Saturday, May 28, 2022

देश में पहली बार ड्रोन से डाक पार्सल की डिलीवरी, गुजरात के कच्छ जिले में 25 मिनट में 47 किमी दूर पहुंचाया पार्सल

भारतीय डाक सेवा ने देश में पहली बार ड्रोन से डाक पार्सल की डिलीवरी की है. यह डिलीवरी गुजरात के कच्छ में की गई है. ड्रोन ने 25 मिनट के समय में 47 किमी दूर पार्सल पहुंचाया है. बिना किसी परेशानी के ड्रोन के जरिए दो किलो का डाक पार्सल डिलीवर किया गया है.  

अब तक ड्रोन का इस्तेमाल फोटोग्राफी के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसका इस्तेमाल डाक पार्सल को एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए किया जा रहा है. देश में सबसे बड़े और सीमावर्ती जिले कच्छ में डाक विभाग द्वारा 27 मई, 2022 को एक नया सफल प्रयोग किया गया है. यहां ड्रोन से दो किलो के पार्सल की सफल डिलीवरी की गई है.   

25 मिनट में 47 किमी दूर पहुंचाया पार्सल 

भारतीय डाक विभाग द्वारा ड्रोन द्वारा डाक सेवा शुरू करने के लिए एक परीक्षण किया गया था, जिसमें भुज तहसील के हबाय पोस्ट ऑफिस से भचाऊ तहसील के नेर गांव पोस्ट ऑफिस तक 47 किमी रूट का चयन किया गया था और दो किलो पार्सल ड्रोन में रखकर भेजा गया था. यह ड्रोन पार्सल महज 25 मिनट में 47 किमी की दूरी तक अपने  निश्चित स्थान पर पहुंचा.  

इस परीक्षण में ड्रोन में दवा पार्सल लोड किया था जो ड्रोन के जरिए सफलतापूर्वक 25 मिनट में हबाय गांव से नेर गांव तक 47 किमी की दूरी तय करते हुए उतारा गया. ट्रायल बेस के सत्यापन के बाद अब लग रहा है कि सरकार की ओर से आधिकारिक जानकारी देकर ड्रोन डाक सेवा शुरू की जा सकती है. स्थानीय डाक विभाग की अधिकारियों सहित एक उच्च स्तरीय टीम की मौजूदगी में यह परीक्षण किया गया. इस परीक्षण के लिए दिल्ली से 4 सदस्यीय टीम भी आई है. डोरस्टेप बैंकिंग के बाद डाक विभाग अब ड्रोन डिलीवरी जैसी आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है.

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भारतीय डाक विभाग (INDIA POST) ने पहली बार पायलट परियोजना के तहत गुजरात के कच्छ जिले में ड्रोन की मदद से डाक पहुंचाई। डाक पहुंचाने के लिए जिस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, उसे गुरुग्राम के स्टार्टअप टेकईगल ने बनाया था। कंपनी ने कहा कि इस तरह के काम के लिए ड्रोन की यह पहली उड़ान थी। ड्रोन ने 46 किलोमीटर की दूरी आधे घंटे से भी कम समय में तय की। टेकईगल ने पिछले महीने देश की सबसे तेज गति की हाइब्रिड इलेक्टिक वर्टिकल टेक-आफ एंड लैंडिंग (VTOL) सेवा ‘वर्टिप्लेन एक्स3’ शुरू की थी। इसकी रेंज 100 किलोमीटर है और यह तीन किलोग्राम तक वजन का पार्सल अधिकतम 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ले जा सकता है। यह पांच गुणा पांच मीटर एरिया में हेलीकाप्टर की तरह लैंड करने के साथ ही उड़ान भर सकता है।

कंपनी ने वर्टिप्लेन एक्स3 को हाल ही में हुए ड्रोन महोत्सव में भी प्रदर्शित किया था। कंपनी ने कहा कि इस पायलट परियोजना का उद्देश्य ड्रोन डिलीवरी की तकनीकी व्यवहार्यता का परीक्षण करना था। इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता से भविष्य में ड्रोन द्वारा डाक की डिलीवरी करना संभव होगा।

टेकईगल के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी विक्रम सिंह मीणा ने बताया कि 27 मई को कंपनी के ‘वर्टिप्लेन एक्स3’ ने भुज तालुका के हाबे गांव से भारतीय डाक विभाग की डाक कच्छ जिले के भाचानू तालुका के नेर गांव में पहुंचाई। उन्होंने बताया कि यह एक ही उड़ान में सबसे लंबी ड्रोन डिलीवरी रही है।

