पत्रों से हम सभी का नाता रहा है। पत्रों पर लिखे जाने वाले पिनकोड की अहमियत भी खूब है, इसी के माध्यम से विभिन्न स्थानों की लोकेशन चिन्हित की जाती है। भारत में पिन कोड प्रणाली की 15 अगस्त, 1972 को शुरुआत हुई। ऐसे में, 'आजादी का अमृत महोत्सव' काल में डाक विभाग ने पोस्टल इंडेक्स नंबर (पिन) की स्वर्ण जयंती के अवसर पर माईगव प्लैटफॉर्म पर एक विशेष प्रश्नोत्तरी (क्विज) का लाइव आयोजन किया है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि यह प्रश्नोत्तरी, डाक विभाग के उत्पादों और सेवाओं के बारे में नागरिकों में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ विशेष रूप से पिन कोड के उपयोग को प्रोत्साहित करने का भी एक प्रयास है। इसमें किसी भी भारतीय नागरिक द्वारा https://quiz.mygov.in/quiz/pincode-quiz/ लिंक पर जाकर भागीदारी की जा सकती है।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि यह प्रश्नोत्तरी “आजादी का अमृत महोत्सव” का भाग है जिसमें 7 अक्तूबर, 2022 की रात्रि 11:30 बजे तक प्रतिभागिता की जा सकेगी। डाक विभाग के कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य इस प्रश्नोत्तरी में भाग नहीं ले सकते। इस समयबद्ध प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रतिभागी को 300 सेकंड में 15 प्रश्नों के उत्तर देने होंगे तथा प्रश्नोत्तरी, हिन्दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी। प्रत्येक डाक परिमंडल (राज्य) से सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले 75 प्रतिभागियों को प्रश्नोत्तरी के विजेताओं के रूप में चुना जाएगा और प्रत्येक चयनित विजेता को डाक-टिकटों का गिफ्ट हैंपर दिया जाएगा। विजेताओं का चयन, दिए गए सही उत्तरों की उच्चतम संख्या के आधार पर किया जाएगा। यदि उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों की संख्या 75 से अधिक होती है, तो उनमें से विजेताओं का चयन, प्रश्नोत्तरी को पूरा करने में लिए गए समय के आधार पर किया जाएगा। कोई भी प्रतिभागी, प्रतियोगिता में केवल एक ही बार जीत का पात्र होगा। प्रतियोगी को अपना नाम, ई-मेल पता, टेलीफोन नंबर, डाक पता और पिन कोड संबंधी जानकारी देनी होगी।
(The six-digit pin code used by India Post to deliver mail was created August 15, 1972 by Shriram Bhikaji Velankar, who was an additional secretary in the union communications ministry. Known as the 'father of the postal index code system', Velankar was also a senior member of the Posts and Telegraphs Board.)
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