश्व भर में लोगों के दैनिक जीवन, व्यापार और सामाजिक तथा आर्थिक विकास में डाक की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 'एक विश्व-एक डाक प्रणाली' की अवधारणा को साकार करने हेतु 9 अक्टूबर, 1874 को 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन' की स्थापना बर्न, स्विट्जरलैंड में की गई, जिससे विश्व भर में एक समान डाक व्यवस्था लागू हो सके। भारत प्रथम एशियाई राष्ट्र था, जो कि 1 जुलाई 1876 को इसका सदस्य बना। कालांतर में वर्ष 1969 में टोकियो, जापान में सम्पन्न यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कांग्रेस में इस स्थापना दिवस को 'विश्व डाक दिवस' के रूप में मनाने हेतु घोषित किया गया।
पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने बताया कि डाक सप्ताह के दौरान डाक सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं राजस्व अर्जन में वृद्धि पर जोर दिया जायेगा। वहीं डाक सेवाओं की कार्यप्रणाली को समझने हेतु स्कूली बच्चों द्वारा डाकघरों का भ्रमण, फिलेटली क्विज, स्टैम्प डिजाइन एवं ढाई आखर पत्र लेखन प्रतियोगिता, सेमिनार, वर्कशॉप, उत्कृष्टता हेतु डाक कर्मियों का सम्मान, कस्टमर मीट, बचत सेवाओं, डाक जीवन बीमा, सुकन्या समृद्धि योजना और इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक उत्पादों इत्यादि को लेकर हर जिले में वित्तीय सशक्तिकरण मेलों का आयोजन किया जायेगा।
वाराणसी में डाक सेवाओं का इतिहास : वर्ष 1898 में निर्मित हुआ था वाराणसी सिटी डाकघर
वाराणसी में डाक सेवाओं का पुराना इतिहास रहा है। आजादी के पहले से ही डाक सेवाओं ने यहाँ के सामाजिक-आर्थिक परिवेश को प्रभावित किया है।वाराणसी परिक्षेत्र के अधीन वाराणसी, चंदौली, भदोही, गाजीपुर, जौनपुर और बलिया जनपद अवस्थित हैं। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र में कुल 1716 डाकघर हैं, जिनमें से 6 जनपदों के अधीन कुल 6 प्रधान डाकघर, 268 उपडाकघर और 1442 शाखा डाकघर हैं। अकेले वाराणसी जनपद में कुल 252 डाकघर हैं। वाराणसी में डाकघरों की ऐतिहासिकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वाराणसी सिटी डाकघर वर्ष 1898 में निर्मित और विशेश्वरगंज स्थित वाराणसी प्रधान डाकघर वर्ष 1920 में निर्मित ब्रिटिश कालीन इमारतों में निरंतर संचालित हैं। वाराणसी सिटी डाकघर सम्पूर्ण महिला डाकघर के रूप में कार्यरत है। विशेश्वरगंज स्थित प्रधान डाकघर में आज भी आजादी से पहले का लेटर बॉक्स धरोहर रूप में लगाया गया है, वहीं डाक बाँटने हेतु डाकियों द्वारा इस्तेमाल किये गए भाले इत्यादि भी सुरक्षित रखे गए हैं। प्रधान डाकघर में स्थित फिलेटलिक ब्यूरो डाक टिकट संग्रह के शौकीनों हेतु प्रमुख स्थल है, जहाँ तमाम नए-पुराने डाक टिकट प्रदर्शित हैं। डाक विभाग से तमाम मशहूर हस्तियों का भी नाता रहा है। उपन्यास सम्राट के नाम से प्रसिद्ध लमही निवासी मुंशी प्रेमचंद के पिताजी भी डाक विभाग में ही कार्य करते थे।
9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस, 9-13 अक्टूबर तक राष्ट्रीय डाक सप्ताह का आयोजन
देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में डाक विभाग की अहम भूमिका - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
'वित्तीय सशक्तिकरण से अंत्योदय' के लक्ष्य के साथ मनेगा राष्ट्रीय डाक सप्ताह
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