देश की आजादी में अनेक महान विभूतियों-क्रान्तिकारियों, सत्याग्रहियों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान रहा है। इसके साथ ही आजादी में अनेक आन्दोलनों, घटनाओं, स्थानों एवं वस्तुओं की भी महती भूमिका रही। स्वतंत्र भारत में आजादी में इनके योगदान व महत्ता को दर्शाते डाक टिकट जारी किये गये। जब डाक टिकटों पर नए-नए समसामयिक व्यक्तित्व, घटनायें, स्थान, परम्परायें आदि चित्रित होने लगे तब डाक टिकटों के संग्रह की अवधारणा ही बदल गयी। परिणामतः समसामयिक डाक टिकट जीवंत ऐतिहासिक दस्तावेज बनते चले गए, जो अब सिक्कों की भाँति इतिहास-लेखन के नये सशक्त माध्यम (टूल्स ऑफ़ हिस्ट्री राइटिंग) के रूप में सामने आए हैं। वस्तुतः डाक टिकट इतिहास के झरोंखे हैं। प्रस्तुत पुस्तक द्वारा सुधी पाठकगण डाक टिकटों के माध्यम से सर्वथा नवीन शैली में भारतीय स्वाधीनता आन्दोंलन का परिचय पा सकेंगे।
पुस्तक-आजादी की कहानी, डाक टिकटों की जबानी
लेखक-गोपीचंद श्रीनागर
पृष्ठ- 100, प्रथम संस्करण-2007,
मूल्य- 125 रूपये
प्रकाशक-ग्रंथ अकादमी, 1659 पुराना दरियागंज, नई दिल्ली-110002
4 comments:
प्रस्तुत पुस्तक द्वारा डाक टिकटों के माध्यम से सर्वथा नवीन शैली में स्वाधीनता आन्दोंलन का परिचय पा सकेंगे। ....aise prayaso ka swagat hona chahiye.
सुन्दर प्रयास है आपका...इसी बहाने डाक-टिकटों से जुडी तमाम पुस्तकों से लोग परिचित होंगे.
पुस्तकें तो खूब निकल रही हैं, पर इनके प्रचार-प्रसार की भी जरुरत है. आपका प्रयास सराहनीय है.
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