हिन्दी हमारी अन्तरात्मा और भावनाओं की भाषा है जो साहित्य-कला-संस्कृति की त्रिवेणी को एकाकार करती है। सृजन एवं अभिव्यक्ति की दृष्टि से यह दुनिया की अग्रणी भाषाओं में से एक है। डिजिटल क्रान्ति के इस युग में हिन्दी इन्टरनेट की दुनिया में भी तेजी से पाँव पसार रही है। आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया और ब्लाॅगिंग के माध्यम से हिन्दी को नये रूप में स्वीकार रही है। उक्त उद्गार मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने 'हिंदी पखवाड़ा' के समापन अवसर पर वाराणसी प्रधान डाकघर में 27 सितम्बर को आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हिन्दी में विश्व भाषा बनने की क्षमता है। आज हिन्दी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों में बोली जाती है। विश्व के लगभग 150 विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जाती है। दुनिया में चीनी भाषा के बाद हिन्दी बोलने वालों की संख्या सर्वाधिक है। आज जहाँ कम्प्यूटर एवं इंटरनेट पर हिन्दी की लोकप्रियता चरम पर है, वहीं विदेशों से लोग भारत में हिन्दी सीखने के लिए आ रहे है। श्री यादव ने हिन्दी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज परिवर्तन और विकास की भाषा के रूप में हिन्दी के महत्व को नये सिरे से रेखांकित किया जा रहा है। डाक निदेशक श्री यादव ने जोर देकर कहा कि ऐसे में हिन्दी की प्रतिष्ठा के लिये सरकारी कार्यक्रमों से परे अगर हर हिन्दी भाषी ठान ले कि उसे हिन्दी में ही कार्य करना है तो हिन्दी को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव का प्रवर डाक अधीक्षक श्री राज किशोर ने स्वागत किया और हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित कार्यक्रमों की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्रवर डाक अधीक्षक, वाराणसी पूर्वी मंडल श्री राज किशोर ने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा के साथ-साथ राजभाषा भी है और लोगों तक पहुँच स्थापित करने के लिए टेक्नॅालाजी स्तर पर इसका व्यापक प्रयोग करने की जरूरत है। डाक अधीक्षक, वाराणसी पश्चिमी मंडल श्री टी.बी. सिंह ने कहा कि हिंदी पूरे देश को जोड़ने वाली भाषा है और सरकारी कामकाज में भी इसे बहुतायत में अपनाया जाना चाहिये।
निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने इस अवसर पर हिंदी पखवाड़ा के दौरान प्रवर डाक अधीक्षक एवं वाराणसी प्रधान डाकघर में आयोजित कार्यक्रम के विजेताओं को सम्मानित भी किया। प्रवर अधीक्षक कार्यालय में निबंध प्रतियोगिता हेतु संदीप कुमार गुप्ता, सुप्रीता गुप्ता, अंकिता मिश्रा एवं टंकण प्रतियोगिता हेतु मुरारी लाल, संदीप कुमार गुप्ता, प्रतिमा मिश्रा को क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया। इस क्रम में वाराणसी प्रधान डाकघर में हिन्दी टंकण हरि शंकर यादव, अभिषेक पांडेय, रितु शर्मा, निबन्ध मुनव्वर अली, रंजना प्रजापति, अब्दुल कादिर क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन गणेश प्रसाद ने किया। कार्यक्रम में आभार सीनियर पोस्टमास्टर श्री एच जी वर्मा द्वारा किया गया।
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