अगर आप अशिक्षित हों, अकाउंट नंबर भूल जाते हों, पिन नंबर के खोने व चोरी होने का डर लगता हो और बैंक के पेचीदा दावपेंच में उलझ जाते हों, तो परेशान होने की जरूरत नहीं। भारतीय डाक विभाग आपके लिए एक नई बैंकिंग सुविधा लेकर आया है आईपीपीबी (इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक)। न फार्म भरना है, न एटीएम चलाना सीखना है। जी हां, यह सच है। लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग आईपीपीबी खाताधारकों को क्यूआर कार्ड (क्विक रिस्पांस कार्ड) दे रहा है, जो आपको किसी भी कला को सीखने की जरूरत खत्म कर देगा। बस, अंगूठा लगाओ, पैसा ट्रांसफर। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बिना आपके अंगूठे के बिना न तो कोई पैसा निकाल सकेगा न जमा कर सकेगा।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का शुभारंभ डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद मोदी ने एक सितंबर, 2018 को इसकी शुरुआत की है। नोटबंदी के बाद बैंक खातों में जिस तरह से कालेधन को सफेद करने की कवायद हुई, उसको देखते हुई यह सबसे सटीक पहल है। इसको लेने के बाद न तो किसी एटीएम की जरूरत होगी न क्रेडिट कार्ड की। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार देश भर में 19 करोड़ वयस्क अभी भी ऐसे हैं जिनके बैंक खाते मौजूद नहीं है।
क्यूआर कार्ड का फायदा
लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि आईपीपीबी का क्यूआर कार्ड का सबसे ज्यादा फायदा अशिक्षित और ग्रामीणों को मिलेगा। किसी भी जगह पैसा देने और लेने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। क्यूआर कार्ड को स्कैन करने के बाद हर बार बायोमेट्रिक के तौर पर अंगूठा लगाना होगा। जिसके बाद ही लेन-देन पूरा हो पाएगा।
क्या है आईपीपीबी
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक अर्थात आईपीपीबी डाक विभाग की एक पहल है। लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि "आपका बैंक, आपके द्वार' की संकल्पना को लेकर स्टेप डोर बैंकिंग से लेकर ऑनलाइन बैंकिंग व मोबाईल बैंकिंग की सुविधा के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की शुरुआत हुई। इसमें खाताधारक अपने खाते में अधिकतम एक लाख रूपये की राशि जमा कर सकेगा। जीरो बैलेंस पर इसमें किसी भी व्यक्ति का खाता खुलेगा। दिन के खत्म होने तक खाते में एक लाख से ज्यादा मौजूद रकम डाकघर से लिंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगी। इसमें खाताधारकों को चार प्रतिशत के हिसाब से ब्याज मिलेगा।
डाकघर के बैंकिंग में बढ़ते कदम
डाक विभाग भी अब कोर बैंकिंग सिस्टम से जुड़ चुका है। अब कोई भी डाक विभाग का खाताधारक किसी भी जगह से पैसा निकाल सकेगा। सभी डाक विभाग के लिंक हो जाने से यह सुविधा आम बैंकिंग की तरह आसान हो गई है।
डाकघर बैंकिंग सुविधाएं
- नई चेक बुक के लिए कोई पैसा नहीं
- दूसरी चेक बुक इश्यू कराने पर पैसा नहीं
- एटीएम के लिए पैसा नहीं
- डाक एटीएम से लेन-देन पर कोई चार्ज नहीं
- एक दिन में 40 हजार की रकम
- डाक एटीएम को दूसरे एटीएम से महीने में पांच ट्रांजैक्शन फ्री
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डाकघर खाते
लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघर में कई तरह के खाते खुलवाए जा सकते हैं। इसमें बचत खाता,आवर्ती जमा खाता, सावधि जमा खात, मासिक आय योजना, राष्ट्रीय बचत पत्र, किसान विकास पत्र, लोक भविष्य निधि, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, और सुकन्या समृद्धि खाता शामिल हैं।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ
- डाकघर में बैंकिंग सेवा का लाभ लेने वाले उपभोक्ताओं को मात्र 12 रूपये वार्षिक में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत दो लाख रुपये तक का एक्सीडेंटल बीमा का लाभ दिया जाता है।
सुकन्या समृद्धि खाता
बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना एक प्रभावी योजना है। इसमें 10 साल तक की बेटियों का खाता खोला जाता है। न्यूनतम 250 रुपये खाते में जमा करने के साथ खाते को इस्तेमाल बेटियां ही बालिग होने पर कर सकती हैं।
आवर्ती जमा योजना
श्रमिक, कामगार, बुजुर्ग से लेकर विद्यार्थियों तक के लिए यह सबसे अहम योजना है। किसी गुल्लक की तरह इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है, जिसमें ब्याज भी मिलता है।
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ऐतिहासिक परिदृश्य :
कोलकाता में पहली बार एक नवंबर 1833 को सरकारी बचत खाता योजना अस्तित्व में आई। बाद में बचत खाता योजना का विस्तार करने के लिए जिला बचत खाता योजना का आरंभ हुआ। जिला बचत बैंकों की स्थापना 1870 में हुई। इस प्रकार, डाकघर बचत बैंक की स्थापना बॉम्बे, मद्रास और कलकत्ता के तीन प्रेसीडेंसी शहरों को छोड़कर, एजेंसी विभाग के रूप में हुई। डाकघरों में बचत बैंक शुरू करने से पहले देश में बचत बैंक की संख्या 180 थी, लेकिन डाकघर बचत बैंक योजना के बाद देश में बचत बैंक की संख्या 180 से 4243 तक पहुंची और पहले साल के अंत तक करीब 40 हजार उपभोक्ता जुड़े और 28 लाख रुपये की राशि जमा हुई।
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