Sunday, April 5, 2009
दुनिया का प्रथम प्रेम-पत्र
हममें से हर किसी ने अपने जीवन में किसी न किसी रूप में प्रेम-पत्र लिखा होगा। प्रेम-पत्रों का अपना एक भरा-पूरा संसार है। प्रेम जैसी अनुपम भावना को व्यक्त करने के लिए शब्द सचमुच नाकाफी होते हैं। दुनिया की तमाम मशहूर शख्सियतों ने प्रेम-पत्र लिखे हैं- फिर चाहे वह नेपोलियन हों, अब्राहम लिंकन, क्रामवेल, बिस्मार्क या बर्नाड शा हों। आज ये पत्र एक धरोहर बन चुके हैं। ऐसे में यह जानना अचरज भरा लगेगा कि दुनिया का सबसे पुराना प्रेम पत्र बेबीलोन के खंडहरों से मिला था। बेबीलोन की किसी युवती का प्रेमी अपनी भावनाओं को समेटकर उससे जब अपने दिल की बात कहने बेबीलोन तक पहुँचा तो वह युवती तब तक वहां से जा चुकी थी। वह प्रेमी युवक अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाया और उसने वहीं मिट्टी के फर्श पर खोदते हुए लिखा- ''मैं तुमसे मिलने आया था, तुम नहीं मिली।'' यह छोटा सा संदेश विरह की जिस भावना से लिखा गया था, उसमें कितनी तड़प शामिल थी। इसका अंदाजा सिर्फ वह युवती ही लगा सकती थी जिसके लिये इसे लिखा गया। भावनाओं से ओत-प्रोत यह पत्र ईसा से बहुत पहले का है और इसे ही दुनिया का प्रथम प्रेम पत्र माना जाता है।
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5 comments:
''मैं तुमसे मिलने आया था, तुम नहीं मिली।'' यह छोटा सा संदेश विरह की जिस भावना से लिखा गया था, उसमें कितनी तड़प शामिल थी। इसका अंदाजा सिर्फ वह युवती ही लगा सकती थी जिसके लिये इसे लिखा गया।....बहुत अनुपम जानकारी..आभार.
इतिहास के गर्त में छुपा यह अद्भुत प्रेम पत्र दिलों की धड़कन बढ़ाने के लिए काफी है.
ऐसी जानकारियों का खजाना डाकिया बाबू के ही वश का है...तथास्तु !!
वाह डाकिया बाबू! काश कि यह पत्र संरक्षित होता.
कभी-कभी इक छोटी सी इबारत कितना बड़ा इतिहास बन जाती है. वाकई बेहद लाजवाब जानकारी.
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