टेकईगल के संस्‍थापक और सीईओ विक्रम सिंह मीणा ने बताया कि 27 मई को TechEagle के Vertiplane X3 ड्रोन ने गुजरात के भुज तालुका स्थित हबाय गांव से नेर गांव तक भारतीय डाक पहुंचाया था। उन्‍होंने कहा कि इस परियोजना का लक्ष्‍य देश के किसी भी हिस्‍से में, चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण, कम से कम समय में सामानों की डिलिवरी करना है।

Tuesday, May 24, 2022

Department of Posts releases special cover on 3 GI products - Banaras Zardozi, Banaras Hand Block Print and Banaras Wood Carving

Department of Posts released three special covers along with cancellation on Geographical Indications (GI) products of Varanasi - Banaras Zardozi, Banaras hand block prints and Banaras wood carvings. It was released by Postmaster General of Varanasi Region, Mr. Krishna Kumar Yadav along with Mr. Bhaskar Khulbe, former advisor to the Prime Minister and Padma Shri Dr. Rajni Kanth, GI Expert, at Head Post Office, Varanasi on 23.05.2022.

On this occasion, Mr. Bhaskar Khulbe appreciated the initiative of Department of Posts for releasing special covers on GI products and said that it would give a new identity to the GI products at national & international level. Varanasi Postal Department is leading by issuing the maximum number of special covers on GI products across the country. Realizing the concept of 'AatmaNirbhar Bharat', GI products are able to build their branding globally as well national level and transforming the concept from 'Local' to 'Global'. GI products can be defined as 'Gifts from India' also. Mr. Khulbe said that GI products are being delivered directly from the producers to the consumers by postman through Postal Dept. The economy has also benefited greatly from this. The way Prime Minister Mr. Narendra Modi himself has taken the initiative to promote GI products, it is getting new identity from local to global form and also being vocal for local.

Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that the GI products of Varanasi have a unique identity across the world and this art has been preserved by the artisans here for centuries. Varanasi Region has released 11 special covers on GI  related to Varanasi. Through these special covers, the traditional handicrafts, workmanship and culture of Banaras will be promoted in the country and abroad. Mr. Yadav said that special cover on 6 GI products related to Varanasi – Banaras Brocade and Sarees, Banaras Pink Minakari Craft, Varanasi Soft Stone Jali Work, Varanasi Wooden Lacquerware Toys, Banaras Metal Repose Craft and Varanasi Glass Beads has already been issued. Since the reach of the Department of Posts is universal, GI products will also reach door to door through this. While GI products are being sent abroad through International Business Center, now their dispatch is being made more smooth by setting up of Parcel Packaging Unit.

GI Expert Padma Shri Dr. Rajni Kanth said that Varanasi is having privilege to have 18 GI products out of 34 of Uttar Pradesh, with an annual turnover of about Rs 22,500 crore. Around 20 lakh artisans are associated with GI products in and around Varanasi. At present, 10 more products from Varanasi are in the process of getting GI tag. Efforts are on to get GI tag for agro products, horticulture products, special rice and sweets in the coming days.

On this occasion, Senior Superintendent of Post Office, Varanasi East Division Rajan, Superintendent of Post Office,  Senior Post Master CS Barua, Assistant Director Brijesh Sharma, Assistant Superintendent S.K. Chaudhary, Pankaj Srivastava, Suresh Chandra, RK Chauhan, Ajay Kumar.  Naresh Bara along with the artisans and experts related to GI products were present.




India Post gave new identity to GI products by issuing special covers- Bhaskar Khulbe, former advisor to the Prime Minister

GI products are reaching every corner of the country and the world  through Postal Dept. - Postmaster General KK Yadav

Varanasi is having privilege to have 18 GI products out of 34 of Uttar Pradesh - Padma Shri Rajinikant



डाक विभाग ने जीआई उत्पादों- बनारस जरदोज़ी, बनारस हैण्ड ब्लॉक प्रिंट और बनारस लकड़ी की नक्काशी पर जारी किया विशेष आवरण

भारतीय डाक विभाग द्वारा प्रधान डाकघर, वाराणसी में आयोजित एक कार्यक्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे श्री भाष्कर खुल्बे और जीआई एक्सपर्ट पद्मश्री डॉ. रजनीकांत संग तीन जीआई यानी भौगोलिक संकेतक उत्पादों - बनारस जरदोज़ी, बनारस हैण्ड ब्लॉक प्रिंट और बनारस लकड़ी की नक्काशी पर 23 मई, 2022 को विशेष आवरण और विरूपण जारी किया। इसी के साथ अब तक वाराणसी क्षेत्र से संबंधित 11 जीआई उत्पादों पर डाक विभाग विशेष आवरण जारी कर चुका है।


इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार रहे श्री भाष्कर खुल्बे ने डाक विभाग की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे  राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीआई उत्पादों को नई पहचान मिलेगी। जीआई उत्पाद ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को साकार करते हुए वैश्विक स्तर पर भी अपनी ब्रांडिंग बनाने में कामयाब हो रहे हैं और ‘लोकल’ से ‘ग्लोबल’ की अवधारणा को फलीभूत कर रहे हैं। जीआई सिर्फ भौगोलिक संकेतक मात्र नहीं बल्कि ‘गिफ्ट फ्रॉम इंडिया’ भी हैं।वाराणसी डाक क्षेत्र देश भर में जी. आई. उत्पादों पर सबसे ज्यादा विशेष आवरण जारी करके अग्रणी रहा है। श्री खुल्बे ने कहा कि जीआई उत्पादों को डाक विभाग के माध्यम से सीधे उत्पादकों से लेकर उपभोक्ताओं तक डाकिया द्वारा पहुँचाया जा रहा है। इससे अर्थव्यवस्था को भी काफी फायदा होगा। स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जिस तरह से जीआई उत्पादों को आगे बढ़ाने की पहल की है, उससे इसे ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ रूप में नए आयाम मिल रहे हैं।



 पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि वाराणसी के जीआई उत्पाद विश्व भर में अनोखी पहचान रखते हैं और इस कला को यहाँ के कारीगरों ने पुश्त दर पुश्त सदियों से सहेज रखा है। इन विशेष आवरण (लिफाफों) के माध्यम से बनारस की पारम्परिक हस्तशिल्प, कारीगरी और यहाँ की संस्कृति देश -विदेश में प्रचार-प्रसार पायेगी। श्री यादव ने कहा कि इससे पूर्व भी वाराणसी जिले से संबंधित 06 जीआई उत्पादों - बनारस ब्रोकेड और साड़ी, बनारस गुलाबी मीनाकारी क्रॉफ्ट, वाराणसी सॉफ्ट स्टोन जाली वर्क, वाराणसी लकड़ी के लाख और खिलौने, बनारस मेटल रिपोज क्रॉफ्ट और वाराणसी ग्लास बीड्स पर विशेष आवरण और विशेष विरूपण जारी किया जा चुका है। चूँकि डाक विभाग की पहुँच सर्वत्र है, ऐसे में इसके माध्यम से जीआई उत्पाद भी घर-घर पहुंच सकेंगे। इंटरनेशनल बिजनेस सेंटर के माध्यम से जहाँ जीआई उत्पाद विदेशों में भेजे जा रहे हैं, वहीं अब पार्सल पैकेजिंग यूनिट की स्थापना कर इनका प्रेषण और भी सुचारू बनाया जा रहा है।




 जीआई एक्सपर्ट पद्मश्री डॉ. रजनीकांत ने कहा कि एक भूक्षेत्र में सर्वाधिक जीआई का रिकार्ड भी वाराणसी के नाम है। उत्तर प्रदेश के 34 में से 18 जीआई उत्पाद वाराणसी और इसके आसपास के जिलों से हैं, जिनका सालाना कारोबार करीब 22,500 करोड़ रूपये का है। जीआई उत्पादों से वाराणसी और आसपास के लगभग 20 लाख कारीगर जुड़े हुए हैं। अभी वाराणसी के 10 और उत्पादों को जीआई टैग मिलने की प्रक्रिया चल रही है। आने वाले दिनों में बनारस के एग्रो उत्पाद, हॉर्टिकल्चर उत्पाद, विशिष्ट चावल और मिठाईयों को भी जीआई टैग दिलवाने का प्रयास जारी है। 

इस अवसर पर वाराणसी पूर्व मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर राजन, सीनियर पोस्ट मास्टर चंद्रशेखर सिंह बरुआ, सहायक निदेशक ब्रजेश शर्मा, सहायक अधीक्षक एसके चौधरी, आरके चौहान, पंकज श्रीवास्तव, अजय कुमार, सुरेश चन्द्र, नरेश बारा सहित डाक विभाग के तमाम अधिकारी-कर्मचारीगण, जीआई उत्पाद से जुड़े कारीगर और विशेषज्ञ इत्यादि उपस्थित रहे।






डाक विभाग ने जीआई उत्पादों- बनारस जरदोज़ी, बनारस हैण्ड ब्लॉक प्रिंट और बनारस लकड़ी की नक्काशी पर जारी किया विशेष आवरण

जीआई उत्पादों पर विशेष आवरण जारी कर डाक विभाग ने दी नई पहचान - भाष्कर खुल्बे, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार

डाक विभाग के माध्यम से जीआई उत्पाद पहुँच रहे देश-दुनिया के कोने में - पोस्टमास्टर जनरल केके यादव

उत्तर प्रदेश के 34 में से 18 जीआई उत्पाद वाराणसी क्षेत्र के -पद्मश्री रजनीकांत

Monday, May 23, 2022

पहली बार न जाने किसने मुझको ऐसा पत्र लिखा...

