स्वच्छ भारत के संकल्प के साथ डाक विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने गाँधी जयंती पर राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के क्रम में विभिन्न डाकघरों प्रशासनिक कार्यालयों में स्वच्छता शपथ ली। इलाहाबाद प्रधान डाकघर कैम्पस में स्थित पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय, प्रवर डाक अधीक्षक कार्यालय, पोस्टल स्टोर डिपो और प्रधान डाकघर के अधिकारियों/कर्मचारियों को इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने शपथ दिलाई। शपथ के तहत डाकघरों के साथ-साथ अपने घर, परिवार, मोहल्ले की स्वच्छता हेतु भी शपथ दिलायी गयी। सभी ने शपथ ली कि हर वर्ष 100 घंटे यानि कि हर सप्ताह 2 घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के संकल्प को चरितार्थ करेंगे और अन्य 100 व्यक्तियों को भी यह शपथ दिलायेंगे।
इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री एमई हक और निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने कैम्पस
में श्रमदान कर स्वच्छता हेतु लोगों को अभिपे्ररित किया। इसके बाद हर डाक अधिकारी व कर्मचारी ने तन्मयता से श्रमदान किया। इस दौरान यह निर्धारित हुआ कि प्रत्येक शुक्रवार को डाक विभाग के अधिकारी व कर्मचारी 2 घंटे श्रमदान करेंगे।
गाँधी जयंती पर उनकी स्मृतियों को सहेजते हुए डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक सेवाओं से महात्मा गाँधी जी का आत्मीय रिश्ता रहा है। उनके लिखे पत्र आज भी देश-दुनिया में धरोहर के रूप में सुरक्षित है। गाँधीजी पर सर्वाधिक डाक टिकट जारी होने का रिकार्ड भी है और भारत सहित अधिकतर देशों ने किसी न किसी रूप में उनपर डाक टिकट जारी किये हैं, जो उनकी लोकप्रियता और वर्तमान में प्रासंगकिता दोनों को दर्शाता है।
इस अवसर पर प्रवर डाक अधीक्षक श्री रहमतउल्लाह, सहायक निदेशक श्री टीबी सिंह, मधुसूदन मिश्रा, अधीक्षक पीएसडी श्री पीआर पाल, सीनियर पोस्टमास्टर श्री ओबी सिंह सहित हर अधिकारी-कर्मचारी ने श्रमदान में भाग लेकर स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाया।
स्वच्छता शपथ
महात्मा गाँधी ने हमें देश के लिए जीना सिखाया।
महात्मा गाँधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ के मांँ भारती को आजाद किया।
आओ हम संकल्प करें -
गंदगी दूर करना - यही भारत माता की बहुत बड़ी सेवा है।
मैं शपथ लेता/लेती हूँ कि:
-स्वयं स्वच्छता के लिए हर वर्ष 100 घंटे यानि कि हर सप्ताह दो घंटे श्रम दान करके स्वच्छता के संकल्प को चरितार्थ करूँगा/करूँगी।
-न गंदगी करूँगा/करूँगी, न गंदगी करने दूँगा/दूँगी।
-मैं सबसे पहले स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मोहल्ले से, मेरे कार्यस्थल से, स्वच्छता की शुरूआत करूँगा/करूँगी।
-हम सब जानते हैं कि दुनिया के वही देश स्वच्छ हैं, जिनके नागरिक गंदगी नहीं करते हैं।
-हम गाँव-गाँव, गली-गली स्वच्छता अभियान का प्रचार करते रहेंगे।
-मैं आज जो शपथ ले रहा हूँ/रही हूँ, यह शपथ 100 व्यक्तियों को भी दिलवाऊँगा/दिलवाऊँगी, जो हर साल 100 घंटे स्वच्छता के काम में देंगे।
-गाँधी जी के सपनों का भारत सिर्फ आजाद भारत नहीं, स्वच्छ साफ-सुथरा भारत है। इसके लिए मैं प्रतिबद्ध रहूँगा/रहूँगी।
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