हाईटेक समाज में वर्चुअल होते रिश्तों के बीच राखी के रेशम धागों की अहमियत अभी भी बरकरार है। डाक विभाग ने भी इस त्यौहार को लेकर तमाम तैयारियाँ की। डाक विभाग ने जहाँ राखी भेजने हेतु वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे की व्यवस्था की, वहीं देर शाम तक डाकिया लोगों की राखी-डाक वितरित करते रहे, ताकि किसी भाई की कलाई सूनी न रह जाये। लोगों ने अपनी ख़ुशी का इजहार डाक विभाग को शुक्रिया कहकर किया। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों से 1.15 लाख से ज्यादा राखियाँ देश-विदेश में भेजी गईं, वहीं देश-विदेश से प्राप्त 1.76 लाख राखी डाक का वितरण यहाँ डाकघरों द्वारा किया गया। रक्षाबंधन के लिए डाक वितरण के विशेष प्रबंध किए गए। अकेले 30 अगस्त को लगभग 23 हजार राखी डाक का वितरण वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों द्वारा लोगों को किया गया।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि रक्षाबंधन की महत्ता सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी खूब देखी गई। संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, सऊदी अरब, फ़्रांस, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, ओमान इत्यादि तमाम देशों में 1,125 राखी डाक स्पीड पोस्ट और रजिस्टर्ड पत्र द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों से भेजी गईं। वहीं विदेशों में रह रही बहनों ने भी अपने भाइयों को डाक विभाग के माध्यम से राखी भेजा, जिन्हें डाकिया के माध्यम से तुरंत वितरित कराया गया।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग ने राखी डाक की बुकिंग के साथ-साथ स्पेशल सॉर्टिंग और इनके त्वरित वितरण हेतु डाकघरों से लेकर रेलवे मेल सर्विस और सॉर्टिंग हब तक में विशेष प्रबंध किये। आज भी डाक अपना संदेश भेजने का सबसे सरल और सुलभ माध्यम है, ऐसे में रक्षाबंधन पर ज्यादातर राखियां डाक से ही भेजी जाती हैं। चिट्ठियों के माध्यम से खुशियां बिखेरते रहने वाले डाक विभाग ने रिश्तों के इस त्यौहार को भी एक नया आयाम दिया है।
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