 पहली बार न जाने किसने, मुझको ऐसा पत्र लिखा,

अपनेपन का संबोधन दे, मुझको अपना मित्र लिखा।


उसने लिखा कि प्रियवर मेरे

 धीरज अपना मत खोना,

मिलते ही एकांत कहीं पर

फूट-फूट कर मत रोन।


जन्म-जन्म के संबंधों का ब्योरा बहुत विचित्र लिखा,

पहली बार न जाने किसने मुझको ऐसा पत्र लिखा। 


फिर यह लिखा कि मन कन्चन मृग

इसके पीछे मत जाना

सुख-दुःख से ही बना हुआ है

दुनिया का ताना-बाना।


अग्निपरीक्षा जैसा ही कुछ, आंसू भरा प्रपत्र लिखा,

पहली बार न जाने किसने मुझको ऐसा पत्र लिखा।


यह भी लिखा दुःखी मत होना

तुम गीतों में जी लेना,

अपनी पीड़ा घुटन छिपा कर

सारे आंसू पी लेना।


फिर फिर कोने में तिथि अंकित की, घर का नाम पवित्र लिखा

पहली बार न जाने किसने मुझको ऐसा पत्र लिखा।


पढ़कर उसकी व्यथा कथा को

हम उस रात बहुत रोए

सदियां बीत गई हैं तब से

उसके बाद नहीं सोए।

 

जो कुछ लिखा, बहुत गहरा था, जैसे राम-चरित्र लिखा

पहली बार न जाने किसने मुझको ऐसा पत्र लिखा।


- राजकुमारी रश्मि


(साभार : सरस्वती सुमन पत्रिका)

Friday, May 20, 2022

खत लिखूं मैं इक गुलाबी

दिल, अभी यह चाहता है

खत लिखूं मैं इक गुलाबी  


संग सखियों के पुराने

दिन सुहाने याद करना।

और छत पर बैठकर

चाँद से संवाद करना।


डाकिया आता नहीं अब,

ना महकते खत जबाबी।

दिल अभी यह चाहता है

खत लिखूँ मै इक गुलाबी।


सुर्ख मुखड़े के खुशी की

चाँदनी जब झिलमिलाई।

गंध गीली याद की, हिय

प्राण, अंतस में समाई।


सुबह, दुपहर, साँझ, साँसें

गीत गाती हैं खिताबी।

दिल अभी यह चाहता है

खत लिखूँ मै इक गुलाबी।


मौसमी नव रंग सारे

प्रकृति में कुछ यूँ समाये

नेह के आँचल तले, हर

एक दीपक मुस्कुराये।


छाँव बरगद की नहीं, माँ

बात लगती हैं किताबी।

दिल अभी यह चाहता है

खत लिखूँ मैं इक गुलाबी।


 - शशि पुरवार


(साभार : सरस्वती सुमन पत्रिका)

Thursday, May 19, 2022

India Post implementing innovations in the field of Mails and Parcel - Postmaster General Krishna Kumar Yadav

Department of Posts organized a customer meet on Mails and Parcel business on 18th May, 2022. The meeting was inaugurated by Mr. Krishna Kumar Yadav, Postmaster General of Varanasi Region which was held in the conference room of Varanasi Cantt Head Post Office. Details of all the innovations and facilities introduced in the field of Mails and Parcel were given through power point presentation. Postal officers interacted with representatives of various firms and important customers, their suggestions and feedbacks regarding services were taken and their problems were also resolved.

Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that Mails and Parcel are the basic services of the Department of Posts. Due to modernization of Parcel services and providing better facilities to the customers, there has been a increase of 63% in Parcel revenue in Varanasi Region during the last financial year. Booking, sorting and delivery of Parcels have been made more efficient through International Business Center, Parcel Hub, Nodal Delivery Center. Facility of online track and trace has also been provided for accountable mails. Due to the continuous growth in e-commerce, the Department of Posts has focused on modernization of Parcel services to provide better and customer oriented facilities to the customers. A new transport policy has been formulated by the Department for speedy conveyance and delivery of Mails and Parcel.

