सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुडा हुआ हैं। इस योजना के आर्थिक के साथ साथ सामाजिक आयाम महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर एवं विवाह में उपयोगी होगी। सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सपनों को पूरा करने का सशक्त माध्यम हैं। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने नागौर जिले के खींवसर स्थित भेड़ गाँव में सुकन्या समृद्धि योजना के लिये 19 सितंबर, 2016 को आयोजित मेले में व्यक्त किये। गाँव की 10 वर्ष तक की समस्त 180 योग्य बालिकाओं के सुकन्या खाते खोलकर भेड़ गाँव नागौर जिले का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बन गया है।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्र्म में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने "बेटी बचाओ, बेटी पढाओ” के अंतर्गत बालिकाओं के राष्ट्र निर्माण पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि आज बेटियाँ समाज में नित नये मुकाम हासिल कर रही हैं। बेटियों की समृद्धि और खुशहाली में ही समाज का भविष्य टिका हुआ है। इसीलिए बेटियों की उच्च शिक्षा, कैरियर और उनके विवाह में सुविधा के लिए 10 वर्ष तक की बेटियों हेतु डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना आरंभ की गयी है। श्री यादव ने कहा कि कहा कि हर बेटी को उसके जन्म पर माँ-बाप द्वारा सुकन्या समृद्धि खाता उपहार स्वरूप देकर नई परम्परा का सूत्रपात करना चाहिये।
डाक विभाग की योजनाओं की चर्चा करते हुए डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का उद्देश्य समावेशी विकास के तहत शहरों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण अंचल स्थित लोगों को भी इन सभी योजनाओं के तहत लाना है। इसके तहत आने वाले दिनों में ग्रामीण डाक सेवकों सहित विभाग के सभी कर्मचारियों को सूचना प्रौद्योगिकी के माहौल में प्रभावकारी तरीके से कार्य करने के लिए तैयार करना है। इसी क्रम में ग्रामीण शाखा डाकघरों को भी तकनीकी तौर पर दक्ष बनाने के उद्देश्य से ग्रामीण आईसीटी के तहत हाईटेक किया जायेगा और वहाँ पर नेटबुक व हैण्डहेल्ड डिवाइस भी दिया जायेगा। शाखा डाकघरों को सोलर चार्जिंग उपकरणों से जोडने के साथ-साथ मोबाइल थर्मल प्रिन्टर, स्मार्ट कार्ड रीडर, फिंगर प्रिन्ट स्कैनर, डिजिटल कैमरा एवं सिगनेचर व दस्तावेज स्कैनिंग के लिये यन्त्र भी मुहैया कराया जायेगा ताकि ग्रामीण लोगों को इन सुविधाओं के लिये शहरों की तरफ न भागना पडे।
इस अवसर पर नागौर मण्डल के अधीक्षक डाकघर श्री राम लाल मूंड ने कहा कि किसी भी डाकघर में दस साल तक की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते है। इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किये जा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 15 वर्ष तक धन जमा कराना होगा। बेटी की उम्र 18 वर्ष होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण राशि 21 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। ब्याज दर 8.6 प्रतिशत हैं और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्रावधान है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उप जिलाधिकारी खींवसर श्री कुशल कुमार कोठारी ने इस योजना की भूरि-भूरि प्रशंसा कर लोकप्रिय एवं कल्याणकारी योजना बताया तथा कहा कि बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया यह प्रयास एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर श्रीमती उर्मिला बिश्नोई, सरपंच भेड़ ग्राम पंचायत ने डाक विभाग की इस पहल की सराहना की और कहा कि ग्रामवासियों के लिए यह अत्यन्त गर्व की बात हैं कि यह जिले का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बनकर “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को मूर्त रूप दे रहा है।
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बालिकाओं को पासबुकें उपहार देकर उनके सुखी व समृद्ध भविष्य की कामना की। श्री यादव ने सरपंच श्रीमती उर्मिला बिश्नोई के प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि बेटियों के लिए ऐसे प्रयास अन्य गांवों में भी किये जायेंगे।
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