Postmaster General, Mr. Krishna Kumar Yadav, while discussing about the innovation introduced and implemented regarding Parcel services, said that under the pilot project, Parcel packing units will soon be established at Varanasi and Varanasi Cantt Head Post Offices for the customers. In order to expansion of services, facility of return pickup of Parcels, OTP based delivery, booking and delivery of Parcels through smart machines will also be provided in coming days. Soon, new rates of postage fee will be implemented by reducing the charges for cash-on-delivery items and insured items. Mr. Yadav said that convenient facility to book Parcel by volumetric weight for national and international destinations through cash and digital payment QR code is available in every Post Office in Varanasi Region. On-spot custom clearance facility is made available for international Parcel booking in International Business Centre at Cantt Head Post Office premises. Online dashboards have also been developed to monitor the entire process of parcel processing, which is being monitored at every level.

On this occasion, Senior Superintendent of Post Office, Varanasi East Division Mr. Rajan, Superintendent of Posts Mr. P.C. Tiwari, Assistant Director Mr. Krishna Chandra, Mr. Brajesh Sharma, Senior Postmaster Varanasi Mr. Chandrashekhar Singh Barua, Postal Inspector Mr. Shrikant Pal, Mr. V.N. Dwivedi, Postmaster of Varanasi Cantt Head Post Office Mr. RS Verma along with representatives of various corporate institutions, departments attended the meeting. Postmaster General also felicitated all the customers at the end of the programme.

Postal Department implementing innovations in the field of Mails and Parcel - Postmaster General Krishna Kumar Yadav

Customers apprised about new facilities introduced by the Department of Posts by organizing a customer meet

Parcel Packaging Unit to be set up at Varanasi and Cantt Head Post Office - Postmaster General Krishna Kumar Yadav

डाक विभाग द्वारा मेल एवं पार्सल के क्षेत्र में किये जा रहे तमाम नवाचार -पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग द्वारा मेल एवं पार्सल व्यवसाय पर 18 मई, 2022 को ग्राहक सम्मलेन का आयोजन किया गया। कैंट प्रधान डाकघर स्थित सम्मलेन कक्ष में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने इसका शुभारम्भ किया। इस अवसर पर डाक विभाग द्वारा मेल एवं पार्सल सेवाओं के क्षेत्र में किये जा रहे तमाम नवाचारों और सुविधाओं के बारे में पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के द्वारा विस्तार से जानकारी दी गयी। विभिन्न फर्मों और ग्राहकों से संवाद कर सेवाओं के बारे में उनके सुझाव लिए गए और उनकी समस्याओं का निस्तारण किया गया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि मेल और पार्सल डाक विभाग की आधारभूत सेवाएँ हैं। पार्सल सेवाओं के आधुनिकीकरण और ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं दिए जाने से वाराणसी क्षेत्र में गत वित्तीय वर्ष में पार्सल राजस्व में 63 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है। पार्सल हेतु इंटरनेशनल बिजनेस सेंटर, पार्सल हब, नोडल डिलीवरी सेंटर के माध्यम से बुकिंग, छंटाई और वितरण को और प्रभावी बनाया गया है। ऑनलाइन ट्रेस एंड ट्रैक की सुविधा भी दी गई है। ई-कॉमर्स में निरंतर वृद्धि के चलते डाक विभाग ने पार्सल सेवाओं के आधुनिकीकरण पर ध्यान देते हुए ग्राहकों को बेहतर सुविधाएँ दी हैं। मेल व पार्सल के द्रुत गति से निस्तारण के लिए विभाग द्वारा नई ट्रांसपोर्ट नीति बनायी गयी है। 


पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने पार्सल सेवाओं के बारे में नवाचार की चर्चा करते हुए बताया कि डाकघरों में पार्सल भेजने वाले ग्राहकों के लिए पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत वाराणसी और वाराणसी कैण्ट प्रधान डाकघर में जल्द पार्सल पैकिंग यूनिट की स्थापना की जायेगी। सेवाओं के विस्तार के इसी क्रम में आने वाले दिनों में पार्सल के रिटर्न पिकअप, ओटीपी आधारित वितरण, स्मार्ट मशीन के माध्यम से पार्सलों की बुकिंग व वितरण की सुविधा भी मुहैया करायी जायेगी। शीघ्र ही कैश-ऑन-डिलेवरी वस्तुओं और बीमित वस्तुओं के शुल्क में भी कमी कर डाक शुल्क की नयी दरें लागू की जाएंगी। श्री यादव ने कहा कि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों के लिए वाल्युमेट्रिक वजन के अनुसार पार्सल को बुक करने की सहज सुविधा कैश एवं डिजिटल पेमेंट क्यूआर कोड से वाराणसी परिक्षेत्र के प्रत्येक डाकघर में उपलब्ध है। अंतर्राष्ट्रीय पार्सल बुकिंग के लिए ऑन स्पॉट कस्टम क्लियरेंस की सुविधा उपलब्ध है। पार्सल प्रोसेसिंग की सम्पूर्ण प्रक्रिया की निगरानी के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड भी बनाए गये हैं जिसकी निगरानी प्रत्येक स्तर पर की जा रही है। 

 इस अवसर पर वाराणसी पूर्वी मण्डल के प्रवर अधीक्षक डाकघर श्री राजन, डाक अधीक्षक श्री पी.सी. तिवारी, सहायक निदेशक श्री कृष्ण चंद, श्री ब्रजेश शर्मा, सीनियर पोस्टमास्टर वाराणसी श्री चन्द्रशेखर सिंह बरुआ, डाक निरीक्षक श्री श्रीकांत पाल, श्री वी.एन. द्विवेदी, वाराणसी कैंट प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर श्री रमाशंकर वर्मा सहित विभिन्न कॉरपोरेट संस्थानों, विभागों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के अंत में सभी विशिष्ट ग्राहकों को पोस्टमास्टर जनरल ने सम्मानित भी किया।









डाक विभाग द्वारा मेल एवं पार्सल के क्षेत्र में किये जा रहे तमाम नवाचार -पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग द्वारा ग्राहक सम्मेलन का आयोजन कर नई सुविधाओं के बारे में दी गयी जानकारी

वाराणसी और कैण्ट प्रधान डाकघर में होगी पार्सल पैकेजिंग यूनिट की स्थापना - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

Wednesday, May 18, 2022

Department of Posts enters into partnership with GeM and CSC : More than 1.3 lakh CSC outlets of DoP would facilitate onboarding of sellers on the GeM

Department of Posts has signed an Memorandum of understanding (MoU) with Government e-Marketplace [GeM] and CSC e-Governance Services India Ltd. [CSC-SPV] for the advocacy, outreach, mobilization and capacity-building of last-mile Government buyers, sellers and service providers in public procurement. The MoU was signed by Shri PK Singh, CEO, GeM, Shri Sanjay Kumar Rakesh, CEO, CSC-SPV and Shri Ajay Kumar Roy, Chief General Manager, Parcel Directorate, Department of Posts in New Delhi on 18th May 2022.

The MoU was conceived after the successful integration of GeM and India Post on 05th May 2022. With this integration, it is now possible for all Government buyers, sellers and service-providers to avail the logistics services and facilities over GeM through the India Post offices located in the remotest parts of India.  In addition, more than 1.3 lakh CSC outlets of DoP would facilitate onboarding of sellers on the GeM.

This tie-up between Department of Posts and GeM will enable sellers to opt for DoP services of pickup, booking, transmission and delivery from their profile page on GeM portal. Department of Posts has deployed seamless data exchange with all its customers through Application Programme Interface (API). The partnership between GeM and DoP involves integration of DoP and GeM system for seller registration in DoP system, Pincode validation, tariff calculation, pickup, booking, barcode generation, Label generation, Cancellation of in-transit shipments and Tracking. 

DoP will also guide and train 6000+ CSCs with regard to various postal products and services that are offered and packaging of consignments as per Department of Posts Shipment Packaging Policy.

Speaking at the ceremony Shri Alok Sharma, Director General, Postal Services said that “the new partnership with GeM and CSC-SPV will propel India Post as the preferred logistics service provider for sellers on GeM portal thereby ensuring a high-quality of service and faster delivery of e-commerce benefits through last-mile physical connectivity, across 1.5 lakh+ India Post Offices.”

The MoU will spur local value-chains through “Vocal for Local” and “Make in India” initiatives of the Government, thereby furthering the aim of ensuring a self-reliant “Atmanirbhar Bharat”.

Department of Posts enters into partnership with GeM and CSC

Strives for outreach, mobilization and capacity-building of last-mile Government buyers, sellers and service providers in public procurement

Will enable Government buyers, sellers and service providers to avail the logistics services and facilities over GeM through Post offices located in remotest parts of India

More than 1.3 lakh CSC outlets of DoP would facilitate onboarding of sellers on the GeM

Tuesday, May 17, 2022

कर्नाटक : अब डाक विभाग के माध्यम से लोगों तक पहुँचेंगे आम

कर्नाटक स्टेट मैंगो डेवलपमेंट एंड मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड ने भारतीय डाक विभाग के साथ ग्राहकों के दरवाजे पर आम (Alfanso, Badami, Hapus, Mallika) पहुंचाने की योजना शुरू कर दी है।

निगम के अधिकारियों के अनुसार निगम और भारतीय डाक ने ऑनलाइन बिक्री के लिए एक वेब पोर्टल लांच किया है। यह योजना दो साल पहले शुरू हुई थी। वर्ष 2020 में कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार और भारतीय डाक ने ऑनलाइन मार्केटिंग और डाक सेवाओं का उपयोग करके उपभोक्ताओं को रामनगर, चिकबल्लापुर और कोलार जिलों के किसानों से आमों को वितरित करना शुरू किया। इस पहल की सफलता के बाद निगम ने 2021 में इंडिया पोस्ट के माध्यम से आमों की डिलीवरी जारी रखी और इस साल भी विभाग को ग्राहकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है।

निगम के प्रबंध निदेशक सीजी नागराजू ने कहा कि पिछले दो वर्षों से किसानों और ग्राहकों दोनों को इस पहल से लाभ हुआ है। 2020 में राज्य भर में कुल 35 हजार ग्राहकों को कुल 100 टन आम की आपूर्ति की गई और 2021 में कम उपज के बावजूद 45 हजार उपभोक्ताओं को 79 टन आम बेचा गया। इससे पता चलता है कि ग्राहक ऑनलाइन किसानों से अच्छी गुणवत्ता वाले आम खरीदने में रुचि रखते हैं।

इस तरह पहुंचेंगे आम

पोर्टल में किसानों के नाम और मोबाइल नंबर और उनके द्वारा उगाए गए फलों की किस्में हैं। ग्राहक द्वारा ऑर्डर देने के बाद किसान को एक टेक्स्ट संदेश प्राप्त होगा। किसान तब फलों को पैक करेगा और उन्हें जीपीओ, बेंगलूरु भेज देगा। जीपीओ से बक्सों को उनके संबंधित गंतव्यों के लिए भेज दिया जाएगा।

गौरतलब है कि कर्नाटक भारत के शीर्ष आम उत्पादकों में से एक है, जो बेंगलूरु ग्रामीण, कोलार, चिकबल्लापुर, धारवाड़ और रामनगर जैसे 16 जिलों में 1.68 लाख हेक्टेयर में फसल की खेती करता है। कर्नाटक बादामी, मल्लिका, नीलम, मालगोवा, कलापद, सिंधुरा, अल्फांसो, तोतापुरी और आम की अन्य किस्में पैदा करता है।

Saturday, May 14, 2022

स्कूली बच्चों का डाकघरों में आसानी से हो सकेगा आधार पंजीकरण, पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने दिए निर्देश

परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के आधार पंजीकरण को लेकर डाक विभाग ने पहल की है और अब इन बच्चों का डाकघरों में आसानी से आधार पंजीकरण हो सकेगा। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव से मुलाकात कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, वाराणसी डॉ. राकेश सिंह ने इस संबंध में अनुरोध किया, जिसे स्वीकारते हुए उन्होंने इस पर त्वरित कार्यवाही के आदेश दिए हैं। इसके अलावा इन बच्चों और उनके अभिभावकों के डाक विभाग द्वारा इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक में खाते भी खोले जायेंगे ताकि डीबीटी के तहत मिलने वाली शासकीय योजनाओं का लाभ भी इन्हें तुरंत प्राप्त हो सके। 

पोस्टमास्टर जनरल ने परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाली बच्चियों के सुकन्या समृद्धि खाता खोलने की पहल पर भी जोर दिया, ताकि इन बच्चियों का भविष्य अभी से सुरक्षित किया जा सके। प्रधानमंत्री द्वारा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत आरम्भ इस योजना में मात्र 250 रूपये से 10 साल तक की बच्चियों का सुकन्या खाता खुलवाया जा सकता है। इसी क्रम में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य हेतु  डाकघरों में न्यूनतम 500 रुपये से पीपीएफ खाते भी खुलवाए जा सकेंगे।

वाराणसी पश्चिमी मंडल के अधीक्षक डाकघर श्री पीसी तिवारी ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल महोदय के निर्देशानुसार समय-समय पर डाक विभाग द्वारा आधार नामांकन और अपडेशन के लिए विशेष कैम्पों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में अब परिषदीय स्कूलों के बच्चों के लिए भी चिन्हित डाकघरों में शीघ्र विशेष व्यवस्था की जाएगी, ताकि उन्हें इसके लिए परेशान न होना पड़े। डाकघरों में आधार नामांकन पूर्णतया निःशुल्क है। इसके अलावा ऑनस्पॉट बच्चों और उनके अभिभावकों के आईपीपीबी खाते और सुकन्या समृद्धि योजना खाते भी खोले जायेंगे।

 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, वाराणसी डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश के क्रम में स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत वाराणसी जनपद के परिषदीय विद्यालयों में 78,000 बच्चों का नामांकन किया गया है, जिनमें से एक बड़ी संख्या में बच्चों का आधार पंजीकरण नहीं हुआ है। डाकघरों में इन बच्चों के आधार पंजीकरण और बच्चों/अभिभावकों के खाते खोलने हेतु विशेष व्यवस्था करने से काफी सहूलियत होगी।




पहल : स्कूली बच्चों का डाकघरों में आसानी से होगा आधार पंजीकरण, डीबीटी हेतु भी तुरंत खुलेंगे खाते

Sunday, May 8, 2022

पहल : अब डाकघरों में भी यू.पी.आइ आधारित क्यूआर कोड से होगा भुगतान, स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री, पार्सल की बुकिंग हेतु कैश की जरूरत नहीं

डाकघरों में काउंटर्स पर नकद की समस्या से निजात और डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन देने हेतु देश भर के सभी डाकघरों के बुकिंग काउंटरों पर क्यू.आर. कोड लगाये गए हैं, जिन्हें स्कैन कर ग्राहक यू.पी.आई के माध्यम से डिजिटल भुगतान कर सकते हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के ढाई हजार से ज्यादा डाकघरों के ग्राहक लाभान्वित होंगे। इसके अलावा रेलवे डाक सेवा में स्थित काउंटर्स पर भी ये क्यू.आर. कोड लगाए गए हैं, जहाँ देर रात तक बुकिंग की सुविधा उपलब्ध होती है। हालांकि नकद रकम देकर डाक वस्तुओं की बुकिंग का कार्य भी पूर्व की ही भांति होता रहेगा।  इसी क्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के सभी 6 प्रधान डाकघरों और 268 उप डाकघरों में डाक विभाग ने डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था के लिए क्यू.आर. कोड से यू.पी.आइ आधारित आनलाइन भुगतान की सुविधा ग्राहकों के लिए उपलब्ध करा दी है। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। इसमें वाराणसी के 86, जौनपुर के 54, गाजीपुर के 54, बलिया के 48, चंदौली के 18 और संत रविदास नगर (भदोही) के 14 डाकघर शामिल हैं।  

वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघरों में स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री पत्र, रजिस्टर्ड पार्सल, रजिस्टर्ड फॉरेन पत्र, व अन्य रजिस्टर्ड आर्टिकल्स, इंटरनेशनल एयर पार्सल, एरोग्राम इंटरनेशनल, फ्रैंकिंग मशीन रिचार्ज, बिजनेस पोस्ट, बिल मेल सेवा, विभागीय परीक्षा शुल्क इत्यदि के चार्ज का भुगतान अब कैश के अलावा डिजिटल पेमेंट के माध्यम से भी हो सकेगा। पत्र/पार्सलों की बुकिंग के दौरान काउंटर क्लर्क द्वारा पॉइंट ऑफ सेल पर पत्र के प्रेषक व प्राप्तकर्ता की सभी जानकारियों को दर्ज करने के उपरांत ग्राहक को रकम बताई जायेगी और क्यू.आर. कार्ड को स्कैन कर भुगतान की प्रक्रिया संपन्न करने को कहा जाएगा। उक्त क्यू आर कोड को स्कैन कर किसी भी यू.पी.आई पेमेंट मोबाइल एप्लीकेशन जैसे डाक पे, गूगल पे, फोन पे, पेटीएम, एमेजन पे आदि के द्वारा भुगतान किया जा सकेगा। भुगतान की प्रक्रिया ग्राहक द्वारा पूर्ण करने पर सॉफ्टवेयर सेन्ट्रल सर्वर से भुगतान संपन्न होने की जानकारी लेगा और ग्राहक की रसीद प्रिंट हो जाएगी।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाकघरों में इस सेवा के शुरू होने से ग्राहकों की सुविधाओं में इजाफा होने के साथ-साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। इससे डाकघरों में आए हुए ग्राहकों को फुटकर पैसों की समस्या से राहत मिल जाएगी और काउंटर पर बैठे डाक सहायक को भी नकद लेन-देन से छुटकारा प्राप्त हो जाएगा और समय की भी बचत होगी।